अमेरिकी चुनाव नतीजों के जो रुझान सामने आए हैं, उससे लगता है कि जो बाइडेन अब जीत की तरफ बढ़ चुके हैं. क्योंकि जो चार बचे हुए राज्य हैं, उनमें से तीन में बाइडेन आगे चल रहे हैं. पेंसिलवेनिया में जहां ट्रंप आगे थे, वहां उनकी बढ़त धीरे-धीरे कम होती जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अब 7 नवंबर सुबह तक अमेरिकी चुनाव की तस्वीर कुछ साफ हो सकती है. अब अगर बाइडेन एक राज्य में भी जीत दर्ज करते हैं तो ट्रंप के लिए 270 के आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.
इसीलिए अब ट्रंप बौखलाए हुए हैं और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो कुछ भी कहा उससे पूरा अमेरिका घबराया हुआ है. ट्रंप अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुके हैं और उनके मुंह से एक बार फिर झूठ का झरना बहना शुरू हो गया है.
बिना सबूत के बोल रहे हैं झूठ
उनके झूठ की चर्चा से पहले हम आपको ये बता दें कि कई राज्यों में उनकी तरफ से बहुत सारे मुकदम दायर कर दिए गए हैं, कुछ में छोटी-मोटी सफलता मिल रही है कि ठीक है आपका पोल ऑब्जर्वर काउंटिंग सेंटर में और नजदीक जाकर बैठ जाएगा. लेकिन कई राज्यों में वहां के जो फेडरल कोर्ट के जजेस हैं उन्होंने उनकी याचिका को खारिज भी किया है. मिशिगन और जॉर्जिया भी इसमें शामिल हैं.
फिलाडेल्फिया जो कि ब्लैक बहुल इलाका है, वहां पर ट्रंप कैंपेन ने कोशिश की वहां पर अड़ंगा लगाया जाए, क्योंकि उनका झूठ है कि वोटर फ्रॉड हो रहा है, चुनाव की चोरी करने की कोशिश चल रही है गैर कानूनी बैलेट गिने जा रहे हैं. लेकिन इसका कोई सबूत नहीं दे रहे हैं. लेकिन फिर भी इस झूठ को लेकर वो लगातार अपना कैंपेन बढ़ाते जा रहे हैं, ब्लॉक किए जाने के बावजूद लगातार गलत ट्वीट कर रहे हैं. वो मान नहीं रहे हैं. इसीलिए अदालती चक्करों के कारण वो नतीजों को डिले करा सकते हैं, लेकिन अब लगता नहीं है कि वो इस चुनाव को पूरी तरह से हाईजैक कर पाएंगे.
ट्रंप के झूठ पर न्यूज चैनलों का एक्शन
गुरुवार को जब ट्रंप ने अपना भाषण दिया तो उसके साथ एक बड़ी अजीब बात ये हुई कि अमेरिका के कई जो न्यूज नेटवर्क हैं उन्होंने अपना प्रसारण बीच में ही रोक दिया. क्योंकि उनके झूठ हजम करने लायक नहीं थे. वो लगातार झूठ बोल रहे थे, पिछले दिनों में दो हफ्तों का आंकड़ा देखें तो उन्होंने एक दिन में 50-50 तक झूठ बोले हैं.
ट्रंप ने अब तक 22 हजार से ज्यादा झूठ बोले हैं. उनकी पूरी प्रेसिडेंसी का डेली झूठ बोलने का औसत 16.9 झूठ रोजाना का है. टेलीविजन नेटवर्क ने उनके भाषण को काट दिया और ट्विटर ने भी उनके कई ट्वीट को ब्लॉक कर दिया, आज भी उनके दो ट्वीट ब्लॉक हुए हैं. फेसबुक और टिक-टॉक ने भी ये कहा है कि जो भी इस डीलिंग विद इलेक्शन हैशटैग से चीजें आएंगी उसे हम ब्लॉक कर देंगे.
इस तरह का आउट रेज उन प्लेटफार्म से भी आ रहा है जो अभी तक ट्रंप के साथ थोड़ा सॉफ्ट चलते थे. क्रिस क्रिस्टी जो रिपब्लिक नेता हैं, उन्होंने भी कहा है कि ये थोड़ा ज्यादा कर रहे हैं, साथ ही कई और रिपब्लिकन नेता संभलकर बयान दे रहे हैं. ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं.
अड़ंगा लगाने की पूरी कोशिश करेंगे ट्रंप
तो अब सारे चुनाव नतीजों की औपचारिक घोषणा तो 12 नवंबर तक होगी. लेकिन अगर पेन्सिलवेनिया का रिजल्ट और ट्रेंड तय हो जाता है तो ये मान लिया जाएगा कि अब नतीजा आ गया है, ट्रंप के लिए अब इस चुनाव को जीत पाना बहुत मुश्किल है. इसीलिए 12 नवंबर तक ट्रंप अड़ंगा लगाने की कोशिश करेंगे, कुछ कोर्ट उनको राहत दे सकते हैं और प्रोसेस में कुछ डिले हो सकता है. लेकिन इस प्रोसेस को रोक पाना मुश्किल होगा.
अब देखना होगा कि अमेरिका का पब्लिक ओपिनियन कैसे रिएक्ट करता है, क्योंकि एक वोट की जीत भी जीत होती है, तो अगर बाइडेन को 270 वोट मिलते हैं और वो पहले ही ट्रंप से पॉपुलर वोट में करीबन 40 लाख आगे हैं. तो अब ट्रंप इतिहास की इसी सच्चाई से फाइट करके अब धारा बदलना चाहते हैं और स्मूथ ट्रांजिशन ना हो पाए इसके लिए वह पूरी कोशिश कर रहे हैं.
इसमें ये भी जरूरी बात है कि वो इतना घोर अलोकतांत्रिक काम क्यों कर रहे हैं? हो सकता है बाद में वो नेगोशिएट करें कि अगर तुम मुझे सभी तरह के मुकदमों से प्रोटेक्ट करोगे तो मैं जल्दी से इस्तीफा देता हूं, वरना मेरे पास और भी बहुत सारे अधिकार हैं, पता नहीं मैं कितना उत्पात मचाऊंगा. इसीलिए अमेरिका के लिए अगले कुछ दिन घबराहट और बेचैनी के हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)