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विधानसभा चुनाव में दो हफ्ते हैं,राहुल गांधी विदेश चले गए:खुर्शीद 

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे पर बहस 4 महीने से भी ज्यादा समय से जारी है. अब इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि राहुल को पद पर बने रहना चाहिए था. उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी संघर्ष कर रही है और यहां कैसे पहुंच गई जानने की जरूरत है.

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मैं गहरे दुख और चिंता के साथ ये कहता हूं कि हमारी पार्टी कहां पहुंच गई है. चाहे कुछ हो जाए हम कभी पार्टी नहीं छोड़ेंगे, हम उन लोगों जैसे नहीं हैं जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया फिर भी मुश्किल घड़ी में वो पार्टी छोड़ गए.
हमें ये जानने की जरूरत है कि आखिर हम इस स्थिति में कैसे पहुंच गए. शायद ये पहली बार है जब बड़ी हार के बावजूद पार्टी ने अपने लीडर में भरोसा नहीं खोया है, अगर वो रहे होते, तो हमने अपनी हार की वजह अच्छे से समझी होती और आगे की लड़ाई के लिए बेहतर तैयार होते.
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खुर्शीद ने कहा, "हमारे आग्रह के बावजूद, राहुल गांधीजी ने पद से इस्तीफा दे दिया. कई लोगों ने उन्हें पद पर बने रहने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने पद छोड़ दिया. ये उनका फैसला था और हमें इसका आदर करना चाहिए."

उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में महज दो हफ्ते से भी कम समय बचा है और राहुल गांधी विदेश चले गए हैं, जिसे लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल 'ध्यान' के लिए कंबोडिया गए हुए हैं.

कांग्रेस कर रही है उबरने की कोशिश

मई में लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद पार्टी अभी भी इससे उबरने की कोशिश कर रही है. सोनिया गांधी के पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनने के बावजूद शीर्ष नेतृत्व पार्टी पर अपनी पकड़ बनाने में नाकाम रहा है. पार्टी के कई नेता महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर चले गए हैं. साल 2014 में, कांग्रेस ने 543 लोकसभा सीटों में से केवल 44 सीटें जीती थी, जिसके बाद पार्टी ने पूर्व मंत्री ए.के. एंटनी की अध्यक्षता में हार के कारणों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया था. इसकी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. वहीं इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को केवल 52 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. पार्टी की हार को लेकर केवल एक ही बात सार्वजनिक है कि एंटनी ने 2014 की हार के लिए कांग्रेस द्वारा अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण को जिम्मेदार ठहराया है।

हालांकि, इस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन के लिए कोई भी समिति गठित नहीं की गई.

(इनपुट: पीटीआई/ IANS/ ANI)

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