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39 भारतीयों की मौत के सबूत जुटाने में वक्त लगा: सुषमा स्वराज

सुषमा ने बताया कि डीएनए के जरिए 38 लोगों की पहचान कर दी गई है. सिर्फ 1 की पहचान बाकी है.

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में सोमवार को इराक के मोसुल से अगवा किए गए सभी 39 भारतीयों के मारे जाने की पुष्टि की. उन्होंने मीडिया के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जिसमें उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने लोकसभा में जो किया वो बेहद शर्मनाक है. लोकसभा में कांग्रेस ने इतने संवेदनशील मुद्दे पर मेरा बयान नहीं होने दिया. कांग्रेस ने जानबूझकर हंगामा किया, राज्यसभा में बयान हुआ लेकिन लोकसभा में कांग्रेस ने बयान नहीं होने दिया.''

दरअसल, सुषमा लोकसभा में भी भारतीयों की मौत की खबर देने पहुंची थीं, लेकिन वहां कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा कर दिया और सुषमा अपना बयान पूरा नहीं कर पाईं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ये बाते कहीं-

  • 2014 से मार्च 2018 तक सरकार लगातार लोगों की तलाश करती रही.
  • इराक सरकार से मदद ली गई, सैटेलाइट की मदद ली गई और टीले की जांच कराई गई तब जाकर शव निकालने का काम शुरु हुआ.
  • डीएनए के जरिए 38 लोगों की पहचान कर दी गई है. सिर्फ 1 की पहचान बाकी है.
  • 27 लोग पंजाब के हैं, चार लोग हिमाचल के हैं, छह बिहार के और दो पश्चिम बंगाल के हैं.
  • जिस व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हुई है वो बिहार का राजू यादव है जिसकी पहचान नहीं हो पाई है.
  • जल्दी से जल्दी शवों को इराक से लाया जाएगा. कॉफिन तैयार किए जा रहे हैं.
  • औपचारिकता पूरी होते ही सभी शवों को ससम्मान भारत लाया जाएगा.
  • विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह विमान से शवों को अमृतसर और जालंधर ले जांएगे फिर विमान पटना जाएगा. इसके बाद विमान कोलकाता ले जाया जाएगा जहां शवों को सौंपा जाएगा.
  • लोगों का गुस्सा स्वाभाविक है. लेकिन मैंने उन्हें कभी अंधेरे में नहीं रखा. मैंने हमेशा कहा था कि सबूत नहीं हैं जीवित होने के या मौत के, इसलिए जांच का इंतजार किया.
  • जो वचन मैंने दिया तो निभाया.
  • मैं अधपकी चीज के साथ केस का क्लोजर नहीं करना चाहती थी. संसद में लोकसभा में सुनने नहीं दिया.
  • हरजीत मसीह की कहानी पर भरोसा करके ऐलान करते तो काम बहुत गैर जिम्मेदार होता. जब तक सबूत नहीं मिलते तब तक सरकार घोषणा नहीं कर सकती थी.
  • किसी व्यक्ति के कहने से हम पूरी तरह यकीन नहीं कर सकते थे. मोदी सरकार जिम्मेदार सरकार है सारे सबूत मिलने के बाद ही हमने ऐलान किया.
  • मोसुल में आईएस की हार के बाद लापता लोगों की खोज शुरू हुई.
  • इन भारतीयों को कब मारा गया इसका सवाल मिलना मुश्किल है.
  • मोसुल में हर देश के नागरिक मारे गए, चीन, जापान, भारत वगैरह.
  • भारत शायद पहला देश होगा जो मारे गए लोगों के शव को लेकर आ रहा है.
  • सितंबर से डीएनए लेने शुरू किए गए, टीला खुदवाया गया तब जाकर एक्शन तेज हुए.
  • हरजीत मसीह को प्रताड़ित नहीं किया गया, वो सिर्फ पुलिस सुरक्षा सें रखा गया था.
  • 39 भारतीय कैसे मारे गए अभी तक ये स्पष्ट नहीं है.
  • बर्बर आतंकी संगठन आईएस के लोगों को सजा दिलाने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना पड़ेगा.

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