- “अगर कंट्रोवर्सी खड़ी करना चाहते हो, तो ये सही जगह नहीं है. पूरी जानकारी के बाद बेहतर सवाल पूछिए.’’
- “अगर लोग एक हार के बाद बात का बतंगड़ बनाना चाहते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते”
ये बयान हैं, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के. जगह थी न्यूजीलैंड. कारण- मैच में हार और मैदान में कोहली के बर्ताव पर पूछे गए सवाल...
इतना ही नहीं जब टीम इंडिया न्यूजीलैंड में आखिरी टेस्ट मैच हारने लगी तो विराट को ये कहते भी सुना गया कि “जब इंडिया में ये लोग आएंगे ना, तब दिखा देंगे.” हद तो तब हो गई जब कोहली ने केन विलियम्सन का विकेट गिरने के बाद दर्शकों की तरफ देखकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया
न्यूजीलैंड दौरे पर वनडे और टेस्ट सीरीज में बुरी तरह हार के बाद कोहली का ओन फील्ड और ओफ फील्ड बर्ताव सबको चौंका रहा है और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को दुखी कर रहा है. वनडे सीरीज में हार के बाद कोहली ने कहा था- इस साल टेस्ट और टी20 के मुकाबले ODI खास रेलेवेंट नहीं हैं. यानी वनडे में जीतो या हारो, इस साल उसकी कोई अहमियत नहीं.
ये बात सही है कि इस साल T20 वर्ल्ड कप होना है और साथ ही ICC टेस्ट चैंपियनशिप भी चल रही है. लेकिन जनाब आज की तारीख में भारतीय क्रिकेट टीम कहीं भी खेले देश ही नहीं दुनिया की नजरें उसपर रहती है. आप कहीं भी हारें, हमारा दिल टूटता है...और इससे भी ज्यादा दिल तब टूटता है जब आप खेल भावना का अनादर करते हैं.
याद रखिए जब आप इंटरनेशन लेवल पर कोई सीरीज या मैच खेलते हैं तो ये कोई गली क्रिकेट नहीं, आप पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, आपके प्रदर्शन और बर्ताव से हमारा सम्मान जुड़ा है.
आपको अपशब्द कहते वक्त ये भी नहीं याद रहा कि आपको ICC ने स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड दिया है. कम से कम उसी का लिहाज कर लेते. कम से कम उस न्यूजीलैंड टीम के साथ तो आप ये न करते जिसके सलीके के आप खुद मुरीद हो रहे थे. सीरीज से पहले आपने कहा भी था कि न्यूजीलैंड के खिलाड़ी इतने अच्छे हैं कि आप उनसे लड़ ही नहीं सकते...उनको कुछ बोल नहीं सकते
केन विलियम्सन का विकेट गिरने के बाद आपने जो बर्ताव किया उसपर सवाल का जो आपने जवाब दिया है वो भी अटपटा है. आप कहते हैं कि आपकी मैच रेफरी से बात हो गई....
आपको जवाब ढूंढने की जरूरत है और बेहतर सवाल के साथ आइये. जो हुआ उसे लेकर आप यहां आधी अधूरी जानकारी और आधे अधूरे सवाल के साथ नहीं आ सकते. अगर आपको विवाद पैदा करना है तो यह सही जगह नहीं है. मैंने मैच रैफरी से बात की और जो हुआ उससे उन्हें कोई समस्या नहीं है.विराट कोहली, कप्तान, भारतीय क्रिकेट टीम
तो क्या हम ये मानें कि मैच रेफरी आपके और क्रिकेट में भारत के रसूख के आगे झुक गए. क्योंकि किसी भी मैच रेफरी के लिए आपका बर्ताव छोटी बात नहीं हो सकती.
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन से जब विराट के बर्ताव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि विराट थोड़ा ज्यादा जज्बाती हैं. तो क्या यहां भी क्रिकेट में भारत की दादागिरी ही वजह है? ये सही है कि विलियम्सन आमतौर पर शरीफ क्रिकेटर माने जाते हैं लेकिन अगर कोई भी खिलाड़ी ग्राउंड पर गलत करे तो हर खिलाड़ी को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.
खैर विलियम्सन ने जिस वजह से भी विराट के बर्ताव को नजरअंदाज किया हो लेकिन न तो विलियम्सन का जवाब और न ही विराट का बर्ताव क्रिकेट के लिए अच्छा है.. कम से कम भारतीय क्रिकेट की ये परंपरा और पहचान तो नहीं रही है.
असल बात ये है कि आप न्यूजीलैंड दौरे पर बहुत खराब खेले...खेल में हार जीत होती रहती है. कोई खिलाड़ी कभी शानदार प्रदर्शन करता है कभी उसका बुरा दिन होता है....तो खेल भावना को याद कीजिए और अगली बार के लिए तगड़ी तैयारी कीजिए. जब आप कहते हैं कि जब ये लोग इंडिया आएंगे, तब दिखाएंगे’...बिल्कुल सही बात- क्योंकि आजकल तो हर टीम सिर्फ अपने अपने घर पर ही मजबूत दिखती है. लेकिन असली मजा तो तब है, जब आप दूसरे की जमीन पर अपना झंडा गाड़ कर आएं..सिर्फ अपने घर में दहाड़ कर विश्व चैंपियन कैसे बनेंगे?
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