ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत हो चुकी है. पहले ही दिन भारत के गुरुराज पुजारी ने सिल्वर मेडल झटकते हुए गेम्स का शानदार आगाज किया तो कुछ ही समय बाद मीराबाई चानू ने गोल्ड पर कब्जा जमाकर कर इसी खुशी को दोगुनी करने का काम किया है.
1930 में शुरू हुए और 1934 में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेकर ब्रॉन्ज मेडल के साथ खाता खोलने वाला भारत अब तक 440 मेडल पर कब्जा जमा चुका है. साल-दर साल भारत अपनी दावेदारी को मजबूत करता गया है और हर खेल में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखा रहा है. पिछले पांच कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के प्रदर्शन पर डालते हैं एक नजर-
CWG 2014: 69 में 15 गोल्ड
2014 में ग्लास्गो में हुए 20वें कॉमवेल्थ गेम्स में भारत 64 मेडल पर कब्जा जमाने में कामयाब रहा. इनमें से 15 गोल्ड मेडल था. इस साल रेसलर और शूटर का शानदार जलवा रहा. रेसलिंग में भारत के नाम पांच गोल्ड मेडल रहा.
55 किलोग्राम कैटगरी में बबीता कुमारी, 57 किग्रा में अमित कुमार, 65 किग्रा कैटगरी में योगेश्वर दत्त और 74 किग्रा में सुशील कुमार ने गोल्ड मेडल लाने में कामायबी हासिल की. वहीं 10 मीटर एयर राइफल्स में पुरुष कैटगरी में अभिनव बिंद्रा और महिला कैटगरी में अपूर्वी चंदेला, 25 मीटर स्पोर्ट पिस्टल कैटगरी (वुमन) में राही सरनोबत और 50 मीटर फ्री पिस्टल में जितू राय ने गोल्ड मेडल झटके.
इनके अलावा डिस्कस थ्रो में विकास गौड़ा, बैडमिंटन-मेंस सिंगल्स में पी कश्यप, वेटलिफ्टिंग में 48 किग्रा में संजिता खुमुकचाम, 56 किग्रा में सुखेन देव, सतीश शिवलिंगम 77 किग्रा और स्क्वैश-डबल्स-महिला में भारत के नाम एक गोल्ड मेडल रहा.
दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के मुकाबले इस साल भारत का प्रदर्शन थोड़ा फीका जरूर रहा. बावजूद इसके भारत के हाथ 15 गोल्ड, 30 सिल्वर और 19 ब्रॉन्ज के साथ कुल 64 मेडल लगे. भारत 2014 में पांचवे स्थान पर रहा.
CWG 2010: दिल्ली में दिखा सबसे शानदार प्रदर्शन
19वें कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी भारत ने शानदार तरीके से की. और इस साल कॉमनवेल्थ के इतिहास में भारत का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन भी रहा. भारतीय खिलाड़ियों ने पहली बार पदकों का शतक लगाया. सबसे ज्यादा मेडल के साथ-साथ अब तक सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल भी इसी साल मिला.
भारत को मिले कुल 101 मेडल में से 39 गोल्ड था. इसमें सबसे ज्यादा 14 गोल्ड मेडल शूटिंग में भारत ने हासिल किया. गगन नारंग और ओमकार सिंह ने दो-दो गोल्ड पर कब्जा जमाया. इसके अलावा अभिनव बिंद्रा, विजय कुमार, अनिषा सैय्यद, हरप्रीत सिंह और बाकी शूटिंग टीम के नाम गोल्ड मेडल रहा.
रेसलिंग में 10 गोल्ड पर कब्जा
रेसलिंग में इस बार भारत को कुल 10 गोल्ड मिले. गीता फोगाट, अलका तोमर, योगेश्वर दत्त, सुशील कुमार, नरसिंह यादव, रविंद्र सिंह जैसे खिलाड़ियों ने देश को गोल्ड दिलाने में कामयाबी हासिल की.
इसके अलावा तीरंदाजी में राहुल बनर्जी और दीपिका कुमारी के साथ महिला टीम ने एक-एक गोल्ड पर कब्जा जमाया. 400 मीटर की रिले रेस में महिला कैटगरी में एक गोल्ड और डिस्कस थ्रो में कृष्णा पूनिया ने गोल्ड दिलाया. बैडमिंटन महिला सिंगल्स में साइना नेहवाल ने और एक गोल्ड महिला डबल्स में मिला.
