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गुजरात की आवाज: ‘मुश्किल में BJP’, ‘नेताओं को जनता की चिंता नहीं’

‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.

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गुजरात विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की निगाहें हैं. पीएम मोदी का गृह राज्य होने की वजह से लोग इस चुनाव में खास दिलचस्पी ले रहे हैं. 22 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने के लिए पूरी जान लगा रही है, तो वहीं कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

क्विंट ने गुजरात विधानसभा से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने की खास तैयारी की है. हम गुजरात की आम जनता से बात करके उसके मन की बात आप तक पहुंचा रहे हैं. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.

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‘गुजरात के नागरिकों के बारे में कोई नहीं सोच रहा’

39 साल की सोनल जोशी पेशे से वकील हैं और अहमदाबाद में रहती हैं. उनका कहना है कि गुजरात में राजनीतिक पार्टियां आपस में लड़ रही हैं, लोगों के बारे में किसी को चिंता नहीं.

कोई भी नेता गुजरात की जनता के बारे में नहीं सोच रहा, उन्हें इस बात की चिंता है कि हार्दिक क्या कर रहा है, राहुल गांधी क्या कर रहे हैं, मोदी साहब कितनी सभाएं करने वाले हैं. 
सोनल जोशी, अहमदबाद

सोनल का मानना है नेताओं को इस बारे में ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि वो गुजरात में क्या काम करेंगे. अभी तक उन्होंने क्या किया है और भविष्य में क्या करने की योजना है.

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'इस बार का चुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा'

36 साल की फाल्गुनी पटेल एक फैशन ब्लॉगर हैं और अहमदाबाद में रहती हैं. फाल्गुनी का कहना है कि आजकल गुजरात में हर कोई विकास की बात कर रहा है. चाहे विकास वहां हो या नहीं.

लोगों की आजादी पर लंबे वक्त से बंदिश लगाई गई है. मुझे क्या खाना है क्या नहीं ये भी बताया गया है. मुझे डर है कि भविष्य में क्या पहनना है, क्या नहीं. कहीं ये भी न बताया जाए. 
फाल्गुनी पटेल, अहमदाबाद
जब हम आर्थिक तौर पर विकसित समाज की बात करते हैं, तो हम सिर्फ आर्थिक तरक्की के नजिरये से नहीं देख रहे होते . हम सामाजिक तरक्की की भी बात करते हैं.
फाल्गुनी पटेल, अहमदाबाद

फाल्गुनी का कहना है कि नरेंद्र मोदी की छवि को आगे रख बीजेपी चुनाव लड़ रही है. शायद इसलिए इस बार बीजेपी के लिए मुश्किल होगी. कांग्रेस, बीजेपी के लिए एक बुरे सपने की तरह है.

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'काबिल हूं, लेकिन जनरल कैटेगरी की वजह से पीछे हूं

30 साल की स्नेहा नायक कॉलेज एडमिन में हैं और सूरत में वोट डालती हैं. स्नेहा जनरल कैटेगरी में आती हैं. उनका कहना है कि नेता ऐसा हो, जो आरक्षण के मुद्दे पर ठीक से काम करें.

मैं जनरल कैटेगरी में आती हूं. मैं बोलने में अच्छी हूं, पढ़ाई में अच्छी हूं, कोई काम करने में अच्छी हूं. लेकिन फिर भी ओबीसी, एससी, एसटी जाति के लोगों से पीछे रह जाती हूं. सिर्फ इस आरक्षण के कारण ही ऐसा होता है. 
स्नेहा नायक, सूरत  

उनका मानना है कि जनरल कास्ट होने के कारण उन्हें कई बार उनका हक नहीं मिलता है और आरक्षण में आ रहे लोग आगे बढ़ जाते हैं. इसलिए वो उसी पार्टी का साथ देंगी जो रिजर्वेशन का मुद्दा उठाएगी.

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