भारतीय वायुसेना की एलओसी के पार आतंकियों पर हुई एयर स्ट्राइक पर एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) कपिल काक ने द क्विंट से बात की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस हमले से एक प्रकार की उथल-पुथल की स्थिति में होगा और इसलिए जवाबी हमले के उपाय तलाश सकता है.
काक की टिप्पणी 25 फरवरी, सोमवार को भारत के विदेश सचिव विजय गोखले की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही बात के काफी करीब है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में गोखले ने कहा था कि भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग शिविर को तबाह किया है.
भारत की हवाई हमले की पुष्टि के बाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश जवाबी कार्रवाई का स्थान और समय खुद तय करेगा. लेकिन क्या पाकिस्तान भारत पर हमला कर सकता है? और क्या अन्य देश इसका समर्थन करेंगे? एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) कपिल काक ने बताया कि वो क्या सोचते हैं.
पाकिस्तान क्यों स्वीकार करे हमला?
काक ने कहा, "हमें नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान ने हमले से इनकार नहीं किया है. फिर भी, उन्होंने एयर स्ट्राइक का सही विवरण नहीं दिया है और इसे अपनी जनता से एक तरह से छिपाया है."
काक बताते हैं कि पाकिस्तान सेना ने एक ट्वीट में पहली बार दावा किया था कि भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है. इस्लामाबाद के मुताबिक, इसका मतलब है कि इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के एयर स्पेस में प्रवेश किया था, लेकिन पाकिस्तानी एयरफोर्स के तैनात होने के बाद पीछे हटने को मजबूर हो गया.
हालांकि दूसरे ट्वीट में पाकिस्तानी आर्मी ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसपैठ की थी और जल्द ही बालाकोट के पास एक एक्सप्लोसिव गिरा दिया और पाकिस्तानी एयरफोर्स की प्रभावी प्रतिक्रिया के तहत बच निकले.
कपिल काक के मुताबिक, भले पाकिस्तान ये दिखाने में कामयाब हो जाता है कि पाकिस्तानी जेट ने आईएएफ का पीछा किया, तो भी उसे ये स्पष्ट करना होगा कि इंडियन एयरफोर्स कैसे पाकिस्तान के एयर स्पेस में घुसा.
क्या जवाब देगा पाकिस्तान?
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा है कि हमला विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद आतंकी कैंपों पर किया गया था. उन्होंने कहा कि ये हमला खुफिया सूचना के आधार पर किया गया था कि ये आतंकी संगठन पूरे भारत में और फिदायीन हमलों की योजना बना रहा था.
काक ने कहा कि भारत ने एलओसी में आतंकी कैंप को निशाना बनाया है, तो पाकिस्तान भी जवाबी हमला करना चाहेगा. लेकिन पाकिस्तान को कार्रवाई करने से पहले अपने सहयोगियों को हमले के लिए राजी करना पड़ सकता है.
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