चुनाव ट्रैकर के दसवें एपिसोड में हम एक बार फिर आपके सामने हैं, तो तैयार हो जाइए आज के चुनावी डोज के लिए. आज हम बात करेंगे मसूद अजहर पर हो रही राजनीति पर. इसके अलावा हम बात करेंगे चुनाव आयोग की कार्रवाई, शेयर बाजार और प्रियंका गांधी की राजनीति पर कि क्या कांग्रेस यूपी में सिर्फ वोट कटवा पार्टी बनकर रह गई है?
मसूद अजहर पर राजनीति
मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया. चीन की तरफ से जो दिक्कत थी वो अमेरिका ने बात करके खत्म कर दिया. बीजेपी इसे अपनी बड़ी जीत बता रही है.
इस बीच मनमोहन सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक हमारे वक्त भी होती थी लेकिन हम बताते नहीं थे. उन्होंने ये भी कहा कि मसूद अजहर को लाने का काम हमारी सरकार में शुरू हुआ था.
विपक्ष का सवाल है कि ‘2014 में आपने कहा था कि हम दाऊद इब्राहिम को वापस लेकर आएंगे उसका क्या हुआ. विजय माल्या और नीरव मोदी को भी वापस लाने की बात थी, उसका क्या हुआ.’
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ नौ पेंडिग मामलों पर 6 मई तक फैसला लीजिए. कभी-कभी चुनाव आयोग तटस्थ फैसले लेता है लेकिन कभी-कभी उसके फैसले से कई सवाल उठते हैं. तेज बहादुर का पर्चा रद्द हो जाता है. आरोपी प्रज्ञा ठाकुर का नामांकन मंजूर हो जाता है.
शेयर बाजार
शेयर बाजार स्थिरता चाहता है. इसलिए उसकी चाहत है कि मोदी सरकार सत्ता में वापस आ जाए. लेकिन मार्केट के विश्वास में पहले से कमी आई है. बाजार पहले समझ रहा था कि मौजूदा एनडीए सरकार ठीक-ठाक आंकड़े से सत्ता में आ जाएगी. लेकिन अब 220 या उससे थोड़े कम के आंकड़े की संभावना है. ऐसा हुआ तो गठबंधन की सरकार आएगी. इसका असर सेंसेक्स पर दिखने लगा है. सेंसेक्स में उतार चढ़ाव नजर आने लगा है. जिससे 23 मई को बाजार में थोड़ा उथल- पुथल हो सकता है.
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