वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा/मोहम्मद इरशाद आलम
देश में कोरोना महामारी के बीच राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार की काफी आलोचना हो रही है. कांग्रेस समेत विपक्ष ने मोदी सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य पर सवाल उठाए हैं.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर विवाद और विरोध के बीच कंस्ट्रक्शन साइट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
कंस्ट्रक्शन साइट पर क्विंट को रिपोर्टिंग से रोका
इस बीच द क्विंट सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए जारी निर्माण कार्य की जानकारी लेने के लिए राजपथ पहुंचा. इस दौरान वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने रिपोर्टिंग करने से हमें रोका.
कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचने से पहले मेन रोड पर ही रोक दिया गया.
कहा गया कि कंस्ट्रक्शन साइट पर रिपोर्टिंग की अनुमति नहीं है. इसे लेकर जब सवाल पूछा गया तो, एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन पर बात करते हुए रिपोर्टिंग न करने को कहा.
मजदूरों का इंटरव्यू लेने से भी रोका
क्विंट ने यहां काम कर रहे मजदूरों से बात करने की कोशिश की. हालांकि इस दौरान भी मजदूरों के साथ बात करने से मना किया गया.
राजपथ पर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन साइट पर एक टेंट में 8 से 10 मजदूर ठहरे हुए हैं. वो भी ऐसे वक्त में जब दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
हालांकि केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट पर तमाम कोरोना नियमों का पालन किया जा रहा है.
कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे एक मजदूर ने बताया कि उनका घर पास में ही है इसलिए वो रोज घर से यहां काम करने आते हैं लेकिन कुछ मजदूर कंस्ट्रक्शन साइट पर टेंट में ही रहते हैं.
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट मोदी सरकार का 20 हजार करोड़ का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. नए सेंट्रल विस्टा के निर्माण से राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक का नजारा बदल जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण हो रहा है. जिसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर नया प्रधानमंत्री आवास भी बनना है.
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