देश में चुनाव की तारीखों को लेकर बहस छिड़ गई है कि इससे किसी पार्टी विशेष को फायदा मिल सकता है. पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने क्विंट हिन्दी से बातचीत में माना कि इससे सभी राजनीतिक दलों को फायदा होगा.
कुरैशी जुलाई, 2010 से जून, 2012 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे हैं
लोकसभा चुनाव तारीखों का ऐलान कितना चौंकाने वाला है?
आपने पिछले 20 सालों में देखा होगा. हम इस तरह से ही 5,6,7 फेज में चुनाव कराते रहे हैं. पिछली बार 9 फेज में चुनाव हुए. इसका सिर्फ एक ही मकसद है वोटर और पार्टियों की सुरक्षा.
इतने लंबे चुनाव प्रकिया से पार्टियों को फायदा होगा?
ये सच है कि इतने फेज में चुनाव होने से हमें कुछ परेशानियां हो रही हैं, ज्यादातर इस बात से कि 2 फेज के बीच ही कई तरह की अफवाहें फैलने लगती हैं. जो चुनाव के लिए सही नहीं है.
क्या चुनाव आयोग कभी-कभी पक्षपात करता है?
मैं सिर्फ लोगों की बातें कर रहा हूं. कोई प्रभाव नहीं होता है. लेकिन ये भी सच्चाई है कि लोग उंगली उठा रहे हैं. ये भी बुरा है. इससे चुनाव आयोग पर बुरा असर होता है. अगर आप मेरे खिलाफ गलत आरोप लगाएंगे कि मैं सरकार के दबाव में काम करता हूं, तो बुरा लगता है.
पश्चिम बंगाल में 5 फेज से 7 फेज का चुनाव क्यों किया गया?
पिछले कई सालों से पश्चिम बंगाल में कई फेज में चुनाव हो रहे हैं. 2012 या 13 में एक आकार वाले दोनों राज्य तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में अलग चुनाव हुए. तमिलनाडु में 1 दिन में और प. बंगाल में 5 -7 फेज में चुनाव हुए. तमिलनाडु में पैसे की ताकत है और पश्चिम बंगाल में बंदूक और बम की. इसीलिए एक ही चुनाव एक ही समय में अलग-अलग तरीके से हमने संभाला. क्योंकि जमीनी हकीकत अलग थी.
चुनाव आयोग ने रमजान को लेकर सफाई दी, लेकिन पं. बंगाल और उड़ीसा के लिए क्यों नहीं ?
मुझे नहीं पता, आप सही कह रही हैं, मुझे लगता है कि चुनाव आयोग को बात करनी चाहिए. 10 में 9 लोग बताने से संतुष्ट हो जाते हैं
जम्मू कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ क्यों नहीं कराए जा रहे हैं?
विधानसभा में उम्मीदवारों की संख्या 10 गुना होती है. जम्मू कश्मीर में 6 लोकसभा क्षेत्र हैं. वहीं एक लोकसभा क्षेत्र में 13-14 विधानसभा सीट और
एक लोकसभा के 14 विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 10 उम्मीदवार. इसका मतलब एक सांसद और 15 विधानसभा के विधायक,आप समझ सकते हैं कि कितने उम्मीदवार हुए. उन सबको सुरक्षा देना, उनके घर को सुरक्षित रखना, ऑफिस को सुरक्षा देना. इसका मतलब सुरक्षा की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाएगी.
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