ADVERTISEMENTREMOVE AD

चुनावी समीकरण पर बोले इमरान मसूद, मायावती की जिद ने खेल बिगाड़ा

कांग्रेस कैंडिडेट इमरान मसूद ने ‘महागठबंधन’ में मायावती के रुख पर जताई नाराजगी

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उत्तरप्रदेश के सहारनपुर से फायरब्रांड नेता इमरान मसूद को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया है. लोकसभा चुनाव की तैयारियों और प्रदेश में चुनावी गणित को लेकर उन्होंने क्विंट से खास बातचीत की.

बता दें, पिछली लोकसभा चुनाव में इमरान मसूद पीएम नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की वजह से भी सुर्खियों में रहे थे. इस बार यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनका नाम आतंकी मसूद अजहर से जोड़ दिया है. इस ताजा विवाद पर उन्होंने कहा-

0
योगी जी एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें मर्यादा में रहकर बयान देना चाहिए. अगर उन्हें लगता है  कि आतंकवादी चुनाव लड़ रहा है तो गोली मार दें क्योंकि देशद्रोहियों के लिए कोई रियायत नहीं होनी चाहिए.

SP और BSP ने आपके खिलाफ यहां से उम्मीदवार खड़ा किया है और वो भी एक मुस्लिम कैंडिडेट है, आप भी मुस्लिम कैंडिडेट हैं तो क्या इन चीजों से आपके वोट बैंक पर फर्क पड़ेगा?

हिंदू और मुसलमान से बाहर तो निकलना होगा, हिंदू और मुसलमान की बात ही नहीं है. मेरे साथ सभी बिरादरियों का समर्थन है, मैं अकेला प्रत्याशी ऐसा हूं जिसे सभी बिरादरी और धर्म के लोग वोट दे रहे हैं.

अगर BSP और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ती तो इसका फायदा आपको होता?

हम लोग तो चाहते थे कि जो एंटी-बीजेपी हैं वो साथ रहें, लेकिन मायावती जी की जिद ने इस सारे खेल को बिगाड़ा है. वो कह रही हैं कि ‘मैं कांग्रेस से बात नहीं करूंगी’. कांग्रेस से नहीं बात करेंगी तो क्या बीजेपी से बात करेंगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किन मुद्दों पर आप चुनाव लड़ेंगे, लोकल मुद्दे होंगे या फिर आप भी राफेल जैसे मुद्दों पर बात करेंगे?

हमारे लिए तो सबसे बड़ा मुद्दा नौजवानों के लिए रोजगार का है, किसान के फसल की समस्या है. लोगों को काम मिलना चाहिए, किसान को उसके फसल का दाम मिलना चाहिए.

आपने भीम आर्मी के बुरे वक्त में, जब चंद्रशेखर जेल में थे तब उनकी मदद की थी, कितनी सच्चाई है इस बात में?

मैं हर मजलूम आदमी की मदद करता हूं, चाहे वो कोई भी हो उनका साथ सभी ने छोड़ दिया था. उस वक्त BSP के लोगों ने कहा था कि हमारा इनसे कोई वास्ता नहीं है, तो उस परिस्थिति के अंदर मैंने उनकी मदद की थी मैंने कोई एहसान नहीं किया था ये मेरा फर्ज है कि मैं हर मजलूम की मदद करूं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×