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गडकरी ने क्यों कहा,पासवान नहीं,पवार हैं सबसे बड़े ‘मौसम विज्ञानी’?

ऐसे में क्विंट के खास कार्यक्रम ‘राजपथ’ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं कि शरद पवार ने मौसम भांप लिया है

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वीडियो प्रोड्यूसर: अभय कुमार सिंह

वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

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महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार 2019 लोकसभा चुनाव में खड़े नहीं हो रहे हैं. ऐसे में क्विंट के खास कार्यक्रम 'राजपथ' में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं कि शरद पवार ने मौसम भांप लिया है, इस वजह से शायद वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते. राजपथ में क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने गडकरी से किसानों के मुद्दे, सहयोगियों पर बीजेपी की राय से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बातचीत की.

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शरद पवार अब कहते हैं कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे, इसको आप कैसे देखते हैं?

जब उनके परिवार से दो-दो, तीन-तीन लोग लड़ रहे हैं, तो चौथे को भी लड़ लेना चाहिए था. शायद, मुझे लगता है कि उन्हें हमारी चुनावी स्थिति का आकलन हो गया और इस बार का चुनाव जीतना, शायद कठिन है. इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ रहे होंगे. जब मैं बिहार में था, उस वक्त रामविलास पासवान को मौसम विभाग बोलते थे लालू यादव.

अब एक बात पक्की है कि राजनीति मौसम विभाग के सबसे बड़े एक्सपर्ट शरद पवार हैं. जब वो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि मौसम किस दिशा में जा रहा है, इसका संकेत है.

कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं कि शरद पवार की आप लोगों से ज्यादा दोस्ती है?

ऐसा नहीं हैं. उन्होंने लाइन ले ली है. वो पूरी तरह से हमारे विरोध में हैं. उनपर तो ऐसा कहना भी अन्याय होगा.

महाराष्ट्र में दलित मुद्दे, मराठा राजनीति और कृषि संकट ये तीन चीजें ऐसी हैं जो जमीनी स्तर पर आपके खिलाफ दिखती हैं? इस पर आपका क्या कहना है?

केवल मेरे विभाग ने, सिंचाई के क्षेत्र में महाराष्ट्र सरकार के 108 प्रोजेक्ट किसान योजना और करीब 27 प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए तय हैं. हमारी कोशिश है कि ये एक साल में पूरे हो जाएंगे. जिससे महाराष्ट्र की सिंचाई 48% बढ़ जाएगी, जो अभी 18 से 20% हैं. क्या ये देवेंद्र फडणवीस सरकार के लिए ये प्रगति नहीं है.

महाराष्ट्र में पानी की समस्या काफी गंभीर है और ऐसा पिछले 50-60 साल से है. जिस प्रकार से हमने कर्जमाफी की, कई योजनाएं चलाईं हैं. उससे काफी कुछ बेहतर होने जा रहा है. हम लोगों ने पहली बार ऐसे कई बड़े मुद्दों पर फैसले लिए हैं. परिणाम दिखने में थोड़ा वक्त लगेगा.

कृषि संकट पर क्या कहना है?

कृषि संकट है, लेकिन क्या सरकार बदल जाएगी तो कृषि संकट सुलझने वाला है. कुछ बात ऐसी होती हैं, जिनको तुरंत हल किया जा सकता है. कुछ बात ऐसी होती हैं, जिसमें थोड़ा समय लगता है. कुछ ऐसी होती हैं, जिनके हल में काफी समय लगता है. कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह के कारण ही ऐसी दिक्कतें आईं हैं. 5 साल में चमत्कार की उम्मीद नहीं कर सकते, न हम दावा कर रहे हैं. पहले की तुलना में काफी प्रगति हुई है, लेकिन और काम करने की जरूरत है.

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