जब बात लोकसभा चुनाव की होती है, तो 'आप क्या करते हैं, और क्या नहीं करते, यही मायने रखता है'. क्विंट के एग्जीक्यूटिव एडिटर रोहित खन्ना कहते हैं कि कांग्रेस-एसपी-बीएसपी या कांग्रेस-AAP गठबंधन नहीं होने पर वोटर्स इसकी सजा दे सकता है.
चुनाव से पहले गठबंधन नहीं होने से वोटर कंफ्यूज हैं. वो ये नहीं समझ पा रहे हैं कि किसे वोट दें किसे नहीं. सवाल ये भी है कि क्या चुनावों के बाद मौका मिलने पर ये पार्टियां गठबंधन बनाएंगी? क्योंकि अगर आंकड़ों पर नजर डालें, तो इससे पहले भी बीजेपी सरकार को हराने में गठबंधन ने अपना रोल निभाया था. वोटर्स इस बात को लेकर भी सोच में पड़ सकता है कि अगर गठबंधन बनता है, तो क्या वो चल पाएगा?
आपको याद होगा कि यूपी में विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन लोकसभा में ये दोस्ती टूट गई. अब बीएसपी-एसपी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं कांग्रेस अकेले मैदान में है. इस पूरे कंफ्यूजन पर रोहित को गुस्सा आता है.
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