वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
कैमरा: शिव कुमार मौर्या और अभिनव भारद्वाज
दरवाजे पर खड़े होकर राजबीर कुमार खुले नाले की तरफ इशारा करते हैं, जो उनके घर के ठीक बाहर है, ''ये नाला हर तीसरे दिन ओवरफ्लो होता है, जब भी कम्युनिटी टॉयलेट के सेप्टिक टैंक को खाली किया जाता है.''
सेप्टिक टैंक को खाली करने पर आस-पास की नालियां मल से भर जाती हैं, इसकी वजह से बदबू बहुत ज्यादा आती है. उन्हें हमेशा दरवाजा बंद करके रखना पड़ता है, लेकिन फिर भी बदबू से निजात नहीं मिलती है.
दिल्ली के आरके पुरम में पर्वतीय कैंप में राजबीर जैसे कई लोगों का मकान खुले नालों के पास है. ये लोकसभा सीट फिलहाल बीजेपी की मीनाक्षी लेखी के पास है. राजबीर की पड़ोसी विमला का कहना है कि कई सारे वादे किए गए. यहां तक कि कंक्रीट सीवेज सिस्टम का भी उद्घाटन करने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. वे कहती हैं, ''बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं.''
खराब स्कूल और बेरोजगारी
साउथ दिल्ली की झोपड़पट्टी के लगभग सभी बच्चे आरके पुरम सेक्टर 4 के सरकारी स्कूल में जाते हैं. कई बच्चे 5वीं क्लास में आने के बाद तक भी किताब नहीं पढ़ पाते हैं.
बच्चे बंक मारकर बाहर खेलते हैं और टीचर स्टाफ रूम में बैठे होते हैं. नतीजा 5वीं में पहुंचने के बाद भी कई बच्चे किताब तक नहीं पढ़ सकते.लक्ष्मी, स्थानीय
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षा-व्यवस्था का हाल बुरा है और पैसों की कमी के चलते वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भी नहीं भेज सकते हैं.
आस-पास में कोई मोहल्ला क्लिनिक नहीं
शिक्षा, रोजगार और रहने की सुविधा पर्वतीय कैंप को नहीं मिल पा रही है. उनका कहना है कि उनके क्षेत्र में मोहल्ला क्लिनिक भी नहीं है. सुनीता का कहना है, ''जब भी हम बीमार पड़ते हैं, हमें सफदरगंज अस्पताल में इलाज कराने जाना पड़ता है, जहां OPD की लाइन बहुत लंबी होती है.''
स्ट्रीट लाइट की कमी की वजह से औरतों को शाम के बाद निकलने में तकलीफ होती है, क्योंकि कई बेरोजगार नशा कर के कैंप में घूमते रहते हैं.
ये भी पढ़ें- BJP ने दिया था चुनाव न लड़ने के बदले 50 करोड़ का ऑफर: तेज बहादुर
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)