बॉक्सिंग में मनोज कुमार, परमजीत समोता, और सुरोंजय सिंह ने कब्जा किया. इसके अलावा टेबल टेनिस में इंडियन टीम के नाम दो गोल्ड रहा, वहीं टेनिस में सोमदेव किशोर ने गोल्ड झटका. इनके अलावा वेटलिफ्टिंग में रेणु बाला चाणू और रवि कुमार ने कब्जा जमा
भारत का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन दिल्ली में दिखा. भारतीय खिलाड़ियों ने 39 गोल्ड, 26 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल के साथ पहली बार 101 पदकों पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल की. और इस गेम्स में दूसरे पायदान पर रहा.
CWG 2006: मेलबर्न में शूटिंग में भारत का दिखा जलवा
18वें कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 2006 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुआ. इस साल भारत 49 मेडल जीतेने में कामयाब रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात रही कि इनमें से सबसे ज्यादा 22 गोल्ड मेडल मिले. इनमें से अकेले शूटिंग ने 16 गोल्ड दिलाया.
गगन नारंग और समरेश जंग ने दो-दो गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल की. वहीं तेजस्विनी सावंत, अनुजा जंग, राज्यवर्धन सिंह राठौर और विजय कुमार के अलावा 8 गोल्ड इंडियन टीम के नाम रहा. वेटलिफ्टिंग में तीन गोल्ड मिले और ये तीनों गोल्ड महिला खिलाड़ियों ने दिलाया. गीता रानी, कुंजरानी देवी और यमनाम चानू गोल्ड लाने में कामयाबी हासिल की. इसके साथ ही टेबल टेनिस में भी भारत के नाम दो गोल्ड मेडल रहा.
मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत 22 गोल्ड, 17 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा हासिल करते हुए टॉप-4 में रहा.
CWG 2002: मैनचेस्टर में भारत की लंबी छलांग
साल 2002 में इंग्लैंड के मैनचेस्टर में हुए 17वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने पदक तालिका में लंबी छलांग लगाई. पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स के 25 मेडल के मुकाबले इस साल भारत ने कुल 69 मेडल पर कब्जा जमाया. ओवरऑल भारत ने इस साल चौथा स्थान हासिल किया.
इन मेडलों में से 30 केवल गोल्ड मेडल थे. अकेले शूटिंग में 14 गोल्ड मिले, जबकि, वेटलिफ्टिंग ने 11 गोल्ड मेडल दिलाए. 3 गोल्ड मेडल रेसलिंग के नाम रहा, वहीं हॉकी और बॉक्सिंग में एक-एक गोल्ड मेडल मिला.
भारत की तरफ से इस साल शूटिंग में अंजली भागवत, जसपाल राणा, राज्यवर्धन सिंह और चरण सिंह का सिक्का चला. वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल पर महिला खिलाड़ियों ने गजब का दमखम दिखाया. कुंजरानी देवी, सानामाचा चानू और शैलजा पुजारी ने तीन-तीन गोल्ड झटके, वहीं प्रतिमा कुमारी भी दो गोल्ड मेडल लाने में कामयाब रहीं. रेसलिंग में पलविंदर सिंह चीमा, कृष्णन कुमार और रमेश कुमार ने गोल्ड पर कब्जा जमाया
मैनचेस्टर में भारत ने 30 गोल्ड, 22 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज मेडल के साथ 69 मेडल पर कब्जा जमाया. इस साल भारत चौथे स्थान पर रहा.
CWG 1998: वेटलिफ्टिंग और शूटिंग में मिला गोल्ड
1998 में मलेशिया के क्वालालंपुर में हुए 16वें कॉमनवेल्थ गेम्स में 25 मेडल के साथ भारत 69 देशों की सूची में आठवें पायदान पर रहा. इस साल भारत ने कुल 7 गोल्ड मेडल जीते जिसमें 4 शूटिंग में मिले, जबकि वेटलिफ्टिंग ने तीन गोल्ड दिलाया.
सेंटर फायर पिस्टल में जसपाल राणा ने जबकि 50 मीटर राइफल प्रोन में रूपा उन्नीकृष्णन ने गोल्ड दिलाया, वहीं वेटलिफ्टिंग में धर्मराज विल्सन, अरुमुगम के पांडियन और सतीश राय ने गोल्ड दिलाया.
1998 में 7 गोल्ड मेडल के अलावा 10 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ड मेडल पर भारतीयों ने कब्जा जमाया.
2014 तक हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के आंकड़ों की बात करें तो भारत अभी तक 155 गोल्ड, 155, सिल्वर और 128 ब्रॉन्ज मेडल के साथ 438 पदकों पर कब्जा जमा चुका है. उम्मीद है कि इस साल भारतीय खिलाड़ी इस आंकड़ें को 500 के पार कराने में कामयाबी हासिल कर लें.
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