नौकरी पाने की नई क्रोनोलॉजी, सेना के बाद अब बैंक और रेलवे में भी 'अग्निवीर भर्ती', लहसुन नदी में फेंकता दिखा 'दुगनी आय वाला किसान', झारखंड का ये युवक बना हैवान, खबर दिखाने पर पत्रकारों पर एक्शन, पता चल गया कहां से आता है पैसा..जब होते हैं इलेक्शन, हेलो की जगह लेगा वन्दे मातरम,दिल्ली पुलिस की बातें सुन जज साहब का दिमाग हुआ गरम.ये सारी छपी-छिपी कहानियां इसी हिंदुस्तान की हैं जिन्हें देखा तो गया मगर अनदेखा कर दिया गया, तो आइए हम आपको बताते हैं इस हफ्ते का देखा-अनदेखा हिंदुस्तान .
सेना में अग्निपथ योजना से अग्निवीर बनाने के बाद अब अग्निवीरों की तर्ज पर बैंकों में भी कर्मचारियों की भर्ती होगी रिजर्व बैंक से स्टेट बैंक को इसके लिए परमिशन मिल गई है मामला यहीं नहीं रुकेगा ठीक इसी तर्ज पर अब पूर्वोत्तर रेलवे में भी टिकट काउंटरों पर बुकिंग एजेंट रखे जाएंगे, वाराणसी मण्डल के सात स्टेशनों पर 17 स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. जल्द ही इनकी तैनाती की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी. ये खबर आने के बाद से सरकारी नौकरियों का ख़्वाब सजाने वालों की चैन की नींद उड़ी हुई है. बाक़ी सरकारी विज्ञापन लाखों करोड़ों नौकरियां देने की बातें पहले भी कर रहे थे आज भी कर रहे हैं.
नौकरी पाने की प्रक्रिया में सामान्यतः यानी जनरली हमने यही सुना था कि पढ़ो, एंट्रेन्स दो, इंटरव्यू दो फिर नौकरी पाओ अब इसमें कुछ लेवल बढ़ा दिए गए हैं पढ़ो, एंट्रेंस दो, पेपर लीक होगा, फिर पढ़ो, दोबारा एंट्रेंस दो, इंटरव्यू दो फिर भर्ती रद्द हो जाएगी. अब इस खबर को देखिए, बिहार में,डंडा चला रहे साहब ADM हैं नाम है KK Singh डंडा खा रहा शख्स BTET पास शिक्षक भर्ती कैंडिडेट है नौकरी मांग रहा था वो भी तब जब नई नवेली महागठबंधन की सरकार ने लाखों युवाओं को नौकरी देने की बात कही. कैंडिडेट्स पूछ रहे हैं कि क्या हमें ऐसे ही नौकरी दी जाएगी? ये है देश के बेरोजगार जवानों का हाल अब बताते हैं आपको किसानों का हाल.
सरकार ने कहा कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी जनता जनार्दन ने खूब तालियां पीटीं समय का पहिया घूमता रहा...घूमता रहा और आ गया 2022 फिर एक दिन मध्यप्रदेश के किसान लहसुन नदी में फेंकने लगे किसानों से पूछा गया कि भैया आय दुगनी हो गयी तो क्या इतना पैसा हो गया कि अब फसल नदी में फेंक रहे हो किसान बोले जनाब 50 पैसे प्रति किलो में लहसुन मंडी में बिक रहा है. सही सुना आपने 50 पैसे प्रति किलो, नॉट इवन आ रूपी.
फिर जब देश में किसानों की आत्महत्या की खबरें आती हैं तो संसद में माननीय सांसद साहब यह कह देते हैं कि 8 सालों में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की और सड़कें पाट दी जाती हैं इन विज्ञापनों से कि किसानों की आय दोगुनी हो गई है.
