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IPL 2024: कुछ सालों में खराब प्रदर्शनों के बाद KKR इस सीजन की सबसे मजबूत टीम कैसे बनी?

IPL 2024: कोलकाता की टीम ने पिछले सीजनों के खराब प्रदर्शन के बाद इस साल खुद को एक मजबूत स्थिति में कैसे किया, आईए यहां समझते हैं.

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आईपीएल (IPL) के 2022 और 2023 के सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) की टीम प्वाइंट्स टेबल में काफी निचले स्थान पर रही थी. लेकिन इस साल 2024 में टीम में एक खास परिवर्तन देखा गया है. कोलकाता की टीम इस सीजन में अभी 12 मैचों में 9 जीत के साथ 18 अंक लेकर प्वाइंट्स टेबल में शीर्ष पर काबिज होने के साथ ही प्लेऑफ में भी क्वालीफाई कर चुकी है.

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इस सीजन श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली केकेआर टीम ने मुंबई इंडियंस को 12 सालों के बाद उनके होम ग्राउंड वानखेड़े स्टेडियम में भी हराया. साथ ही 12 साल के हार के सूखे को भी खत्म किया. इसके अलावा टीम ने इस सीजन छह बार 200 रनों के आंकड़े को पार करते हुए एक मजबूत दावेदारी पेश की. वहीं, दो मौकों पर तो टीम ने 260 रनों के आंकड़े को भी पार कर लिया.

कोलकाता की टीम अब प्लेऑफ में क्वालिफाई कर चुकी है. हालांकि यहां कई सवाल सामने आते है कि वह कौन से बदलाव हैं, जिससे कोलकाता की टीम को बेहतर प्रदर्शन में मदद मिली है.

तो आइए आज के इस विश्लेषण में हम आपको समझाते हैं कि वह कौन- कौन से परिवर्तन या सुधार हुए हैं, जिससे टीम एक मजबूत स्थिति में है.

ओपनिंग जोड़ी

सबसे पहले हम कोलकाता नाइट राइडर्स की ओपनिंग बललेबाजी की समस्या पर बात करते हैं.

कोलकाता नाइट राइडर्स ने पिछले कुछ वर्षों से रही ओपनिंग बल्लेबाजी की एक बड़ी समस्या से निपट लिया है. जेसन राय के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद उनके स्थान पर फिल सॉल्ट का टीम में आना बेहतर साबित हुआ है.

सुनील नरेन ने 2017 में केकेआर के लिए ओपनिंग बललेबाजी की भूमिका निभाई थी. लेकिन इन वर्षों के बीच उनके बल्लेबाजी के क्रम में उतार-चढ़ाव देखा गया. हालांकि, केकेआर के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर के टीम में जुड़ने के बाद उन्हें वेस्ट इंडीज के पावर हिटर को टीम के लिए ओपन करने के लिए मना लिया गया.

इन बदलावों के साथ ही केकेआर ने पिछले कुछ सीजन की अपनी चिंताओं को तेजी से संबोधित किया.

नरेन और साल्ट के बीच की पार्टनरशिप इस सीजन में जबरदस्त साबित हुई है. जहां केकेआर ने छह मौकों पर पावरप्ले में 70 रन का आंकड़ा पार किया है. वहीं इस दौरान हाईएस्ट स्कोरिंग रेट का दावा किया है. नरेन इस लीग में छठे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 182.94 की जबरदस्त स्ट्राइक रेट के साथ 461 रन बनाए हैं. वहीं उनके साथी फिल साल्ट भी पीछे नहीं हैं. साल्ट ने इस सीजन अबतक 182.01 की प्रभावशाली स्ट्राइक रेट के साथ 435 रन बना चुके हैं और रन- स्कोरिंग चार्ट में नौवें स्थान पर हैं.

दोनों की मजबूत सलामी जोड़ी केकेआर की बल्लेबाजी लाइनअप के लिए आधार तैयार करती है, जिससे बाकी बल्लेबाजों को आगे बढ़ने के लिए एक ठोस आधार मिलता है.

आंद्रे रसेल की वापसी

आंद्रे रसेल के रूप में केकेआर के पास एक अनुभवी और मजबूत ऑलराउंडर है जिन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से मैदान पर जलवा बिखेरा है. हालांकि वह पिछले कुछ सीजन में शांत थे, लोकिन इस साल आईपीएल 2024 में वह खुद को पुराने रसेल के रूप में साबित कर रहे हैं.

रसेल ने प्रभावशाली योगदान से अपनी योग्यता साबित की है. उन्होंने 185 की स्ट्राइक रेट से 222 रन बनाए हैं. गेंद के साथ भी, वह लगातार खतरा बने रहे. उन्होंने 12 पारियों में केवल 17.4 की औसत से 15 विकेट लिए.

