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चुनाव ट्रैकर 1: पहला दिन, वे बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए

चुनाव ट्रैकर: तैयार हो जाइए हमारे साथ चुनावी खबरों पर चर्चा के लिए.

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क्विंट की नई पेशकश चुनाव ट्रैकर के साथ हम आपके सामने हैं. तैयार हो जाइए हमारे साथ चुनावी खबरों पर चर्चा के लिए.

वेस्टर्न यूपी में भारी वोटिंग का मतलब क्या है?

चुनाव के पहले दिन की सबसे बड़ी खबरों में से एक है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी मतदान. पश्चिमी यूपी बीजेपी के लिए बहुत बड़ी प्रयोगशाला रहा है. यहां शहर हो या गांव लोगों ने जम कर वोट डाले.अमूमन भारी मतदान या हाई टर्नआउट का मतलब यह निकाला जाता है कि वोटरों ने सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ वोट दिया है. हालांकि पूरे देश की अलग-अलग जगहों पर भी भारी मतदान हुआ है. लेकिन क्या इसका मतलब सत्ता के खिलाफ वोटिंग है. लेकिन ये जरूरी नहीं. कई चुनावों में हमने देखा है की सत्ता समर्थक लहर भी होती है सत्ता में बैठी पार्टी को इसका फायदा हो जाता है.

जम्मू-कश्मीर में न इनकी चली और न उनकी

चुनाव के पहले दिन दिल छूने वाली खबर रही- जम्मू-कश्मीर में भारी वोटिंग. जम्मू और बारामूला में लोगों ने जम कर  वोट डाले. अलगाववादियों के वोट बायकॉट की अपील नहीं चली और न ही जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़कर फायदे उठाने वालों की भी चाल नहीं चली.

आंध्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ हो रहे हैं और वहां हिंसा की खबर ने पूरे देश का ध्यान खींचा. वहां लोगों के बीच हिंसक टकराव हुआ और टीडीपी के एक नेता की मौत हो गई. वहां वाईएसआर के जगनमोहन रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू के बीच कड़ा मुकाबला है. चंद्रबाबू नायडू ने शिकायत की है वहां कई वोटिंग सेंटर पर ईवीएम मशीनें खराब हो गईं. वो काफी जगहों पर री-पोलिंग की मांग कर रहे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट से बीजेपी को झटका और नमो फूड

दिल्ली-एनसीआर में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता नहीं हो सका है. अब यहां दिलचस्प तिकोना मुकाबला होगा.

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट से बीजेपी के खिलाफ कई फैसले आ गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल के मामले में जिसे चोरी का कागज माना जा रहा है उससे वह सहमत नहीं है. अब इस कागज पर विचार होगा. दूसरी निगेटिव खबरें थीं नमो टीवी और नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर रोक की चुनाव आयोग की पहल. एक और खबर थी कुछ कि लोग मतदान केंद्रों पर नमो पैकेट वाले खाना बांटने लगे. इन हालातों में चुनाव आयोग की अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी. सिर्फ चेतावनी देने से काम नहीं चलने वाला. उसे सुनिश्चित करना होगा चुनाव वास्तव में निष्पक्ष होंगे.

दूसरी खबरों में ये कि सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी दोनों ने अपना-अपना पर्चा भरा. यह तय है कि रायबरेली और अमेठी दोनों जगह कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने भागलपुर में रैली की. उन्होंने वहां राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद का मुद्दा का उठाया. ये मुद्दे उनके चुनावी अभियान के केंद्र में रहे.

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ये भी देखें: नितिन गडकरी के साथ क्विंट की खास बातचीत

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