12 जून को बिहार बॉर्डर पर हुई फायरिंग के बाद नेपाल पुलिस जिस भारतीय नागरिक को ले गई थी उसे छोड़ दिया है. बिहार के सीतामढ़ी में भारत-नेपाल बॉर्डर के पास नेपाली आर्मी की तरफ से हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और इसके अलावा तीन अन्य लोग घायल हुए थे. नेपाल से रिहा हुए लगन किशोर ने बताया-
सीमा पर जवानों ने हवाई फायरिंग की, हम सब वहां से भागने लगे, वो मुझे भारत से बंदूक से पीटते हुए नेपाल ले गए. पुलिस ने मेरे साथ मारपीट की और पूछने लगी कि सच बताओ तुम्हें नेपाल से पकड़ा गया है या भारत से. मैंने बोल दिया कि आप चाहे मुझे मार दीजिए पर मुझे भारत से पकड़ा गया है.
बिहार के सीतामढ़ी जिले के लगन यादव की एक बहु नेपाली हैं, वो नेपाल से अपने ससुराल वालों संग आ रहे थे. नेपाल के APF दल ने उन्हें नेपाल में 14 जून तक जारी लॉकडाउन के चलते वहां से जाने के लिए कहा. दोनों में इस बात को लेकर बहस हो गई.
12 जून को सुबह करीब 8:40 पर एक परिवार नेपाल जा रहा था. उन्हें नेपाली सुरक्षाकर्मियों ने बॉर्डर पर रोक दिया और वापस जाने के लिए कहा, जिससे बहस हुई. नेपाल के सुरक्षाकर्मियों ने करीब 15 राउंड फायरिंग की, जिसमें 3 लोग घायल हो गए और एक की मौत हो गई. नेपाली सुरक्षाकर्मियों ने लगन यादव को हिरासत में ले लिया था.
नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स के आरोप
नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स (APF) के एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल नारायण बाबू थापा ने कहा कि घटना उस समय हुई जब 25-30 भारतीय नेपाल में घुसने की कोशिश कर रहे थे. थापा का आरोप है कि इन लोगों ने नेपाल के सुरक्षा बल पर हमला भी किया.
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