आईपीएल के 17वें सीजन (IPL 2024) की शुरुआत धमाकेदार रही है. कई रोमांचक मुकाबले हुए, कई कीर्तिमान टूटे और तमाम रिकॉर्ड बने. IPL के इस सीजन में मैदान के अंदर और बाहर, दोनों जगह रोमांच का स्तर एक जैसा है. वैसे तो ऑन फील्ड ड्रामा IPL के हर सीजन में देखने को मिलता ही है लेकिन मुंबई इंडियंस (MI) की कैप्टेंसी को लेकर चल रहा ऑफ फील्ड ड्रामा मजेदार भी है और क्रिकेट के लिहाज से चिंताजनक भी.
MI की कप्तानी अचानक रोहित के हाथों से हार्दिक को जाना ना केवल फैन्स के लिए चौंकाने वाला फैसला था बल्कि कई पूर्व खिलाड़ी भी इस बदलाव से हैरान थे. हार्दिक GT के सफल कप्तान थे. पहले ही सीजन में उनकी टीम ने कप अपने नाम किया था.
अचानक रोहित से कैप्टेंसी छीन लिए जाने के MI के फैसले को लोगों ने अनफेयर माना. सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर एक तीखी बहस भी छिड़ गई. रोहित ना केवल MI के बल्कि IPL इतिहास के सबसे सफल कप्तान हैं.
बता दें, मुंबई इंडियंस के नेतृत्व का मुद्दा IPL-17 के शुरू होने से पहले ही सुर्खियों में आ गया था. हालांकि कुछ लोगों का मानना था कि एक बार मैच शुरू हो जाएगा तो सबका ध्यान केवल और केवल क्रिकेट पर होगा. मगर रोहित के फैन्स को MI का फैसला नागवार गुजरा, जैसे ही पहला मैच शुरू हुआ फैन्स ने अपने गुस्से का इजहार कर दिया.
कुछ भी हो लेकिन हार्दिक के लिए रोहित के समर्थकों का गुस्सा ना केवल IPL के लिहाज से बल्कि टीम इंडिया के लिए भी खतरनाक है. रोहित बनाम हार्दिक की ये जंग, जो अभी फिलहाल समर्थकों में है, आने वाले T20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए चिंताजनक हो सकती है. T20 वर्ल्ड कप IPL खत्म होने के एक हफ्ते बाद ही शुरू होने जा रहा है.
सोशल मीडिया से मैदान तक पहुंचा मामला
सोशल मीडिया तक तो ठीक था मगर MI के पहले ही मुकाबले में हार्दिक के लिए लोगों का जो गुस्सा नजर आया वो बेहद तीखा था. अब मामला सोशल मीडिया डिबेट से बढ़ कर मैदान पर सीधे-सीधे अभद्र टिप्पणियों तक पहुंच गया है.
MI Vs GT के मुकाबले में हार्दिक को दोहरे हमलों का शिकार होना पड़ा. एक तरफ GT के वो फैन्स थे जो मानते हैं कि हार्दिक ने GT का साथ छोड़ कर धोखा किया है. दूसरी तरफ रोहित के फैन्स जिनका मानना है कि रोहित की कप्तानी जाने की वजह हार्दिक ही हैं. मैदान पर हार्दिक को ना केवल अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करना पड़ा बल्कि उन पर जातिवादी टिप्पणियां भी की गईं.
कई पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि इस पूरे मामले को MI के मैनेजमेंट ने बेहद खराब तरीके से हैंडल किया है. मैनेजमेंट की खराबी से जो गड़बड़ी पैदा हुई है उसका सामना साथी खिलाड़ियों को करना पड़ रहा है. कुछ लोगों का अनुमान है कि टीम अब दो हिस्सों में बंट गई है. एक खेमा रोहित का और दूसरा हार्दिक का है. इस मुद्दे पर अब तक रोहित की ओर से कोई टीका टिप्पणी नहीं गई है. लेकिन इस फैसले से रोहित निराश है ये उनकी पत्नी रीतिका के बयानों में साफ दिख जाता है.
MI के कोच मार्क बाउचर ने एक वीडियो में कहा था कि रोहित को हटा कर हार्दिक को कप्तान बनाने का फैसला पूरी तरह से खेल को ध्यान में रख कर लिया गया फैसला है. इस वीडियो के जारी होने के बाद रीतिका ने कमेंट किया था कि 'इसमें बहुत सी चीजें सही नहीं हैं.'
IPL के इतिहास में पहली बार
रोहित ने ना केवल फील्ड में बेहतर कप्तानी की बल्कि MI के लिए और भारतीय क्रिकेट के लिये उनका योगदान इससे बढ़कर है. उन्होंने बुमराह से लेकर खुद हार्दिक तक कितने ही खिलाड़ियों को निखारा है. उनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए कहा जा सकता है कि वो शाबाशी से ज्यादा की इच्छा अगर रखते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है.
रोहित ने MI का हाथ साल 2013 में बीच सीजन में थामा था, जब MI अपने बुरे दौर से गुजर रही थी. रोहित ने अपनी बेहतर टीम मैनेजमेंट स्किल से इस टीम की हालत में कमाल के बदलाव किए और इसी सीजन में MI को अपना पहला IPL खिताब मिला. रोहित ने अपनी बेहतर कप्तानी से MI को साल दर साल एक सफल टीम बनाया. रोहित की कप्तानी में MI ने 6 खिताब अपने नाम किए हैं.
