राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव से पहले क्विंट पहुंच चुका है जोधपुर, यहां हमने मुलाकात की पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुराने दोस्त और साथी जादूगर गोपाल से. गोपाल लोगों को जादू दिखा कर कांग्रेस पार्टी का प्रचार करते हैं. गोपाल राजस्थान में घूम-घूम कर जादू के जरिए कांग्रेस पार्टी के उम्मदीवारों के लिए वोट मांग रहे हैं. लेकिन वो खासकर अशोक गहलोत का प्रचार करते नजर आते हैं.
“जिस तरह BJP का झंडा गायब किया है उसी तरह राजस्थान से बीजेपी गायब होगी”
गोपाल अपने जादू के खेल में एक के बाद एक कांग्रेस को खुश करने वाला जादू दिखा रहे थे. वो कभी बैग में बीजेपी के झंडे को डाल कर गायब कर देते हैं और फिर कांग्रेस का झंडा उसी बैग से निकाल देते. गोपाल के पास हमेशा कोई न कोई ट्रिक होती है जो वो चलते फिरते कभी भी कर लेते हैं.
जादूगर गोपाल का कहना है कि उन्होंने ये मैजिक ट्रिक अशोक सिंह गहलोत के पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत से सीखी थी.
अशोक जी के पिताजी थे लक्ष्म सिंह गहलोत, 1974 तक मैं उनके साथ रहा, 1976 में बाउजी शांत हो गए, तो 1978 में जो अशोक जी ने शो किया, उन्होंने कहा कि, ‘ये मेरे जिंदगी का पहला शो है, जो मैं अकेले कर रहा हूं’, उसके बाद वो राजनीति में चले गए थे.गोपाल जादूगर
राजनीति में भी आजमा चुके हैं हाथ
इतना ही नहीं, गोपाल ने राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया है. उन्होंने 4 बार चुनाव भी लड़ा पर उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन जनता को लुभाने में वो माहिर हैं.
क्विंट से खास बातचीत में गोपाल अशोक गहलोत के बारे में कहते हैं, “जादूगरी में कुछ खास काम नहीं किया था अशोक जी ने लेकिन अशोक जी ने इस कला को विदेशों तक पहुंचाया है, अब टीवी का जमाना आ गया है और मोबाइल युग आ गया है, अब इसमें सारे जादू के आइटम को देखने के लिए लोग कम आ रहे हैं, लेकिन ये लुप्त होती कला है, सरकार अगर इसपर ध्यान देती है तो अच्छा है.”
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