ADVERTISEMENTREMOVE AD

3 राज्यों में BJP की हालत, 2019 से पहले उसे गहरा ‘घाव’ दे गई

क्या है मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए मैसेज?

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

तीन राज्यों में बीजेपी ने अपनी आधी हैसियत गंवाई है, यह उसके लिए बड़ा झटका है. लेकिन स्पिन डॉक्टर्स बड़े-बड़े स्पिन देंगे. कहा जाएगा कि राजस्थान में बीजेपी की हार पहले से तय थी. वहां हर पांच साल में म्यूजिकल चेयर का खेल चलता है.

स्पिन डॉक्टर्स ये भी कहेंगे कि इस बार कांग्रेस की जीत तो होनी ही था. वो आगे कहेंगे कि तीन टर्म के बावजूद मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी. छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी का शासन तीन टर्म का रहा है, वोटर की बोरियत भी कोई चीज होती है कि नहीं. तीन टर्म की एंटी इन्कंबेंसी भारी पड़ी और बीजेपी की हार हुई. वो कहेंगे इसमें बड़ी बात कौन सी है?

लेकिन डि‍यर स्पिन डॉक्टर्स, बीजेपी की हार को समझने के लिए कुछ आंकड़ों पर गौर कीजिए. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इन तीन राज्यों में 377 सीटें जीती थीं. ट्रेंड के हिसाब से इस बार बीजेपी का सीटों का आंकड़ा 200 के नीचे होने वाला है. मतलब इन तीन राज्यों में बीजेपी को करीब 177 विधायकों का नुकसान. इस हिसाब से यह बीजेपी की करारी हार है.

छत्तीसगढ़ में बीजेपी का वोट शेयर धड़ाम

अब जरा छत्तीसगढ़ पर नजर डालिए. छत्तीसगढ़ में बीजेपी के वोट शेयर में पिछली विधानसभा की तुलना में करीब 9 परसेंट की कमी आई है. और 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले नुकसान करीब 16 परसेंट का है. इस तरह की कमी देश के चुनाव में ऐतिहासिक मानी जाती है. तो छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार मामूली हार नहीं है. इसे मान लेना चाहिए.

क्या है मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए मैसेज?

अब बात करते हैं मध्‍य प्रदेश की.

मध्य प्रदेश में बीजेपी के वोट शेयर में 2014 लोकसभा की मुकाबले में 14 परसेंट की कमी आई है. इसे भी मामूली कतई नहीं माना जा सकता है. 

माना कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों का सही तुलना नहीं हो सकता है. लेकिन इस आंकड़े से एक डायरेक्शन मिलता है. और वो डायरेक्शन है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए अपनी हैसियत बचा पाना एक बड़ा चैलेंज हो सकता है. राज्य में सत्ता गंवाने के बाद तो मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या कहता है राजस्थान का राजनीतिक मैदान?

अब बात करते हैं राजस्‍थान के मिजाज की. राजस्थान ने अपने म्‍यूजिकल चेयर वाली रेप्यूटेशन को बरकरार रखा है. मतलब हर 5 साल बाद सत्ता में कभी बीजेपी, तो कभी कांग्रेस को. लेकिन कांग्रेस के लिए यहां थोड़ी निराशा हो सकती है कि उसे उतनी बड़ी जीत नहीं मिली, जितनी की उम्मीद रही होगी. फिर भी कांग्रेस के लिए अच्छी खबर तो यही है कि राजस्थान में भी उसकी सरकार बनने जा रही है. और बीजेपी के कांग्रेसमुक्त भारत के सपने को यह करारा झटका है कि एक और राज्य उसके हाथ से निकल गया.

हमें याद रखना चाहिए कि इन तीनों राज्यों में बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से था.

पिछले लोकसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों की 65 लोकसभा सीटों में बीजेपी के हिस्से में 62 सीटें आई थीं. और मुकाबला काफी एकतरफा था. आज के नतीजों के बाद हम कतई नहीं कह सकते हैं कि इन राज्यों में मुकाबला एकतरफा रहने वाला है.

ऐसे में आप खुद अनुमान लगा सकते हैं कि सिर्फ इन तीन राज्यों में बीजेपी को आने वाले लोकसभा चुनाव में कितना बड़ा नुकसान हो सकता है. और इसका असर दूसरे राज्यों में होता है, तो बीजेपी की मुसीबतें और बढ़ सकती है.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस सरकार, CM कौन? बघेल, देव या साहू

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×