रसेल अपने प्रभावशाली मंत्रों से केकेआर के पक्ष में कई मैचों का रुख पलटने में महत्वपूर्ण रहे हैं. 21 अप्रैल को जब आरसीबी की टीम ईडन गार्डन्स में जीत की ओर बढ़ रही थी, तब वह रसेल ही थे जिन्होंने 12वें ओवर में विल जैक और रजत पाटीदार दोनों को आउट करके उनकी बल्लेबाजी लाइनअप को ध्वस्त कर दिया, जिससे लक्ष्य का पीछा बाधित हुआ. वास्तव में, केकेआर की सीजन की पहली जीत भी रसेल की ही थी. उस मैच में उन्होंने सिर्फ 25 गेंदों पर 64 रन बनाए और अपनी टीम को एक शानदार स्कोर तक पहुंचाया.

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घरेलू प्रतिभाओं का प्रभाव

विदेशी खिलाड़ियों के अलावा, केकेआर को अपनी घरेलू प्रतिभाओं से जबरदस्त ताकत मिली है.

अंगकृष रघुवंशी और रमनदीप सिंह पर टीम ने अपने पहले से ही मजबूत पाले में और मजबूती जोड़ने के लिए केवल 40 लाख रुपये खर्च किए हैं. जब भी साल्ट और नरेन में से कोई भी आउट होता है तो पारी को मजबूती प्रदान करने की जिम्मेदारी युवा बैटर रघुवंशी ने संभाली है. रघुवंशी ने इस सीजन अबतक 10 मैचो में 23.29 की औसत से 163 रन बनाए हैं. वहीं रमनदीप ने टीम को मजबूत और बेहतर रनरेट के साथ फिनिश करने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. रमनदीप इस सीजन अब तक 201.61 की स्ट्राइक रेट से 125 रन बना चुके हैं.

गेंदबाजी विभाग की बात करें तो, केकेआर के गेंदबाजों ने कुल मिलाकर गेंदबाजों के लिए एक चुनौतीपूर्ण सीजन में अपना दबदबा कायम रखा है. वास्तव में, केकेआर के चार गेंदबाज वर्तमान में सीजन के शीर्ष नौ विकेट लेने वालों में शामिल हैं.

गेंदबाजी ग्रुप का नेतृत्व वरुण चक्रवर्ती कर रहे हैं. चक्रवर्ती, 18 विकेट लेने के साथ ही पर्पल कैप की दौड़ में तीसरे स्थान पर हैं. इस दौरान उन्होंने 8.34 प्रभावशाली इकॉनमी रेट बरकरार रखी है. वहीं सुनील नरेन इस सूची में छठे और कोलकाता के गेंदबाजों में तीसरे स्थान पर है. मिस्ट्री स्पिन में महारत नरेन ने अब तक 6.4 की किफायती दर से 15 विकेट लिए हैं.

जहां चक्रवर्ती और नारायण अनुभवी खिलाड़ी हैं, वहीं युवा गेंदबाज हर्षित राणा टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जो केकेआर की गेंदबाजी लाइनअप में एक और मजबूत पक्ष के रूप में उभरे हैं. हर्षित राणा ने 10 मैचों में 16 विकेट लिए हैं, जिसमें एक बार तीन विकेट भी शामिल हैं.

मिचेल स्टार्क पर भरोसा

इस सीजन की नीलामी में सबसे अधिक चर्चा में रहने वाले विदेशी खिलाड़ी मिचेल स्टार्क रहे हैं, हालांकि सही कारणों से नहीं. फ्रैंचाइजी ने ऑस्ट्रेलियाई स्पीडस्टर को अपनी टीम में लेने के लिए 24.75 करोड़ रुपये की भारी रकम खर्च की. लेकिन अपने शुरुआती आठ मैचों में, स्टार्क केवल सात विकेट लेने में सफल रहे, जिससे कुछ मैचों में उल्लेखनीय संघर्ष हुआ.

उदाहरण के तौर में देखें तो, राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ, उन्होंने अपने चार ओवर के स्पैल में 12.50 की इकॉनमी के साथ 50 रन दिए. वहीं आरसीबी के खिलाफ, स्टार्क ने केवल तीन ओवरों में 18.33 की इकॉनमी के साथ 55 रन लुटाए.

ये आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि स्टार्क अपने सामान्य प्रदर्शनों से काफी नीचे चले गए हैं. उनके निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद, टीम प्रबंधन ने उन पर विश्वास दिखाना जारी रखा और उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल किया. स्टार्क ने आखिरकार उनके भरोसे को सही साबित किया और वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के खिलाफ केकेआर की ऐतिहासिक जीत में 3.5 ओवर में 33 रन देकर 4 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया.

गौतम गंभीर की वापसी

केकेआर को अंधेरे से रोशनी की ओर मार्गदर्शन करने वाले मास्टरमाइंड और उनके गुरु गौतम गंभीर का टीम बहुत बड़ा कर्जदार है. सीजन 2012 और 2014 में टीम को खिताब दिला चुके गंभीर की मेंटर के रूप में वापसी ने फ्रेंचाइजी की वर्तमान सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

चाहे वह सलामी बल्लेबाज के रूप में सुनील नारायण की भूमिका की वकालत करना हो या मिचेल स्टार्क पर मजबूती से विश्वास करना हो, पूर्व कप्तान ने अपनी सलाहकार की भूमिका अच्छे से निभाई है, जिससे टीम को बेहतर परिणाम मिले हैं.

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