हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कुदरत का कहर जारी है. भारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड और इमारतों के ढहने की लगातार खबरें आ रही हैं. कुल्लू में भी प्राकृतिक आपदा देखने को मिली. जहां आनी में ताश की पत्तों की तरह कई बहुमंजिला इमारतें ढह गईं. जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें देखा जा सकता है कि पहाड़ पर बनी कई बहुमंजिला इमारतें देखते ही देखते चंद सेकंड में धाराशाई हो जाती हैं.
जानकारी के मुताबिक, लगातार बारिश की वजह से पहाड़ पर बनी इन इमारतों में दरारें आ गई थीं. जिसके बाद ये इमरातें भरभराकर ढह गई. गनीमत रही कि इस हादसे से दो दिन पहले ही प्रशासन ने इन बिल्डिंगों को खाली करवा लिया था. जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है.
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस हादसे पर दुख जताया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इमारतों के ढहने का वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, "कुल्लू के आनी से परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें विनाशकारी भूस्खलन की वजह से एक बड़ी कॉमर्शियल बिल्डिंग ढह गई."

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "गौरतलब है कि प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए दो दिन पहले ही इमारत को सफलतापूर्वक खाली करा लिया था."
SDM नरेश वर्मा ने बताया कि, 4-5 दिन पहले यहां के 4-5 कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में दरारें देखी गई थी, जिसके बाद हमने समय रहते खाली करवा लिया था. 4 में से तीन बिल्डिंग पूरी तरह से ढह गई है, बगल की बिल्डिंगों को भी नुकसान पहुंचा है. पीछे की भी 4 बिल्डिंगें ढह गई हैं. एक बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है.
"पीछे की बिल्डिंगों में सुबह ज्यादा दरारें देखने को मिली थी. जिसके बाद उसे आज सुबह खाली करवा लिया गया था. अभी तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है. कितना नुकसान हुआ है, ये आंकलन के बाद ही पता चल पाएगा."
हिमाचल में 43 साल का टूटा रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश में इस साल भारी बारिश हुई है. साल 1980 के बाद इस साल अब तक सबसे ज्यादा बारिश हुई है. जानकारी के मुताबिक, पहाड़ी राज्य के 8 ऐसे जिले हैं जहां पर बारिश का 100 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. इस लिस्ट में ऊना जिला शामिल है. वैसे ही लाहौल स्पिति में 63 सालों के भारी बारिश का रिकॉर्ड टूटा है.
हाल ही में क्विंट हिंदी से बातचीत में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया था, "इस साल अब तक पूरे मॉनसून सीजन में 43% ज्यादा बारिश हुई है. इसमें सिरमौर, सोलन, शिमला, मंडी ऐसे जिले हैं जहां बाकि जिलों के अपेक्षा काफी अधिक बारिश हुई है."
पूरे राज्य में प्राकृतिक आपदा घोषित
हिमाचल में इस साल भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से हुए जान-माल के नुकसान को देखते हुए पूरे प्रदेश में प्राकृतिक आपदा घोषित कर दी गई है. शुक्रवार, 18 अगस्त को राज्य सरकार ने पूरे राज्य में प्राकृतिक आपदा की घोषणा की है.
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