कर्नाटक में कौन आगे, कौन पीछे?
कर्नाटक में वोटिंग की तारीख करीब है और चुनावी नतीजों के अंदाजे को लेकर गहमागहमी तेज. लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में कांग्रेस यूं तो बीजेपी से आगे दिखाई देती है लेकिन बहुमत के आंकड़े, 113 सीट से पीछे है. सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस को 92-102 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि बीजेपी को 78-89 सीटें मिल सकती हैं. जनता दल (सेक्युलर) 34-42 सीटों के साथ तीसरे पायदान पर रह सकता है. लगता है कि एचडी देवगौड़ा किंगमेकर बनकर उभर सकते हैं. ये सर्वे 27 अप्रैल से 2 मई के बीच कराया गया.
सर्वे के नतीजों को लेकर क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया और कर्नाटक की चुनावी कवरेज से लौटे मेघनाद बोस ने सीएसडीएस के डायरेक्टर संजय कुमार के साथ चर्चा की.
कांग्रेस से कर्नाटक की जनता कितनी खुश?
सीएसडीएस के सर्वे में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ता दिख रहा है. 38% जनता कांग्रेस के साथ जाती दिखती है. हालांकि, हर क्षेत्र में कांग्रेस को बढ़त हासिल नहीं है. कई जगहों पर बीजेपी भी आगे है. सीएसडीएस के डायरेक्टर संजय कुमार ने क्विंट को बताया,
पिछले सर्वे में बीजेपी को 35 और कांग्रेस को 37 फीसदी वोट मिलने का अनुमान था. लेकिन अब ये फर्क 5 फीसदी का हो गया है. कोस्टल कर्नाटक और मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र में बीजेपी को जो बढ़त पहले दिख रही थी वो खिसकती नजर आ रही है.
चुनावों में किसके साथ लिंगायत?
लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे की मानें तो लिंगायत वोटरों को बीजेपी का साथ भा सकता है. 60-65% लिंगायत वोटर बीजेपी के साथ जाते दिखते हैं तो 20-25% लिंगायत वोटर कांग्रेस के साथ.
चुनावी समर में धर्म और जाति
बीजेपी के लिए बिहार में जरूर जाति का कार्ड चला लेकिन कर्नाटक में ऐसा होने की संभावना कम है. क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने कहा, “बीजेपी को जाति का खेल सूट नहीं करता. जाति के आधार पर अगर वोटर मतदान करने निकलता है तो वो बीजेपी के लिए नेगेटिव हो सकता है. यही वजह है कि बीजेपी आखिर के दिनों में धर्म का, हिंदू-मुस्लिम का कार्ड लेकर आती है.”
माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव कांग्रेस के लिए कहीं ज्यादा अहमियत भरा साबित हो सकता है. अगर कांग्रेस हारती है तो ये उसके लिए बड़ा झटका होगा. वहीं बीजेपी को इस हार का ज्यादा असर पड़ने की संभावना नहीं है.
ये भी पढ़ें- कर्नाटकः हजारों वोटर कार्ड बरामद, कांग्रेस-BJP का एक दूसरे पर आरोप
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)