पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी.
इससे पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में आमिर कहते हुए दिखाई दे रहे हैं,
“मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया. मुझे नहीं लगता कि मैं मौजूदा प्रबंधन के रहते खेल सकता हूं. मैं अभी के लिए क्रिकेट छोड़ रहा हूं. मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया है. इसे झेल नहीं सकता.”
पीसीबी ने की आमिर से बात
पीसीबी द्वारा जारी बायन में कहा लिखा गया है, "दिन में आमिर के संन्यास की खबरें आने के बाद पीसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसीम खान ने आमिर से बात की है. 28 साल के खिलाड़ी ने पीसीबी के मुख्य कार्यकारी से संन्यास की पुष्टि की है और कहा है कि उनकी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की कोई मंशा नहीं है और इसलिए भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाए. पीसीबी इसका सम्मान करती है और इसलिए इस समय इस पर कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहती है."
आमिर ने कहा,
“मैंने बार-बार यह कहते हुए सुना है कि पीसीबी ने मुझ में काफी निवेश किया है लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. मैं शाहिद अफरीदी का शुक्रगुजार हूं कि जब मैं बैन से लौटकर आया तो उन्होंने मुझे मौका दिया साथ ही नजम सेठी (पीसीबी के पूर्व चेयरमैन) का भी.”
इस समय लंका प्रीमियर लीग में हिस्सा ले रहे 28 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि वह कुछ दिनों में पाकिस्तान पहुंच कर बाकी की जानकारी साझा करेंगे.
आमिर बोले- फिर जारी करूंगा बयान
उन्होंने कहा, "हर कोई अपने देश के लिए खेलना चाहता है. पीसीबी लगातार यह कहती है कि मैंने बाकी लीगों के लिए टेस्ट क्रिकेट छोड़ दी. सच्चाई यह है कि मैंने बीपीएल से वापसी की थी. अगर मैं लीग में खेलने को मरता तो मैं यह कह सकता था कि मैं पाकिस्तान के लिए नहीं खेलना चाहता. हर महीने कोई न कोई कहता है कि आमिर ने हमें धोखा दिया. दो दिन में मैं पाकिस्तान पहुंच रहा हूं और फिर मैं एक बयान जारी करूंगा."
2009 में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मैच से चर्चा में आए आमिर ने पाकिस्तान के लिए 36 टेस्ट, 61 वनडे और 50 टी-20 मैच खेले हैं. सभी प्रारूप में उन्होंने कुल 259 विकेट हासिल किए हैं.
वो उस पाकिस्तान टीम का हिस्सा थे जिसने 2009 में टी-20 विश्व कप जीता था और 2017 में भारत को हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी जीती थी. इंग्लैंड में फिक्सिंग के कारण उन पर पांच साल का बैन लगाया गया था. बैन पूरा करने के बाद वह 2015 में वापस लौटे थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)