दुनियाभर में रैनसमवेयर के हमले के बाद अब भारत में भी इसका खतरा बना हुआ है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसे लेकर बैंकों को खास हिदायत दी है.
आरबीआई ने कहा है कि जिन एटीएम के सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपडेट किया जाए. इस हिदायत के बाद कई बैंकों ने अपने एटीएम को बंद कर दिया है और एटीएम को अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
जिन एटीएम नेटवर्क के सॉफ्टवेयर अपडेट हो चुके हैं उन्हें ही चालू रखा जाए.आरबीआई
इस रैनसमवेयर का खतरा सबके ज्यादा देश की एटीएम मशीनों के लिए भी है. दरअसल, देश के कुल 2.2 लाख एटीएम में से ज्यादातर मशीनें आउटडेटेड यानी पुराने विंडो एक्सपी ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर पर काम करती हैं.
'रैनसमवेयर' साइबर हमला एक चेतावनी : माइक्रोसॉफ्ट
दुनिया की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि 150 देशों में शुक्रवार को हुए 'रैनसमवेयर' साइबर हमले को चेतावनी के तौर पर देखा जाना चाहिए. बीबीसी ने माइक्रोसॉफ्ट के हवाले से कहा कि विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा दबाकर रखी गई सॉफ्टवेयर कमजोरियों से व्यापक क्षति हुई है.
माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और मुख्य कानूनी अधिकारी ब्रैड स्मिथ ने रविवार को बयान जारी कर कंप्यूटर प्रणालियों में सुरक्षा खामियों की जानकारियों को छिपाकर रखने वाली सरकारों की आलोचना की.
इस बयान के मुताबिक, शुक्रवार को होने वाले इस साइबर हमले के बाद लोग सोमवार को काम पर लौट रहे हैं, जिससे भविष्य में 'रैनसमवेयर' साइबर हमले होने की संभावना है.
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि शुक्रवार को व्यापक पैमाने पर हुआ साइबर हमला माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में खामी की वजह से हुआ.
बीबीसी के मुताबिक, कई कंपनियों के विशेषज्ञों ने इस साइबर हमले की काट ढूंढ़ने के लिए कड़ी मेहनत की. इस साइबर हमले के जरिए यूजर्स की फाइलें हैक कर ली गईं और इन फाइलों को दोबारा बहाल करने के लिए 300 डॉलर का भुगतान करने की मांग की गई.
(इनपुट: IANS/PTI)
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