प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इसरो कंट्रोल सेंटर से निकल रहे थे, तो उन्हें विदा देने आए इसरो चीफ के सिवन भावुक हो गए. पीएम मोदी ने उन्हें हौसला देते हुए गले लगाया, तो सिवन के आंखों से आंसू छलक पड़े. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो चीफ की पीठ थपथपाई और उनका हौसला बढ़ाया
मिशन चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ चांद की सतह पर उतरने से पहले इसरो से संपर्क टूट गया. इसरो के मुताबिक, रात 1:37 बजे लैंडर की चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. लेकिन करीब 2 किमी ऊपर संपर्क टूट गया. हालांकि मिशन के असफल होने पर अभी इसरो की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है.
शनिवार सुबह आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो सेंटर से वैज्ञानिकों को संबोधित किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कई रातों से वैज्ञानिक सोए नहीं हैं. वैज्ञानिक देश के लिए अपनी पूरी जिंदगी खपा देते हैं. आप लोग मां भारती के लिए जीते हैं. आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पाता था. लेकिन आज भले ही कुछ रुकावटें आई हों, लेकिन उससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है. उससे और मजबूत हुए हैं हम.
पीएम मोदी ने आगे कहा-
मैं सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के परिवार को भी सलाम करता हूं. उनका मौन लेकिन बहुत महत्वपूर्ण समर्थन आपके साथ रहा. हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी. हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे. अपने वैज्ञानिकों से मैं कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है. आप सब महान प्रोफेशनल हैं, जिन्होंने देश की प्रगति के लिए संपूर्ण जीवन दिया और देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई मौके दिए. आप लोग मक्खन पर लकीर करनेवाले लोग नहीं हैं पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं.”
विक्रम' चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था, इसका संपर्क इसरो से टूट गया. बस यहीं से इसरो के लिए तनाव भरे पल शुरू हो गए.
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