केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) ने 'राष्ट्रीय क्वांटम मिशन' (National Quantum Mission) को मंजूरी दे दी है. बुधवार, 19 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जितेंद्र सिंह ने कैबिनेट ब्रीफिंग में घोषणा की कि केंद्र सरकार से राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी मिल गई है.
National Quantum Mission को केंद्र की मंजूरी: टेक्नोलॉजी से भारत को कितना फायदा?
1. क्या है क्वांटम कंप्यूटिंग?
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) के अनुसार, क्वांटम कंप्यूटिंग एक उभरता हुआ क्षेत्र है जो क्वांटम कम्प्यूटिंग के कुछ बुनियादी सिद्धांतों को असाधारण गति से सूचना प्रोसेस करने के लिए लागू करता है.
एक क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स का उपयोग करता है. एक क्यूबिट इलेक्ट्रॉनों या फोटॉन से बना होता है. उनका स्पिन क्वांटम की स्थिति के बारे में बताता है.
फिजिक्स में, क्वांटम किसी भी फिजिकल संपत्ति की सबसे छोटी अलग इकाई है. यह आमतौर पर एटोमिक या सबएटोमिक कणों के गुणों को बताता है, जैसे कि इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रिनो और फोटॉन.
क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम फिजिक्स के अनूठे व्यवहार का उपयोग करते हैं- जैसे सुपरपोजिशन, उलझाव और क्क्वांटम इंटरफेरेंस और इसे कंप्यूटिंग पर लागू करते हैं. यह पारंपरिक प्रोग्रामिंग विधियों के लिए नई अवधारणा है.
Expand2. भारत क्या करने जा रहा?
सरकार क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी, और क्वांटम सामग्री और उपकरणों के डोमेन पर शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान और विकास संस्थानों में चार विषयगत केंद्र (टी-हब) स्थापित करेगी.
हब बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के माध्यम से नए ज्ञान के सृजन पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उन क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देंगे जो उनके लिए अनिवार्य हैं.
Expand3. भारत के लिए क्या फायदा?
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन देश में प्रौद्योगिकी विकास पारिस्थितिकी तंत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्तर पर ले जा सकता है. मिशन से संचार, स्वास्थ्य, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों के साथ-साथ दवा डिजाइन और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों को बहुत लाभ होगा.
जितेंद्र सिंह ने कहा, "यह डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास लक्ष्यों (SDG) जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को भारी बढ़ावा देगा."
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)
Expand
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "मिशन 2023-2024 से 2030-31 तक जारी रहेगा और कुल 6,003.65 करोड़ रुपये खर्च होंगे."
यह निर्णय भारत की तकनीकी प्रगति को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले जाएगा.अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन शुरू करने का निर्णय पिछले नौ वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है. मंत्री ने कहा कि भारत सूचना प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और क्वांटम प्रौद्योगिकी का इससे सीधा संबंध है.
यह क्वांटम प्रौद्योगिकी अनिवार्य रूप से सूचना प्रसंस्करण से संबंधित है. यह तकनीक क्लासिक कंप्यूटरों के मौजूदा बुनियादी ढांचे से बेहतर है, जो ट्रांजिस्टर-आधारित हैं, क्योंकि यह परमाणु-आधारित तकनीक पर आधारित है, जो कि वर्तमान तकनीक की तुलना में बहुत तेज है.
यह सूचना प्रसंस्करण को तेज, प्रामाणिक, सटीक और सुरक्षित बनाता है. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन भारत को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़ी ऊंचाई पर ले जायेगा.
अमेरिका, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्रांस और चीन के बाद भारत क्वांटम मिशन वाला छठा देश होगा.
क्या है क्वांटम कंप्यूटिंग?
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) के अनुसार, क्वांटम कंप्यूटिंग एक उभरता हुआ क्षेत्र है जो क्वांटम कम्प्यूटिंग के कुछ बुनियादी सिद्धांतों को असाधारण गति से सूचना प्रोसेस करने के लिए लागू करता है.
एक क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स का उपयोग करता है. एक क्यूबिट इलेक्ट्रॉनों या फोटॉन से बना होता है. उनका स्पिन क्वांटम की स्थिति के बारे में बताता है.
फिजिक्स में, क्वांटम किसी भी फिजिकल संपत्ति की सबसे छोटी अलग इकाई है. यह आमतौर पर एटोमिक या सबएटोमिक कणों के गुणों को बताता है, जैसे कि इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रिनो और फोटॉन.
क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम फिजिक्स के अनूठे व्यवहार का उपयोग करते हैं- जैसे सुपरपोजिशन, उलझाव और क्क्वांटम इंटरफेरेंस और इसे कंप्यूटिंग पर लागू करते हैं. यह पारंपरिक प्रोग्रामिंग विधियों के लिए नई अवधारणा है.
भारत क्या करने जा रहा?
सरकार क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी, और क्वांटम सामग्री और उपकरणों के डोमेन पर शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान और विकास संस्थानों में चार विषयगत केंद्र (टी-हब) स्थापित करेगी.
हब बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के माध्यम से नए ज्ञान के सृजन पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उन क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देंगे जो उनके लिए अनिवार्य हैं.
भारत के लिए क्या फायदा?
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन देश में प्रौद्योगिकी विकास पारिस्थितिकी तंत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्तर पर ले जा सकता है. मिशन से संचार, स्वास्थ्य, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों के साथ-साथ दवा डिजाइन और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों को बहुत लाभ होगा.
जितेंद्र सिंह ने कहा, "यह डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास लक्ष्यों (SDG) जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को भारी बढ़ावा देगा."
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)