वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
शनिवार की सुबह 35 साल के रविंद्र सिंह अपने घर हरियाणा के जींद जाने की तैयारी कर रहे थे. मारुति सुजुकी कर्मचारी रविंद्र अपने परिवार के साथ रोजमर्रा की जिंदगी से दूर छुट्टियों पर जा रहे थे. फारुख नगर से करीब 200 किलोमीटर दूर लंबी ड्राइव.
दरअसल, 7 और 9 सितंबर को मारुति सुजुकी का मानेसर प्लांट बंद रखने का ऐलान किया गया था, जहां वो काम करते हैं. लेकिन रविंद्र बताते हैं कि उन्हें इस छुट्टी से खुशी नहीं हुई बल्कि उनकी चिंता बढ़ गई. क्योंकि 10 साल में ये पहली बार हुआ है जब मानेसर और गुरुग्राम में मारुति प्लांट को बंद किया गया.
मंदी के दौर से गुजर रहे ऑटो सेक्टर का हाल बुरा है. देश की सबसे बड़ी कार मैनेयुफैक्चरिंग कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने 7 और 9 सितंबर को हरियाणा में गुरुग्राम प्लांट और मानेसर प्लांट में मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस बंद रखे. इन दोनों ही दिन कोई प्रोडक्शन नहीं हुआ.
'नो प्रॉडक्शन डे' के तहत रविंद्र की तरह ही कई कर्मचारियों को मिली इस छुट्टी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है. रविंद्र 10 सालों से इस प्लांट में काम कर रहे हैं.
हरियाणा के हिसार जिले के प्रदीप चहल मारुति के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए कहते हैं कि उन्होंने कभी भी सेक्टर में इस तरह से मंदी नहीं देखी.
वो कहते हैं, '' ये साल दर साल आगे बढ़ा है"
लेकिन अब, उन्हें और उनके साथ काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को मंदी का एहसास हो रहा है, न सिर्फ फैक्ट्री के अंदर, बल्कि उनकी जिंदगी पर भी इसका असर दिखने लगा है. प्रदीप ने बताया कि उन्होंने अपना मकान बनवाने का प्लान फिलहाल टाल दिया है.
अगस्त 2019 के आंकड़ों पर नजर डालें तो सिर्फ मारुति सुजुकी ही नहीं, इस स्लोडाउन की वजह से टाटा मोटर्स ने भी अपने प्रोडक्शन में 52% की कटौती की. वहीं महिंद्रा ने अपने प्रोडक्शन में 37% की कटौती की है.
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