कांग्रेस अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक गांधी सिटी वर्धा में कर रही है. तारीख है 2 अक्तूबर यानी गांधी जयंती. लेकिन सवाल उठता है कि वर्धा ही क्यों? जवाब आसान है- महात्मा गांधी. अगला सवाल आता है- महात्मा गांधी क्यों? गांधीजी का नाम सुनते ही जो तीन शब्द सबसे पहले दिमाग में आते हैं, वो हैं- सत्य, अहिंसा और भाईचारा
कांग्रेस 2 अक्तूबर को वर्धा में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक करने जा रही है. इस दौरान पैदल मार्च भी निकाला जाएगा और गांधीजी के सेवाग्राम आश्रम में राहुल गांधी और बाकी नेता प्रार्थना सभा भी करेंगे. दरअसल, कांग्रेस ये बताने की कोशिश करेगी कि मौजूदा राजनीति में सत्य, अहिंसा और भाईचारा कम हुआ है. उनकी जगह झूठ, हिंसा और नफरत की राजनीति ने ले ली है.
महात्मा गांधी ने अपनी जिंदगी के आखिरी 12 साल इसी सेवाग्राम आश्रम में गुजारे. अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की रूपरेखा भी यहीं तैयार हुई. अब कांग्रेस का कहना है कि वो नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ गद्दी छोड़ो आंदोलन की मुहिम वर्धा से शुरू करेगी और गांधीजी का संदेश देश के कोने-कोने तक पहुंचाएगी. लेकिन मौजूदा वक्त में जब युद्ध नियमों के मुताबिक लड़ा ही न जा रहा हो तो सवाल ये भी बनता है कि गांधी का कौन सा चेहरा सबसे ज्यादा कारगर साबित होगा--गांधीवाद, गांधी दर्शन या गांधीगीरी.
रास्ता चाहे जो हो लेकिन इतना तय है कि 2019 की सियासत के रास्ते में बापू की विरासत को बीजेपी और कांग्रेस दोनों भुनाने की कोशिश करेंगे.
राहुल गांधी का 2 अक्टूबर का कार्यक्रम
- 11:15 बजे: बापू कुटी में प्रार्थना, सेवाग्राम आश्रम, वर्धा
- 12:30 बजे: महादेव भवन में CWC मीटिंग, सेवाग्राम आश्रम
- 14:45 बजे: महात्मा गांधी की मूर्ति का परिधान, कलेक्टर ऑफिस, वर्धा और पद्यत्र [मार्ग: बाबासाहेब अम्बेडकर मूर्ति - इटवाड़ा स्क्वायर - पटेल स्क्वायर - अंबिका होटल स्क्वायर - बालाजी मंदिर - सोशलिस्ट स्क्वायर - इंदिरा मार्केट - वंजारी स्क्वायर - गजानन स्क्वायर - सर्कस ग्राउंड]
- 15:45 बजे: सर्कस ग्राउंड में संकल्प रैली, रामनगर, वर्धा
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