इंडियन एयरफोर्स ने 26 फरवरी की सुबह पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की है. पाकिस्तान के बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर ये कार्रवाई की गई है और बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी, ट्रेनर और सीनियर कमांडर मारे गए हैं. 1971 युद्ध के बाद ये पहले मौका है जब भारत LoC पारकर पाकिस्तान की सीमा में घुसा भी और आतंकियों को मार गिराया. क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया और एग्जीक्यूटिव एडिटर नीरज गुप्ता ने इस एयर स्ट्राइक पर खास चर्चा की. संजय पुगलिया का कहना है कि पाकिस्तान पर हुए इस हमले को भारत ने पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया है.
पूरी तैयारी के साथ की गई स्ट्राइक
बताया जा रहा है कि खुफिया जानकारी के मुताबिक ही ये तय किया गया कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद पर कहा करारा प्रहार करना है. जिसे इंडियन एयरफोर्स ने सटीक तरीके से अंजाम दिया. पाकिस्तान ने माना है कि इंडियन एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट उसकी सीमा में घुसे हैं, हालांकि वो ये कहने में जुटा है कि भारतीय एयरक्राफ्ट कुछ पेलोड गिराकर वापस लौट गए, कोई कैजुअली या नुकसान नहीं हुआ. अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा है कि भारत ने सीमाओं का उल्लंघन किया है और इसका जवाब वो देंगे.
पुलवामा के बाद ये आखिरी कदम नहीं!
ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि पुलवामा हमले के बाद ये भारत का आखिरी कदम है. ऐसा हो सकता है कि ऐसे कई दूसरे ऑपरेशन की भी सेना और सरकार की तैयारी हो, जिसे आगे आने वाले दिनों में अंजाम दिया जा सकता है.
राजनीति पर भी होगा असर
अब इस कार्रवाई राजनीति और चुनाव प्रचार पर क्या असर पड़ेगा ये समझ लेते हैं. जाहिर है कि बीजेपी चाहेगी कि चुनाव तक ‘कर चले हम फिदा, जाने तन साथियों’ का माहौल बना रहे. सरहद पर जो गतिविधियां दिख रही हैं, उसका असर तो चुनाव प्रचार में दिखेगा ही, लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि देश का वोटर सिर्फ इसी मुद्दे को वोट देते वक्त याद रखेगा.
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