मोबाइल इंटरनेट डाउनलोड स्पीड के मामले में भारत को दुनियाभर में 109वां रैंक हासिल हुआ है. एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है. गौर करने वाली बात ये है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता है, इसके बावजूद मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत इतना पीछे है.
मोबाइल इंटरनेट के बड़बोले विज्ञापन भले ही 4जी की सुपरफास्ट स्पीड के बड़े-बड़े दावे करते हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. अगर आपको लगता है कि आपके मोबाइल इंटरनेट की स्पीड बहुत ज्यादा है, तो बता दें कि इस मामले में दुनियाभर के 108 देश भारत से आगे हैं.
पिछले साल से रैंकिंग में नहीं हुआ सुधार
इंटरनेट स्पीड की जांच करने वाली अमेरिकी कंपनी ऊक्ला के स्पीडटेस्ट सूचकांक के मुताबिक, भारत में मोबाइल इंटरनेट की औसत डाउनलोड स्पीड पिछले साल नवंबर के 8.80 एमबीपीएस से बढ़कर इस साल फरवरी में 9.01 एमबीपीएस पर पहुंच गई. हालांकि इसके बाद भी देश की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ. भारत अब भी 109वें पायदान पर बरकरार रहा. नॉर्वे 62.07 एमबीपीएस की औसत स्पीड के साथ पहले स्थान पर रहा.
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने दिसंबर में दावा किया था कि देश 150 करोड़ गीगाबाइट खपत के साथ दुनिया का सबसे बड़ा डेटा उपभोक्ता है. उन्होंने कहा था कि यह अमेरिका और चीन की संयुक्त खपत से ज्यादा है.
ब्रॉडबैंड के मामले में सुधार
ऊक्ला सूचकांक के मुताबिक, देश ने ब्रॉडबैंड के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है. इस लिहाज से देश पिछले साल के 76वें रैंक की तुलना में इस साल फरवरी में 67वें स्थान पर आ गया. सूचकांक में बताया गया कि भारत में ब्रॉडबैंड स्पीड पिछले साल नवंबर के18.82 एमबीपीएस से बढ़कर इस साल फरवरी में 20.72 एमबीपीएस पर पहुंच गई है. इस मामले में 161.53 एमबीपीएस स्पीड के साथ सिंगापुर पहले स्थान पर है.
ऊक्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा आबादी वाले देशों में ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.
(इनपुट: भाषा)
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