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कोरोना पर केंद्र की राजनीति देख आता है रोना- यशवंत सिन्हा EXCL.

‘मौजूदा सरकार आजाद भारत की सबसे बेअसर सरकार’

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

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कोरोना संकट के वक्त गैर-बीजेपी राज्यों के साथ केंद्र सरकार पॉलिटिक्स कर रही है जिसे देखकर रोना आता है. ये कहना है देश के पूर्व विदेश और वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का. क्विंट हिंदी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सिन्हा ने केंद्र सरकार आजाद भारत की सबसे बेअसर सरकार बताया.

सिन्हा ने आरोप लगाया है कि गुजरात में कोरोना संकट फैलने की वजह फरवरी महीने में हुआ ‘नमस्ते ट्रंप’ इवेंट है. उन्होंने केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज को फ्रॉड बताने के साथ भारत-चीन सरहद विवाद पर भी अपनी बेबाक राय रखी.

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गुजरात का कोरोना संकट

यशवंत सिन्हा का आरोप है कि गुजरात में हुए कोरोना विस्फोट की वजह 24-25 फरवरी को हुआ ‘नमस्ते ट्रंप’ इवेंट है. अपनी बात के पक्ष में दलील देते हुए वो कहते हैं कि ट्रंप के भारत दौरे के वक्त 27,000 लोग अलग-अलग देशों से भारत आए और उनमें से ज्यादातर ने ट्रंप के सम्मान में हुए आयोजन में हिस्सा लिया.

उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट भी किया है.

सिन्हा के मुताबिक ना तो उन लोगों ने होम क्वारटीन से जुड़े नियमों का ख्याल रखा ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की एहतियात बरती. यही वजह है कि गुजरात कोरोना संक्रमित मामलों में देश के टॉप 5 राज्यों में है. वो कहते हैं कि मीडिया में इस बात का कोई जिक्र नहीं हुआ.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 28 मई तक गुजरात में कोरोना के 15195 एक्टिव केस हैं और 938 मौत हो चुकी हैं.

‘मजदूरों के मुद्दे पर सोई हुई है सरकार’

इस वक्त देश में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का मुद्दा सुर्खियों में है. इसपर अपनी राय रखते हुए देश के पूर्व वित्त मत्री ने कहा कि

भारत सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का पूर्वानुमान नहीं लगाया. इस मसले पर आज तक भारत सरकार सोई हुई है. मजदूरों के लिए की गई रेल व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है. लॉकडाउन की धज्जियां उड़ी हुई हैं. सोशल डिस्टेंसिंग नाम का मुहावरा कहीं लागू नहीं है.
यशवंत सिन्हा, पूर्व विदेश और वित्त मंत्री

भेदभाव देख आता है रोना

बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे सिन्हा ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होेंने कहा कि भारत सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिलकर मजदूरों की वापसी का इंतजार करना था जो नहीं किया गया.

राज्यों की माली हालत पहले से खराब है. तो उनसे ये उम्मीद करना कि वो मजदूरों की वापसी के खर्चे का इंतजाम करेंगे, टोटल बकवास था. झारखंड, बंगाल, महाराष्ट्र जैसे राज्मेंयों के साथ बीजेपी शुरु से विशुद्ध राजनीति कर रही है. देखकर रोना आता है कि क्या यही समय है राजनीति करने का?
यशवंत सिन्हा, पूर्व विदेश और वित्त मंत्री
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‘20 लाख करोड़ का पैकेज फ्रॉड’

कोरोना संकट के बाद घोषित किे गए राहत पैकेज को सीधे तौर पर फ्रॉड बताते हुए सिन्हा कहते हैं कि

देश और दुनिया की संस्थाओं का विशलेषण है कि इसमें 19 लाख करोड़ तो लोन है. विशुद्ध हिंदी में कहूं तो राहत पैकेज के नाम पर जनता के साथ ठगी नहीं तो क्या हुआ है?
यशवंत सिन्हा, पूर्व विदेश और वित्त मंत्री

आजाद भारत की सबसे बेअसर सरकार

मजदूरों की घर वापसी के वक्त रास्ता भटकती रेलगाड़ियों पर यशवंत सिन्हाका कहना है कि भारत की रेल ने अक्षमता में एक रिकॉर्ड स्थापित किया है. इस मसले में हुअ अफरातफरी का उदाहरण देते हुए वो आरोप लगाते हैं कि मौजूदा केंद्र सरकार आजाद भारत की सबसे बेअसर सरकार है.

‘चीन पर जनता से छुपा रहे असलियत’

लद्दाख में भारत-चीन की सरहद पर चल रहे विवाद पर भी पूर्व विदेश मंत्री ने बेबाक राय रखी.

चीन का चरित्र आक्रमणकारी है जो नहीं बदलेगा आप चाहे जो कर लीजिए. चीन डोकलाम के वक्त भी अपनी पुरानी पोजिशन पर वापिस नहीं गया था. हम ‘न्यू इंडिया’ की बातें करके असल बातें जनता से छिपा जाते हैं.
यशवंत सिन्हा, पूर्व विदेश और वित्त मंत्री

लॉकडाउन पर ‘यशवंत फॉर्मूला’

लॉकडाउन से लड़खड़ाती इकनॉमी और मजदूरों का संकट सुलझाने के लिए यशवंत सिन्हा ने क्विंट के साथ अपनी राय साझा की. उनके मुताबिक केंद्र सरकार

  • राज्य सरकारों से बात करें
  • विपक्षी दलों से लगातार संपर्क में रहें
  • प्रवासी मजदूरों की समस्या सुलझाए
  • राहत के नाम पर दिए गए ‘फ्रॉड पैकेज’ के ठीक कीजिए
  • नेशनल हाईवे का काम कीजिए
  • सोशल डिस्टेंसिंग निभाते हुए मजदूरों को काम दीजिए
  • सड़कें बनाइये, रेलवे एक्सपेंशन कीजिए
  • मकान बनाइये जिसकी आवश्यकता है

कुल मिलाकर पूर्व वित्त मंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार को डिमांड जनरेट करनी होगी तभी इकनॉमी में दोबारा जान आएगी.

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