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मयंक अग्रवाल का ऐतिहासिक दोहरा शतक, क्रिकेट दिग्गजों ने दी शाबाशी

मयंक अग्रवाल ने अपने पांचवे टेस्ट में ही ये उपलब्धि हासिल की

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साउथ अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम में चल रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन ओपनर मयंक अग्रवाल ने शानदार शतक जड़ दिया. लेकिन मयंक यहीं नहीं रुके और इस शतक को दोहरे शतक में तब्दील कर दिया.

इस तरह अपने पहले ही टेस्ट शतक को दोहरे शतक में बदलने वाले मयंक चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए. सिर्फ 4 टेस्ट पुराने मयंक ने एक ही पारी में अपना पहला शतक और पहला दोहरा शतक भी जड़ दिया.

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पहले शतक, फिर दोहरा शतक

विशाखापत्तनम टेस्ट के दूसरे दिन 3 अक्टूबर को मयंक और रोहित ने भारत को 202 रन से आगे बढ़ाना शुरू किया.

शुरुआत से ही मयंक ने संभल कर खेलना जारी रखा. 69वें ओवर में केशव महाराज की गेंद पर शॉर्ट थर्डमैन की ओर रन लेकर मयंक ने अपने करियर का पहला शतक पूरा किया.

इसके साथ ही लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का इंतजार करने वाले मयंक ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया. हालांकि मयंक यहीं नहीं थमे और अपने बल्ले का जलवा बरकरार रखा.

शतक के बाद मयंक और भी आक्रामक हुए और लगातार बाउंड्री बटोरते रहे. जल्द ही मयंक ने अपने शतक को दोहरे शतक तक में बदल दिया. ऐसा करने वाले वो चौथे भारतीय बन गए. यहां तक पहुंचने के लिए मयंक ने 5छक्के और 22 चौके जड़ डाले.

मयंक से पहले भारत के लिए ये कारनामा 1965 में दिलीप सरदेसाई (200) और 1993 में विनोदकांबली (224)) ने किया था. इन तीनों ने ही अपने पहले ही टेस्ट शतक को दोहरे शतकमें तब्दील किया था, जबकि 2016 में करुण नायर पहले ही शतक के रूप में 303 रन बनाएथे. ये भारत के लिए पहले शतक के तौर पर सबसे बड़ा स्कोर है.

घरेलू क्रिकेट से डेब्यू तक बने स्टार

28 साल के मयंक अग्रवाल ने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें अनदेखा किया गया. रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के लिए खेलते हुए मयंक ने 50 फर्स्ट क्लास मैच में करीब 4 हजार रन बनाए, जिसमें 8 शतक शामिल थे.

हालांकि शिखर धवन और मुरली विजय की लगातार खराब फॉर्म के कारण आखिर मयंक को मौका मिला.

हालांकि टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के लिए जगह भी आसान नहीं थी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिसंबर 2018 में मेलबर्न के एमसीजी स्टेडियम में हुआ बॉक्सिंग डे टेस्ट उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत का गवाह बना.

मयंक ने पहली ही पारी में दिखा दिया कि क्यों हर कोई उनको टीम में शामिल किए जाने की बात कर रहा था. मयंक ने एमसीजी की मुश्किल पिच पर पहली ही पारी में 76 रन बना डाले और भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई. दूसरी पारी में भी मयंक ने एकबार फिर अच्छा खेल दिखाया और 42 रन बनाए. भारत ने वो टेस्ट जीत लिया.

अगले टेस्ट में एक बार फिर मयंक ने अपनी क्लास का प्रदर्शन किया और सिडनी टेस्ट की पहली पारी में 77 रन बनाए. हालांकि वेस्टइंडीज दौरा उनके लिए ज्यादा सफलता नहीं लाया. इस दौरे की 4 पारियों में वो सिर्फ एक अर्धशतक जमा पाए.

हालांकि मयंक को अपने पहले शतक के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा और आखिरकार अपने पांचवे टेस्ट में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक जड़ ही दिया. लेकिन मयंक इतने से ही मानने वाले नहीं थे और अपने इस शतक को ऐतिहासिक दोहरे शतक में तब्दील कर दिया.

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मयंक की इस शानदार उपलब्धि पर क्रिकेट जगत ने उन्हें जमकर शाबाशी दी और खूब तारीफ की. पूर्व क्रिकेटरों ने घरेलू क्रिकेट में मयंक के संघर्ष से यहां तक पहुंचने के उनके सफर की सराहना की.

मयंक अग्रवाल 215 रन बनाकर आउट हुए. अपनी पारी के दौरान उन्होंने रोहित शर्मा के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 317 रन जोड़े. ये साउथ अफ्रीका के खिलाफ किसी भी विकेट के लिए भारत की सबसे बड़ी पार्टनरशिप है. रोहित शर्मा 176 रन बनाकर आउट हुए.

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