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"हमने बता दिया वो गलत थे"- आंदोलन का एक साल पूरा होने पर बोले किसान

एक किसान ने क्विंट से कहा- 26 जनवरी 2020 से ही हमारी दो मांगें थी. पहला कृषि कानूनों की वापसी और दूसरा MSP पर गारंटी

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किसान आंदोलन (Farmers Protest) का एक साल पूरा होने के मौके पर किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर आज यानि 26 नवंबर को अपना शक्ति प्रदर्शन किया और सरकार पर अपनी मांगों को मानने को लेकर दबाव बनाने की कोशिश की.

सरकार ने पहले ही तीनों कृषि कानून रद्द करने का एलान कर दिया है लेकिन किसानों का कहना है कि उनके आंदोलन की कई और मांगें है जिनको मानने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.

क्विट ने टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों से बात की है.

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किसानों ने उन्हें बताया कि वो गलत थे"

टिकरी बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी अमरजीत सिंह ने क्विंट से बात करते हुए कहा,

"हमारी लड़ाई नीतियों के खिलाफ थी. उन्होंने उस नीति को रद्द कर दिया है जो हमारी सबसे बड़ी जीत है. हमारी दूसरी सबसे बड़ी जीत ये है कि पिछले सात सालों में, पीएम मोदी एक इंच भी पीछे नहीं हटे, उन्होंने जीएसटी पेश किया, नोटबंदी की. धारा 370 हटाया, सभी पर कहा कि वे सही थे. इतिहास में ये पहली बार है कि किसानों ने उन्हें बताया कि वो गलत थे."
अमरजीत सिंह
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उन्होंने आगे कहा कि "ये सिर्फ किसानों की या खेती किसानी की लड़ाई नहीं है बल्कि ये दुकानदार, रेड़ी वाले, छोटे कारोबारी सबकी लड़ाई है और हमने ये लड़ाई जीती है."

उन्होंने इसके बाद कहा कि जिन मीडिया चैनलों ने हमारी आवाज उठाई हम उन सभी का धन्यवाद करते हैं

एक और किसान ने कहा कि "26 जनवरी 2020 से ही हमारी दो मांगें थी. पहला कृषि कानूनों की वापसी और दूसरा MSP पर गारंटी. इसके बाद आंदोलन बढ़ता गया जिसके कारण किसानों पर कई मुकदमे हुए और शहादत भी हुई. अब ये भी आंदोलन का ही हिस्सा है."

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