ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुंबई: मेनहोल से लोगों को बचाने बीच सड़क पर खड़ी रही महिला

महिला का कहना है कि 'मैंने वही किया जो किया जो मुझे सही लगा'

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा

साउथ मुंबई में फुटपाथ पर रहने वाली 50 साल की महिला ने न सिर्फ सड़क पर जमे बारिश के पानी को निकालने के लिए मेनहोल खोला बल्कि वो करीब 7 घंटे तक उसी जगह पर खड़ी होकर वहां से निकलने वाले लोगों को चेतावनी देती रहीं, ताकि कोई मेनहोल में गिरकर हादसे का शिकार न हो जाए. महिला का कहना है कि 'मैंने वही किया जो किया जो मुझे सही लगा'

ADVERTISEMENTREMOVE AD

खुदगर्ज से ऊपर उठकर लोगों के बारे में सोचा

खुदगर्जी से ऊपर उठकर महिला ने लोगों के बारे में सोचते हुए ये काम किया. इस घटना का वीडियो पास ही रहने वाले एक शख्स ने बना लिया. इसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक कांता मूर्ति कालान नाम की इस महिला के करीब 10 हजार रुपये खो गए थे. महिला ने ये पैसे अपनी दो बेटियों की ऑनलाइन एजुकेशन के लिए बचा के रखे थे.

ये घटना 3 अगस्त 2020 के दिन सुबह-सुबह की है. इस दिन मुंबई की सड़कों पर बाढ़ का पानी भर गया था. पानी भरने वाले इलाके में माटुंगा वेस्ट का तुलसी पाइप रोड भी शामिल था. इसी दिन शहर के कई इलाकों में पानी भरने की खबर आई थी. शहर के कई इलाकों में गाड़ी, बाइक डूबने की तस्वीरें आ रही थीं. फूल बेचने वाली महिला घुटने तक भरे हुए पानी में उतर गई. उन्होंने मेनहोल में कपड़ा बांधा और दूसरे लोगों की मदद से मेनहोल खोल दिया.

एक घटना ने महिला को ये करने के लिए प्रेरित किया

सवाल उठता है कि किस बात ने महिला कालान को ये नेक काम करने के लिए प्रेरित किया. उसका घर और पैसे सब कुछ बह जाने के बाद भी वो किस वजह से मेनहोल के आगे खड़ी रही?

अगस्त 2017 में दिग्गज गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजिस्ट डॉ दीपक अमारापुरकर के परेल के मेनहोल में गिरने के बाद वर्ली में शव निकाला गया. तीन साल बाद जब कलान ने सुबह-सुबह ये मेनहोल खोला तो उसके दिमाग में ये बात थी और वो चाहती थी कि इस तरह की घटना फिर से न हो.

दशकों पहले कालान ने माटुंग के बाहर रहने के लिए जगह बनाई थी, उनका नया घर दार मार्केट के पास है. वो 8 बच्चों की मां है. उनके साथ फुटपाथ पर अब उनके दो ही बच्चे रहते हैं बाकी लोग दूसरी जगह रहने लगे. 15 साल पहले उनके पति ट्रेन एक्सिडेंट के बाद पैरेलाइज हो गए, वो भी अलग रहते हैं. उनकी दो बच्चियां 8वीं और 10वीं क्लास में पढ़ती हैं. महिला ने इन्हीं की पढ़ाई के लिए पैसे इक्ट्ठे किए थे, जो अब गुम गए.

दिनभर खड़े रहने की वजह से उनको बुखार हो गया और मेनहोल खोलने के लिए बीएमसी अधिकारियों ने महिला को फटकार भी लगाई. भले ही अधिकारी नाराज हुए हों लेकिन कालान बताती हैं कि कुछ पुलिसवालों और दूसरे लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर उनके काम की सराहना की.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×