वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
एक चाय वाले की बेटी,19 साल की एक होनहार छात्र सुदीक्षा भाटी को उनके बैबसन कॉलेज के दोस्तों ने श्रद्धांजलि दी. बैबसन कॉलेज में सुदीक्षा पूरी स्कॉलरशिप के साथ एंटरप्रेन्योरशिप की पढ़ाई कर रही थीं. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई.
बैबसन कॉलेज के उनके क्लासमेट शाश्वत कहते हैं- मुझे ये समझ नहीं आता कि कोई इतना प्यारा इंसान इस दुनिया से वापस कैसे जा सकता है.
उसके कई बड़े सपने थे, जिसकी बस शुरुआत ही हुई थी. लेकिन मुझे लगता है कि सुदीक्षा ने पहले ही कई लोगों को प्रभावित किया है और उनकी जिंदगी बदली है. छोटी-छोटी चीजों से किसी की मदद करना सिर्फ अपने बारे में न सोचना.शाश्वत, क्लासमेट, बैबसन कॉलेज
कोरोनावायरस की वजह से अमेरिका से सुदीक्षा घर आई थीं. एक बहुत गरीब परिवार से आने वालीं सुदीक्षा चाहती थीं कि वो दुनिया में अपना नाम और अपनी एक जगह बना पाएं.
सुदीक्षा के क्लासमेट शाश्वत बताते हैं कि, 'सुदीक्षा पहले दिन से मेरे दिल के बहुत करीब है. जब वो बैबसन कॉलेज आई थी, एक दिन उसने मुझसे कहा कि वो अपने अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी है और उस पर काफी जिम्मेदारी भी है, उसके परिवार में चाहे वो कोई बड़ा हो या छोटा, सब उसी के पास आते थे क्योंकि वो बहुत खयाल रखने वाली और प्यार करने वाली लड़की थी. वो सच में फाइटर थी, मेंटर थी. मेरे लिए वो हमेशा एक प्रेरणा रही है. वो हमेशा नई चीजों का अनुभव करना चाहती थी और नई चीजें सीखना चाहती थी.'
सुदीक्षा की दोस्त साक्षी कहती हैं-
ग्रामीण भारत में शिक्षा की जरूरत को लेकर उसकी मुहीम अपने गांव में स्कूल बनाने का उसका सपना, ये वो सब चीजें हैं जो सिर्फ यादों में ही नहीं हैं, उसे मैं अपने साथ रखूंगी और साथ ही ये वो चीजें हैं, जो मेरे साथ हमेशा रहेंगी और मुझे राह दिखाती रहेगी, जब तक मेरे जीवन की यात्रा चल रही है कि मैं खुद कैसी इन्सान बनाना चाहती हूं.
साक्षी कहती है कि सुदीक्षा के सपने उसके दोस्तों में जिंदा रहेंगे, हमेशा...
साक्षी आगे कहती हैं कि, ‘आप एक उम्मीद देखते हैं, जहां आप जाते हैं और आपका क्या सहयोग है, जैसी दुनिया आप देखना चाहते हैं उसमें और आप उस सपने को पूरा करने की भूख भी देखते हैं जो सिर्फ आपके लिए नहीं है, न ही आपके करियर के लिए और ये वो चीजें हैं जो मेरे साथ हमेशा रहेंगी.’
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