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मैं अपने क्रिकेट करियर में कई बार रंगभेद का शिकार हुआ-शिवरामकृष्णन

16 साल की उम्र में पहली बार टीम में चयन होने के बाद ही मुंबई की 5 स्टार होटल में मुझे रंगभेद का सामना करना पड़ा

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टीम इंडिया के पूर्व लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने बताया है कि उन्हें नेशनल टीम से खेलने के दौरान कई बार रंगभेद का सामना करना पड़ा है. शिवरामकृष्णन के मुताबिक बहुत कम उम्र में ही उनके टीम से बाहर हो जाने की एक वजह भीड़ द्वारा की जाने वाली टिप्पणियां भी थीं.

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द क्विंट के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में शिवरामकृष्णन ने बताया कि जब पहली बार 16 साल की उम्र में उनका सेलेक्शन नेशनल टीम में हो गया, तभी होटल में उन्हें रंगभेद का सामना करना पड़ा था.

बता दें हाल में इंग्लैंड में ओलि रॉबिन्सन प्रकरण ने काफी तूल पकड़ लिया है. पिछले हफ्ते ही ओलि रॉबिन्सन ने डेब्यू किया था, लेकिन एक दशक पहले के उनके नस्लभेदी ट्वीट को लेकर हंगामा हो गया. इसके बाद उन्हें दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया गया और उनके खिलाफ ECB ने जांच बैठा दी.

शिवरामकृष्णन ने अपने साथ हुए नस्लभेद का जिक्र करते हुए कहा, "मैं 16 साल की बहुत कम उम्र में इंडिया टीम में जगह पा गया था. लेकिन मेरे पहले टूर से पहले, मुझे टीम होटल में घुसने नहीं दिया गया. यह मुंबई की एक फाइव स्टार होटल थी. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि एक तो मेरी उम्र कम थी और दूसरा मेरी त्वचा का रंग अश्वेत था. आखिरकार मुझे रिसेप्शनिस्ट को बुलाना पड़ा, जिन्होंने मेरे रूम नंबर की जानकारी दी और अंत में मुझे जाने दिया गया."

शिवरामकृष्णन ने आगे कहा, "मेरे पूरे करियर में चाहे भारत, पाकिस्तान या ऑस्ट्रेलिया में, मुझे रंगभेद का शिकार होना पड़ा है. मेरा अपमान किया गया. जब आप अच्छा कर रहे होते हैं, तो यह चीजें आपको उतना प्रभावित नहीं करतीं, लेकिन जब आप खराब फॉर्म से गुजर रहे हों, खासकर जब आप युवा हों, तब यह नकारात्मक प्रभाव डालती हैं. जब मैंने अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला, तब मैं सिर्फ 21 साल का था. ऐसा कई वजहों से हुआ, जिनमें ऑर्डनरी फॉर्म, आत्मविश्वास की कमी और भीड़ द्वारा गाली-गलौज करने से पड़ा बुरा प्रभाव शामिल था."

बता दें शिवरामकृष्णन अब एक अहम और दुनियाभर में यात्राएं करने वाले ब्रॉडकास्टर हैं.

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