मध्यप्रदेश की ही एक और खबर वैसे ऐसी खबरें हम आपको कई बार बता चुके हैं, ठेले पर मरीज, खाट पर गर्भवती, बाइक पर शव ये असल में देखकर अनदेखी की गई खबरें हैं वरना हर हफ्ते ऐसे दृश्य हमारे सामने कैसे आ जाते हैं? ठेले पर ग्यास प्रसाद विश्वकर्मा हैं इनकी उम्र 76 साल है, आज़ाद भारत की उम्र के करीब-करीब. मगर आज़ाद भारत में जन्मे इस बुजुर्ग को बीमार होने पर एम्बुलेंस नहीं मिली. बेटा हरि सिंह पिता को ठेले पर अस्पताल ले गया बुजुर्ग को ठेले पर देख पत्रकारों ने पत्रकारिता की यानी खबर छाप दी. खबर का असर इतना जबरदस्त हुआ कि शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया. अरे इसलिए नहीं कि बुजुर्ग को एम्बुलेंस कैसे नहीं मिली बल्कि इसलिए कि ये खबर कैसे छप गई. अब इस पर एक्शन हुआ . अस्पताल पर नहीं, पत्रकारों पर और तीन पत्रकारों पर भ्रामक और झूठी खबर दिखाने के लिए मुकदमा दर्ज कर लिया गया. और इस प्रकार प्रॉब्लम साल्व्ड.
प्रॉब्लम सॉल्व करने के कुछ और भी तरीके हैं महाराष्ट्र में एक सरकारी आदेश आया है वन विभाग के कर्मचारियों के लिए आदेश में कहा गया है कि यदि सरकारी कामकाज के लिए कोई भी फ़ोन आए तो फ़ोन उठाकर हेलो नहीं बोलना है वंदे मातरम बोलना है, आगे ये आदेश और विभागों के लिए भी आ सकता है अब आदेश ही इतना गजब है क्या किया जाए, इसलिए वंदे मातरम.
महाराष्ट्र से झारखंड चलिए झारखंड की राजनीति में खूब उथल-पुथल मची हुई है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर विधायकी जाने का खतरा मंडरा रहा है. मुख्यमंत्री साहब अपने विधायकों को लेकर के पिकनिक मनाने जा रहे हैं. लेकिन इस सब के बीच झारखंड के दुमका से खबर आती है अंकिता नामक युवती को शाहरुख नाम के युवक ने पेट्रोल छिड़ककर जला दिया 5 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आखिरकार अंकिता ने दम तोड़ दिया इसके बाद जब गिरफ्तारी हुई तब शाहरुख का चेहरा और उस पर छाई इस मुस्कान देखी जा सकती थी. यह मुस्कान उन सारे घृणित मानसिकता वालों की नुमाइंदगी कर रही है जो समाज में खुलेआम घूम रहे हैं. जो कभी किसी पर पेट्रोल डालते हैं तो कभी तेज़ाब.
झारखंड के बाद अब बात साल 2020 के दिल्ली दंगों की. फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए. साजिद नाम के शख्स को दंगों के दौरान दंगाई भीड़ से बचने की कोशिश में गोली लग गई. अब इस पर उसने शिकायत दर्ज करवाई. दिल्ली पुलिस ने तत्काल प्रभाव में एक्शन लिया और शिकायत करने वाले साजिद को ही आरोपी बना दिया. अब इस पर दिल्ली की एक अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा, ‘अजीब बात है, जांच के दौरान साजिद को आरोपी बना दिया गया था. मुख्य कारणों में से एक यह था कि चूंकि दंगों के दौरान वे गोली लगने से घायल हुए थे, इसलिए उन्हें दंगाई भीड़ का हिस्सा माना जा सकता है. इस तर्क से तो, दंगों के मामले में घायल हर व्यक्ति आरोपी बनाया जा सकता है.
आखिर में आपको विदा लेते हुए एक सीक्रेट खबर बता देते हैं. हमको एक चुनाव सुधार संस्थान है ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ उसने बताया है, कहा कि नेशनल पार्टीज ने फाइनेंसियल ईयर 2004-05 से 2020-21 के बीच अज्ञात स्रोतों से 15,077 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि जुटाई, कितनी ? 15,077 करोड़ रुपए, अब पता चला...चुनाव के समय मौज की व्यवस्था यहीं से हो रही है इसमें BJP, TMC, BSP, काँग्रेस, CPIM, NPP सब शामिल हैं.
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