ये स्थिति टीम इंडिया के इतिहास में कम ही आई है जब किसी सीरीज में एक तेज गेंदबाज ने बाजी पलटी हो. ज्यादातर मौकों पर या तो बल्लेबाजों ने कमाल किया या फिर स्पिन गेंदबाजों ने. अब बात जसप्रीत बुमराह की हो रही है.
करोड़ों भारतीयों को बल्लेबाजी में जो उम्मीदें विराट कोहली से रहती हैं, गेंदबाजी में वैसे ही जसप्रीत बुमराह से. ये बुमराह की गेंदबाजी का ही कमाल है कि दिग्गज गेंदबाज कपिल देव ने स्वीकार किया कि बुमराह ने उन्हें गलत साबित कर दिया.
दरअसल, भारत के महान ऑलराउंडर कपिल देव को लगता था कि बुमराह अपने गेंदबाजी एक्शन से ज्यादा कामयाबी हासिल नहीं कर पाएंगे. खैर, फिलहाल स्थिति ये है कि 2018 में टीम इंडिया ने जो भी टेस्ट मैच जीते हैं, उसमें जसप्रीत बुमराह का योगदान जबरदस्त हैं.
इस सीरीज में भी अब तक खेले गए 3 टेस्ट मैचों में जसप्रीत बुमराह 20 विकेट झटक चुके हैं. सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह फिलहाल सबसे आगे हैं. वो गेंदबाजी में कामयाबी के कई नए रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं.
सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच में भी हर किसी की निगाहें जसप्रीत बुमराह पर हैं कि वो यहां भी धमाल करेंगे और 1932 से चले आ रहे भारतीय टीम के टेस्ट इतिहास में पहली बार कंगारुओं को उन्हीं के घर में हराने का ख्वाब पूरा होगा.
बुमराह की गेंदबाजी पर बात आगे बढ़ाएं, इससे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर इन उम्मीदों की वजह क्या है. सबसे पहले बुमराह का टेस्ट रिकॉर्ड जान लेते हैं.
जसप्रीत बुमराह की बदौलत मिली विदेशों में जीत
- जनवरी 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग टेस्ट में मिली जीत में सात विकेट चटकाए
- अगस्त 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम टेस्ट में मिली जीत में भी सात विकेट चटकाए
लगे हाथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही मौजूदा सीरीज में भी जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी का कमाल जान लेते हैं.
बुमराह ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को ‘बैकफुट’ पर ढकेला
- एडिलेड टेस्ट में मिली जीत में बुमराह ने 6 विकेट लिए
- मेलबर्न टेस्ट में मिली जीत में बुमराह ने 9 विकेट
क्या है बुमराह की सबसे बड़ी ताकत
जसप्रीत बुमराह की सबसे बड़ी ताकत है उनका ‘कॉन्फिडेंस’. वो किसी भी सूरत में ‘कन्फ्यूजन’ में नहीं रहते. 30 दिसंबर को जारी की गई आईसीसी रैंकिंग्स में वो छलांग लगाकर 16वीं पायदान पर आ गए हैं. सीरीज के खत्म होते होते उनकी रैंकिग्स में और सुधार होना तय है.
जसप्रीत बुमराह जब गेंदबाजी कर रहे हैं, तो हर कोई उनकी तारीफ करता है. ऐसा इसलिए कि ‘स्लिंग आर्म’ गेंदबाजी में परंपरागत तौर पर कुछ चुनौतियां आती हैं. बुमराह ने उन चुनौतियों को पीछे छोड़ा है. मसलन- स्लिंग आर्म वाले गेंदबाज की लिमिटेशन ये रहती है कि वो दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए गेंद बाहर नहीं निकाल पाते थे. यानी ऐसे गेंदबाजों के पास आउटस्विंग नहीं होती है.
बुमराह भी जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए, तो उन्हें ये परेशानी झेलनी पड़ी. फिर उन्होंने अपनी गेंदबाजी पर अलग से मेहनत की. नतीजा आज वो इस परेशानी से बाहर निकल गए हैं. ऑस्ट्रेलिया में तो उन्होंने बल्लेबाजों को बैकफुट पर ढकेल-ढकेलकर आउट किया.
बुमराह के आगे कंगारुओं के पांव कांप रहे थे. इसकी वजह ये है कि उन्होंने अपनी शॉर्टपिच गेंदों पर जबरदस्त मेहनत की है. उनकी शॉर्टपिच गेंदों की लाइन लेंथ की सटीकता उन्हें खतरनाक गेंदबाज बनाती है. उनके बाउंसर का ‘डायरेक्शन’ ऑस्ट्रेलिया के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के लिए घातक रहा है.
‘सीम’ और ‘स्विंग’ पर जसप्रीत बुमराह की पकड़ जबरदस्त थी ही. रफ्तार उनके पास है ही. उनकी यॉर्कर को खेलना दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाज के लिए मुश्किल काम है. इन सारी खूबियों ने जसप्रीत बुमराह को टीम इंडिया का वो खिलाड़ी बना दिया है, जिसकी बदौलत करोड़ों हिंदुस्तानी ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचता हुआ देखने के इंतजार में हैं.
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