ADVERTISEMENTREMOVE AD

CAA प्रदर्शन: संगीत के जरिए हो रही विरोध की आवाज बुलंद

विरोध-प्रदर्शन का संगीतमय तरीका!

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम

प्रदर्शन और आंदोलनों के इतिहास में संगीत का भी अहम योगदान रहा है, बात चाहे बीटल्स की हो या टुपाक की, आंदोलनों और प्रदर्शनों में संगीत ने एक अहम भूमिका निभाई है. इतिहास से प्रेरणा लेकर अब भारत में भी प्रदर्शन में संगीत का इस्तेमाल देखा जाने लगा है, जैसे- नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में विरोध की आवाज संगीत के जरिये गूंजती दिखी.

मशहूर गाने जैसे 'हम होंगे कामयाब' से लेकर नेटफ्लिक्स के शो 'मनी हाईस्ट' का गाना 'बेला चाओ' का हिंदुस्तानी वर्जन 'मोदी जाओ' गाने के तौर पर सामने आया.

कई रैपर्स ने हिंसा को लेकर गाने बनाए. रैपर्स ने अपने गानों में रामायण का जिक्र करते हुए गाया 'वो हनुमान थे जिन्होंने लंका में आग लगाई, लेकिन आज लोग हनुमान के नाम पर देश में आग लगा रहे हैं.'

दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने बॉलीवुड के मशहूर गाने ‘वो चली...वो चली’ को ‘मोदी जी-मोदी जी, देखो डेमोक्रेसी की तुमने ऐसी-तैसी कर दी’ गाने में बदलकर प्रदर्शन किया.

कई प्रदर्शनकारियों ने अपने खुद के लिखे गाने भी गाए.

कोलकाता में 'बेला चाओ' गाने का बंगाली और राजनीतिक मेकओवर किया गया और उसे बदलकर कर दिया गया 'जब लाल लाल लहराएगा, तो होश ठिकाने आएगा' .

देश में हो रहे हर प्रदर्शन में एक गाना कॉमन रहा, और वो था 'हम होंगे कामयाब'. कुछ जगह इसे इंग्लिश वर्जन तो कहीं हिंदी में और कई बार इसे क्षेत्रीय भाषा में भी गुनगुनाया गया. ‘हम होंगे कामयाब’ के साथ मशहूर हुआ ‘आजादी’.

'आजादी' जैसे गाने ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है और इसे हर प्रदर्शन, हर कोने में गाया जा रहा है. लोग अपना-अपना वर्जन निकालकर 'आजादी' का गान गा रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×