BCCI का फरमान और एक झटके में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट बोर्ड की चयन समिति खत्म. भारतीय क्रिकेट को अगर आप बीते कुछ समय से बारिकी से देखें तो लगेगा कि ये राजनीति से बड़ा अखाड़ा बन चुका है. जलेबी से ज्यादा घुमावदार.
आखिर वो क्या फैक्टर्स थे जिसने चेतन शर्मा (Chetan Sharma) एंड कंपनी की छुट्टी करवा दी और अब जो कमेटी बनेगी उनसे क्या उम्मीद की जाए. क्या भारतीय टीम बहुत जल्द हर फॉर्मेट में अलग कप्तान देखने जा रही है. तो वो चार कारण जिसके कारण सेलेक्शन कमेटी (BCCI Selection Committee) गई और तीन उम्मीदें जो हम नई कमेटी से लगा सकते हैं.
आखिर हुआ क्या है?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि हुआ क्या है. BCCI की चयन समिति में पांच सदस्य होते हैं जो अधिकतम पांच साल तक पद पर रह सकते हैं. मौजूदा कमेटी में चार सदस्य थे, अध्यक्ष चेतन शर्मा के अलावा देबाशीष मोहंती, सुनील जोशी और हरविदर सिंह.
इन लोगों को चयन समिति में आए अभी लगभग 2 साल ही हुए थे, लेकिन T20 वर्ल्ड कप में मिली हार के बाद BCCI ने चारों को बर्खास्त कर दिया और नई कमेटी के गठन के लिए आवेदन निकाल दिए.
क्यों गई चेतन शर्मा की चयन समिति?
पहली वजह- 2 साल में पांच फ्लॉप शो
अब बात करते हैं कि उन वजहों की जिनके चलते BCCI को ये फैसला लेना पड़ा. वजग नंबर एक ये है बीते 2 साल में पांच फ्लॉप शो...वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप - हार, T20 वर्ल्ड कप 2021- हार, साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट और ODI सीरीज में हार, एशिया कप- हार, T20 वर्ल्ड कप 2022 में फिर हार.
दूसरी वजह-टीम सेलेक्शन में कंफ्यूजन
दूसरा कारण, टीम सेलेक्शन में कंफ्यूजन. अगर T20 वर्ल्ड कप में मिली हार से थोड़ा पहले जाकर देखें तो याद आएगा कि सेलेक्शन कमेटी बेंच स्ट्रेंथ के नाम पर एक साल में लगभग 28 से भी ज्यादा खिलाड़ी आजमा चुकी थी. दिनेश कार्तिक का स्टेटमेंट था कि भारत की बेंच स्ट्रेंथ इतनी मजबूत है कि हम एक साथ तीन अंतर्राष्ट्रीय टीमें खिला सकते हैं. लेकिन जब वर्ल्ड कप से ठीक पहले कुछ सीनियर खिलाड़ी चोटिल हुए तो उनके विकल्प तलाशने में पसीने छूट गए. मतलब आपके सारे प्रयोगों की पोल खुल गई.
बेंच स्ट्रेंथ खिलाड़ियों तक सीमित रहती तो फिर भी गनीमत समझिए यहां तो कप्तानों की बेंच तैयार होने लगी. सेलेक्शन कमेटी ने एक साल में लगभग 8 कप्तान ट्राई किए, लेकिन फिर भी आज की हकीकत ये है कि टीम के पास कोई सॉलिड कप्तानी विकल्प नहीं है.
तीसरी वजह- कमेटी का काम करने का अटपटा तरीका
तीसरा कारण है चेतन शर्मा और उनकी कमेटी के काम करने का तरीका. इनके कार्यकाल में फैसले लेने की एक अजीब सी छटपटाहट और पारदर्शिता की कमी दिखी. कई अहम फैसले और दौरे सिर्फ ट्विटर पर घोषित कर दिए गए जिसके बाद न कोई प्रेस कांफेंस न कोई सवाल जवाब. विराट कोहली जैसे बड़े कप्तान की ODI कप्तानी बेहद शर्मनाक तरीके से छीन ली गई.
सब कुछ ठीक रहता तो विराट खुद कप्तानी छोड़ने पर भी एक शानदार विदाई के हकदार थे. लेकिन चीजें खराब हुई और उसमें एक बड़ी भूमिका चयन समिति की मानी जा सकती है.
चौथी वजह- खराब टूर प्लानिंग
इसका एक और कारण है खराब टूर प्लानिंग. पैसे के लिए इतने ज्यादा मैच खेले जा रहे हैं कि प्लेयर्स को मशीन बना दिया गया है. एक दौरा खत्म होते ही दूसरा तैयार. हमने बेन स्टोक्स के संन्यास के बाद बताया था कि कैसे दुनिया भर के देश खुद को क्रिकेट में झोंक चुके हैं.
नई चयन समिति से क्या उम्मीदें?
अब बात करते हैं कि नई चयन समिति से क्या उम्मीद की जाए. दरअसल 28 नवंबर तक आवेदन जमा किए जाएंगे जिसके बाद 5 सदस्यों वाली नई समिति की घोषणा होगी.
तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान होंगे?
BCCI ने इस बार जो रिक्वायरमेंट डाली है उसमें एक अहम बिंदू ये है कि चयन समिति को तीनों फॉर्मेट के कप्तान तय करने हैं यानी अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या BCCI हर फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान रखने के बारे में सोच रही है.
टीम सेलेक्शन में पारदर्शिता हो
सेलेक्शन कमेटी से एक उम्मीद ये होगी कि हर बार टीम सेलेक्शन के बाद प्रेस कांफ्रेंस हो जिसमें जवाबदेही तय की जाए और एक लांग टेल की टीम बने जिसमें किसी तरह का विवाद न हो, खिलाड़ियों को उनका रोल पता हो. सबसे बड़ी चीज एक ऐसी टीम जो वर्ल्ड कप जिता सके.
सेलेक्शन कमेटी में निडर लोग हों
यहां एक उम्मीद और है वो ये कि सेलेक्शन कमेटी में ऐसे लोग होने चाहिए जो निडर हों और फैसले लेते समय किसी बड़े खिलाड़ी या अधिकारी के दबाव में न आएं. इसके लिए जरूरी है उन पूर्व खिलाड़ियों को कमेटी में जगह मिले जिनके आंकड़े बेहतर हों. हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत के आधार पर ये तीन नाम छांटे हैं जिन्हें चयन समिति में होना चाहिए- दिलीप वेंगसरकर, सुनील गावस्कर और एमएस धोनी.
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