महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के सीनियर लीडर और महाराष्ट्र मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम बागी तेवर में नजर आ रहे हैं. संजय निरुपम ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की तरफ से उन्हें दरकिनार किए जाने पर नाराजगी जताई है. निरुपम ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी पर जमकर हमला बोला.
निरुपम ने कहा, “महाराष्ट्र में कुछ सीटों को छोड़कर बाकी सभी सीटों पार्टी की जमानत जब्त होगी. मुझे नहीं लगता कि मैं पार्टी छोड़ना चाहूंगा, लेकिन अगर पार्टी के अंदर चीजें इस तरह जारी रहती हैं, तो मुझे नहीं लगता कि मैं पार्टी में लंबे समय तक रह सकता हूं. मैं चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लूंगा.”
उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ जुड़े लोग साजिश रच रहे हैं.
जो लोग राहुल गांधी से जुड़कर पार्टी में काम कर रहे थे ऐसे लोगों को खत्म करना और उनको पार्टी के सिस्टम से बाहर कर देना. ये षड्यंत्र चल रहा है. पहले टिकट देने से पहले जमीन से जुड़े लोगों फीडबैक लिया जाता था, अब ऐसा नहीं है. अगर अब भी कांग्रेस नहीं सुधरेगी तो बर्बाद हो जाएगी.
“टिकट देने से पहले मुझसे नहीं पूछा गया”
संजय निरुपम ने कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी में जनरल सेक्रेटरी बोल देते हैं वो आखिरी फैसला हो जाता है. वो इंसान है, उसके अंदर भी अहंकार हो सकता है, उनके अंदर भी मोह आ सकता है. पहले पार्टी में समानांतर चैनल होता था. लेकिन अब लोगों से फीडबैक नहीं लिया जाता है. मैंने चार विधानसभा के लोगों को खड़गे जी से दिल्ली में मिलवाया था. खड़गे जी ने किसी से बात तक नहीं की. अब उन चारों को टिकट नहीं दिया. एक सीट एनसीपी को दे दी गई, मुझसे पूछा भी नहीं गया.”
मैं जनरल सेक्रेट्री पर आरोप लगता हूं. जब से (खड़गे) जनरल सेक्रेटरी बने तब से मुंबई में एंटी पार्टी अभियान चल रहा है. मुझे चुनाव से पहले हटाया, मैंने कुछ नहीं बोला. उसका असर लोकसभा चुनाव में पड़ा.
मुस्लिम समाज के लोगों को पार्टी कर रही दरकिनार
निरुपम ने कांग्रेस आलाकमान पर मुस्लिम समाज को दरकिनार करने पर भी सवाल उठाया. निरुपम ने वर्सोवा सीट से अपने उम्मीदवार को टिकट नहीं दिए जाने पर भी सवाल उठाए और दावा किया कि वह सही प्रत्याशी को टिकट देने के लिए कह रहे थे.
निरुपम ने कहा,
‘’मैं मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष और सांसद रहा हूं. मैंने सिर्फ एक सीट के लिए आग्रह किया था. फिर मेरी नहीं सुनी गई. ऐसा क्यों है? मैं मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष और सांसद रहा हूं. मैंने सिर्फ एक सीट के लिए आग्रह किया था. फिर मेरी नहीं सुनी गई. ऐसा क्यों है? मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया गया. इसके लिए मैं आवाज उठा रहा हूं. जिस व्यक्ति को टिकट दिया गया वो 77 साल के बुजुर्ग हैं, मेरे तीन गुने हैं. उनको टिकट देने से पहले सोचना चाहिए था पार्टी को. वो पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे. फिर ऐसे लोगों को क्यों टिकट दिया? क्यों नहीं लोगों से पूछा गया. राहुल गांधी से जुड़े लोगों को बताना है कि वो महत्वहीन हो.
अब क्या करेंगे संजय निरुपम?
संजय निरुपम में कहा, “लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं, इसलिए मैं साफ कर दूं कि अभी पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए. लेकिन सबकुछ यूंही चलता रहे तो मैं ज्यादा दिन नहीं रहूंगा. पार्टी नेतृत्व को सीखना होगा और बदले हुए माहौल के हिसाब से सीखना होगा.”
बता दें कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 24 अक्टूबर को चुनाव का फैसला हो जाएगा.
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