ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP में BJP का विरोध, मुर्दाबाद के नारों पर क्या बोले संजीव बालियान

बीजेपी ने UP के अपने किसान और जाट समाज के नेताओं को कृषि कानूनों को लेकर किसानों को समझाने की जिम्मेदारी दी है.

छोटा
मध्यम
बड़ा

वीडियो एडिटर- कनिष्क दांगी

वीडियो प्रोड्यूसर- मौसमी सिंह

ADVERTISEMENTREMOVE AD

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. पंजाब और हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश के किसान भी विरोध का स्वर तेज कर रहे हैं. कहीं किसानों की चौपाल लग रही है तो कहीं महापंचायत. इन सबके बीच बीजेपी के नेताओं से लेकर मंत्रियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

बीजेपी के सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) को भी ऐसे ही विरोधों का सामना करना पड़ा. जब हमने संजीव बालियान से विरोध पर सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा कि विरोध करने वाले किसान नहीं बल्कि विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और आरएलडी के कार्यकर्ता हैं. उन्होंने कहा,

“इन लोगों को किसान मत कहिए, किसान पवित्र शब्द है. राजनीतिक दलों के लोग को किसान नहीं कहिए. इन लोगों का हक है विरोध करना, लेकिन मेरा अनुरोध है कि अपनी सीमाओं में रहकर विरोध करें.”

बता दें कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के अपने किसान नेताओं और जाट समाज के नेताओं को किसानों के बीच जाकर कृषि कानूनों को लेकर सरकार का पक्ष समझाने की जिम्मेदारी दी है. इसी को देखते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान गांव-गांव जाकर खाप चौधरियों से बातचीत कर रहे हैं. क्विंट ने भी मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान से मुलाकात की और किसान आंदोलन से लेकर आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के वोट पर क्या असर पड़ रहा है इसपर सवाल किए.

राजनीतिक दल को छोड़ दीजिए, क्या किसान नाराज हैं?

कुछ नाराज हैं, नाराजगी है, सब अपने हैं. समझा लेंगे, मना लेंगे. या उनकी बात मान लेंगे. इन्हीं लोगों ने सरकार बनाई है, आज ये सरकार है तो इन सबकी वजह से. राजनीतिक दल किसानों के आंदोलन का फायदा उठाना चाह रहे हैं. किसानों के कंधे पर बंदूक रख चलाना चाहते हैं.’

किसान आंदोलन मजबूत होगा तो संजीव बालियान कमजोर होंगे?

इसपर मैं क्या जवाब दे सकता हूं. ये तो भविष्य की बात है. मैं इन लोगों को मना लूंगा. इनके बीच ही रहूंगा.

क्या किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को वोट खिसकने का डर है, क्या असर पड़ा है?

हां, असर तो पड़ा है, मैं मानता हूं कि असर पड़ रहा है. देखिए हमारे पास नरेंद्र मोदी के रूप में केंद्र का नेतृत्व है, योगी जी के रूप में प्रदेश का नेतृत्व है. जब सरकारें चलती है सब लोग संतुष्ट नहीं हो पाते हैं. लेकिन हमने बहुत बेहतर भी किया है. जब चुनाव नजदीक होगा तो हम लोगों के बीच अपनी बात रखेंगे. जनता जरूर समझेगी.

बता दें कि जाटों की जिस खाप से संजीव बालियान आते हैं, उसी खाप से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी हैं. जब क्विंट ने संजीव बालियान से राकेश टिकैत को लेकर सवाल किए तो उन्होंने कहा कि हम उनके बारे में अच्छा सोचते हैं, विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन कोई नफरत नहीं है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×