सबसे दिलचस्प बात ये है कि ये IPL के इतिहास में पहली बार है जब टीम इंडिया का मौजूदा कप्तान किसी फ्रेंचाइजी के लिये किसी और की कप्तानी में खेल रहा है. अपने व्यक्तिगत हित से हटकर हमेशा टीम के हित को ध्यान में रखना खिलाड़ियों के लिये आसान तो बिलकुल नहीं होता है मगर यही खेल भावना है. MI के टीम मेम्बर इस स्थिति को कैसे हैंडल करेंगे, यही उनके आगे के सीजन की दशा दिशा तय करेगा. फिलहाल तो MI की हालत काफी खराब है. वो पॉइंट टेबल में सबसे नीचे है. 2 में से दोनों मुकाबले MI ने गंवा दिये हैं.
हार्दिक ने क्या कहा?
सीजन की शुरुआत से पहले ही हार्दिक ने रोहित Vs हार्दिक की बहस को लगाम देने के लिए बयान दिया था कि उनके और हिटमैन के रिश्ते अच्छे हैं और रोहित का निर्देशन जाहिर तौर पर उनके लिये फायदेमंद होगा.
हार्दिक ने GT के कप्तान के रूप एक सफल पारी खेली है. साल 2022, GT का पहला IPL सीजन था, GT ने खिताब अपने नाम किया. साथ ही 2023 में गुजरात फाइनल तक पहुंची थी. रोहित की गैरमौजूदगी में भी हार्दिक ने टीम को अच्छे से सम्भाला. इन सबको को देखते हुए MI की कप्तानी उनको दिये जाना जायज लगता है.
क्या बोले अश्विन?
जो कुछ भी हुआ उस पर राय बनाने से पहले समर्थकों को हर एक पहलू समझने की जरूरत है. रविचंद्रन अश्विन ने बिलकुल सही कहा.
‘’किसी खिलाड़ी की सराहना करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि कहीं ये किसी दूसरे खिलाड़ी के सम्मान या टीम की एकता के लिए खतरा तो नहीं. लोगों को याद रखना चाहिए कि दोनों ही खिलाड़ी जिस टीम को रिप्रेजेंट करते हैं वो उनके ही देश की टीम है. फैन वॉर को इतने नीचे स्तर पर नहीं ले जाना चाहिए.”
अहमदाबाद और हैदराबाद में हार्दिक ने जिस तरह की घिनौनी ट्रोलिंग झेली है उसको देखते हुए दिमाग में बार बार अश्विन के शब्द गूंजते हैं.
ऐसा लगता है कि पिछले दो मुकाबलों में हार्दिक की खराब परफॉरमेंस की एक बड़ी वजह सोशल मीडिया ट्रोलिंग के साथ साथ इस तरह की ऑन फील्ड ट्रोलिंग झेलना भी है. फील्ड पर उनके खराब फैसले दिखाते हैं कि हार्दिक किस तरह के दबाव का सामना कर रहे हैं. हार्दिक की MI में एक गेंदबाज के तौर पर परफॉरमेंस बेहद निराशाजनक रही है. वो बहुत महंगे साबित हुए हैं. उनकी बल्लेबाजी को देखकर कहीं से नहीं लगता कि वो अपना नेचुरल गेम खेल रहे हैं. उनकी परफॉरमेंस बता रही है कि वो खराब फॉर्म में चल रहे हैं.
CSK के नेतृत्व ने सफल बदलाव
MI जिस तरह से इस स्थिति को हैंडल कर रही है. उसके मुकाबले CSK ने एक बेहद शानदार तरीके से लीडरशिप में बदलाव किया है. MI आज जिस हालत में है वैसा ही कुछ-कुछ CSK के साथ तब हुआ था जब उसने जडेजा को कप्तान बनाया था. मगर CSK ने सही तरीके से उस स्थिति को निपटाते हुए धोनी को वापस कप्तान बना दिया था. इस साल IPL की शुरुआत से पहले धोनी ने अपनी कप्तानी ऋतुराज गायकवाड़ को दे दी और CSK का टॉप परफॉरमेंस जारी है.
MI की वापसी की जिम्मेदारी हार्दिक पर है देखना होगा कि वो कैसे इस बाहरी दबाव को झेल कर टीम की परफॉर्मेंस दुरुस्त करते हैं. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ का सुझाव है कि हार्दिक को इस आलोचना का प्रभाव किसी भी तरह से अपने खेल पर नहीं पड़ने देना चाहिए. MI के आगे के सीजन और टीम इंडिया के आने वाले T-20 विश्वकप के लिए हार्दिक को कैसे भी अपना आत्मविश्वास वापस लाना होगा और वापसी करनी होगी.
MI का महासंग्राम क्रिकेट समुदाय के भीतर एक बड़ी समस्या की तरफ इशारा करता है. MI की हालत बताती है कि फैन्स को खिलाड़ियों की प्रतिभा का सम्मान करना सीखना चाहिए. रोहित Vs हार्दिक का मामला MI मैनेजमेंट ने जिस बुरे तरह से हैंडल किया है उससे सबक लेने की जरूरत है.
MI में चल रहा नेतृत्व का संकट एक फ्रेंचाइजी के भीतर के आपसी टकराव से ज्यादा टीम इंडिया के लिहाज से महत्वपूर्ण है. रोहित और हार्दिक दोनों टीम के टॉप प्लेयर्स हैं अगर इनकी फॉर्म खराब होती है या आपसी तल मेल देखने को नहीं मिलता है तो इसमें कोई शक नहीं है कि T-20 वर्ल्ड कप भारत के हाथ से कहीं दूर निकल जाएगा.
क्रिकेट फैन्स से लेकर खिलाड़ी तक सांस थामे देख रहे हैं कि MI का मैनेजमेंट स्थिति पर कैसे काबू पायेगा जिससे की इस मामले का असर T-20 वर्ल्ड कप में ना पड़े और टीम इंडिया एक बड़ी ताकत बन कर उभरे.
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