वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम
24 अप्रैल को 71 रिटायर्ड IAS, IPS, IFS अधिकारियों ने मालेगांव धमाके की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की लोकसभा उम्मीदवारी का विरोध किया. एक अधिकारी का कहना है, “लगता है कि देश के लोगों को गलत संदेश जा रहा है, जब सत्तारूढ़ पार्टी उनको (प्रज्ञा ठाकुर) उम्मीदवार बनाती है और उन्हें देश के प्रधानमंत्री समर्थन देते हैं.”
पूर्व सिविल अधिकारियों ने ओपन स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर के भोपाल से लोकसभा सीट की उम्मीदवारी पर खेद जताया. ओपन स्टेटमेंट में पीएम मोदी से आग्रह किया गया है कि डर और सांप्रदायिक विद्रोह की हवा को खत्म करे, क्योंकि इससे पूरी चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ रहा है.
'प्रज्ञा ठाकुर ने हेमंत करकरे का अपमान किया'
चिट्ठी में बीजेपी से प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी हटाने की बात कही गई है. चिट्ठी में लिखा है कि प्रज्ञा ठाकुर ने राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की है, जिसमें उन्होंने अपनी कट्टरता दिखाई है. हेमंत करकरे का अपमान किया है जो आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए.
‘नैतिक आधार पर वापस ली जाए उम्मीदवारी’
अधिकारियों का कहना है कि उनकी उम्मीदवारी पर या तो बीजेपी कुछ कर सकती है या चुनाव आयोग. पिछले पत्र में अधिकारियों ने कहा था:
‘’चुनाव आयोग भी अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभा रहा है, वे हिचकते हैं, वे डरते हैं. इसलिए नहीं पता कि प्रधानमंत्री या पार्टी उनसे उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहेगी. उन्होंने विशेष रूप से हिंदुत्व को बढ़ावा देने के प्रतीक के रूप में उन्हें (प्रज्ञा ठाकुर) चुना है. इसे कट्टर हिंदुत्व को बढ़ावा देना कहा जा सकता है. लगता है कि चुनाव आयोग ने उतना काम नहीं किया है और जो कुछ भी किया जा रहा है, बहुत ही धीमी गति से किया जा रहा है. पूरी धारणा ये बन रही है कि चुनाव आयोग को जो करना चाहिए, वो कर नहीं रहा है. ये बड़े संकट की बात है.’’
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