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बोलती बंद कराने वाले जुमले कहां से लाते हैं टिकैत?

किसान नेता राकेश टिकैत से खास बातचीत

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प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह

वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दु प्रीतम

26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ने की बात होने लगी थी. तभी किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक वीडियो ने इस आंदोलन का सारा इमोशन ही बदल दिया. उसके बाद से टिकैत लगातार सुर्खियों में हैं. क्विंट ने आंदोलन ने इतर भी उनके बारे में जानने के लिए उनसे ख़ास बातचीत की.

राकेश टिकैत अपनी बातें एक लाइन में कहने के लिए काफ़ी मशहूर हैं. इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जवाब एक लाइन का ही होता है. फिर लोगों का काम है कि उसे समझें.

आंदोलन के बाद से फिर से हेडलाइन्स में वापस आए टिकैत का कहना है कि वो 2022 या 2024 चुनाव नहीं लड़ेंगे.

चुनाव एक बहुत बड़ी बीमारी है. इससे दूर ही रहना चाहिए. 

आपको बता दें कि राकेश टिकैट दो बार वो चुनाव भी लड़ चुके हैं. एक बार विधानसभा और एक बार लोकसभा का. लेकिन दोनों बार उनकी हार हुई है.

नेतागिरी, पुलिस की नौकरी और अब किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत आगे पुलिस रिफॉर्स के लिए भी लड़ाई लड़ने की बात करते हैं. उनका कहना है कि पुलिस के रहने की जिस तरह व्यवस्था की गई है वो काफ़ी दयनीय है. उनपर भी अत्याचार हो रहा है. इस दुनिया में जीने का अधिकार सभी का है.

किसान आंदोलन के बारे में उनका कहना है कि जब तक सरकार हमारे मुद्दे सुलझाएगी नहीं, हम वापस जाने वाले नहीं है. आगे ज़रूरत पड़ी तो देशभर में किसानों के बीच जाएंगे.

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