रियो ओलंपिक 2016 से लौटने के बाद भारतीय मैराथन ओपी जैशा के खुलासे ने एक नए तरह के विवाद को जन्म दे दिया है.
जैशा के खुलासे के बाद खेल मंत्री विजय गोयल ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.
जैशा ने किया खुलासा
जैशा ने कहा था कि ओलंपिक में उन्हें भारतीय अधिकारियों ने मैराथन के दौरान पानी तक उपलब्ध नहीं कराया.
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने जैशा के दावे को धता बताते हुए कहा था कि उन्हें पानी देने की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया.
जैशा ने यह तक कहा कि वो मर गई होती, क्योंकि वहां भारतीय अधिकारियों ने उन्हें पानी तक नहीं पिलाया.
जांच समिति का गठन
विवाद के उठने के बाद खेल मंत्री विजय गोयल ने जैशा के आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.
इस समिति को सात दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है.
पहले विवाद से हाथ खींचा, अब जांच का आदेश
इस विवाद के उठने के बाद खेलमंत्री और एथलेटिक्स संघ के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते नजर आए थे. खेलमंत्री विजय गोयल ने इस मामले से अपना हाथ खींचते हुए कह दिया कि भारतीय अधिकारियों को भेजने का काम फेडरेशन का है हमारा नहीं. इसलिए इस मामले में हम दोषी नहीं है.
उन्होंने कहा था कि ओलंपिक में अधिकारियों को भेजने की जिम्मेदारी AFI और IOC का होता है, इसलिए इस मामले को लेकर खेल मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है.
लेकिन अब मामले को तूल पकड़ता देख मंत्री ने जांच का फैसला लिया है.
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मैं देश के लिए दौड़ती रही, पर मुझे पानी तक नहीं मिला: ओपी जैशा
मैराथन रेसर जैशा को AFI ने ठहराया गलत, कहा- पानी की पेशकश की थी
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