ADVERTISEMENTREMOVE AD

बेअदबी क्या है और कानून में इसके लिए क्या सजा का प्रावधान है?

देखिए बेअदबी का मतलब क्या है, कब प्रयोग किया जाता है और इसका कानूनी प्रावधान क्या है?

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की कोशिश करने वाले शख्स की हत्या गई. इसके बाद से मीडिया से लेकर राजनीति तक हर जगह बेअदबी शब्द का जमकर इस्तेमाल हो रहा है.

इससे पहले किसान आंदोलन के दौरान सिंघु बॉर्डर पर निहंग सिखों ने बेअदबी के आरोप में लखबीर सिंह नाम के शख़्स की हत्या कर दी थी.

यानी बीते कुछ दिनों हमें कई बार बेअदबी या Sacrilege शब्द सुनने को मिला है. हम आपको बताते हैं कि क्या है बेअदबी शब्द का मतलब और इसे कब प्रयोग किया जाता है. साथ ही इससे जुड़े कुछ कानून भी हैं जिन्हें देखना जरूरी है, लेकिन पहले बात बेअदबी की करते हैं.

सिख धर्म में बेअदबी की अवधारणा काफी हद तक इस फैक्ट से निकलती है कि सिख गुरु ग्रंथ साहिब को एक 'Living Guru' यानी जीवंत गुरु मानते हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

गुरु ग्रंथ साहिब की जीवंत गुरू के रूप में मान्यता

अब चूंकि गुरु ग्रंथ साहिब को सिख धर्म मे जीवंत गुरु के रूप में माना गया है तो इनसे जुड़ी हर चीज को पवित्र माना जाता है. इसलिए इनसे जुड़ी किसी भी चीज को नुकसान पहुंचाना या अपमान करना सीधे गुरु का अपमान और हमला माना जाता है जिसे बेअदबी कहते हैं.

गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा, 'गुरुद्वारा' जिसका शाब्दिक अर्थ है गुरु का निवास, और गुरु की सेवा में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं पवित्र मानी जाती है. सिखों द्वारा पहनी जाने वाली 'पगड़ी' और 'कृपाण' को भी पवित्र माना गया है. सिखों के बाल और दाढ़ी भी पवित्र हैं और इन्हें छूना या उनका अनादर करना अपमान माना जाता है.

इसके अलावा सिख धार्मिक परंपराओं और प्रथाओं को बदलना या गुरुओं के इतिहास से छेड़छाड़ भी सिख धर्म में अपवित्र माना गया है. यानी गुरु से संबंधित वस्तुओं की पवित्रता को नुकसान पहुंचाना गुरु की बेअदबी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
बेअदबी को लेकर सिखों में रोष की एक वजह ये है कि ऐसे केसेस पर कार्यवाही की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस एक्शन हुआ है और कुछ की फायरिंग में मौत भी हुई है. ऐसी फायरिंग 1978, 1986 और 2015 में हुई थी.

इसे लेकर कानून क्या कहता है.

पंजाब में बेअदबी की सभी घटनाओं के लिए, पुलिस IPC का सेक्शन 295 और 295A लागू करती है. सेक्शन 295 के मामले में सजा दो साल की कैद है. इसमें "पूजा स्थल" या "किसी भी वस्तु को जो पवित्र माना जाता है" उसे नष्ट करना, नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना शामिल है.

सेक्शन 295A में तीन साल के कैद का प्रावधान है. इसे नागरिकों के किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने या जानबूझकर अपमान करने के मामलों में लागू किया जाता है.

सिख धर्म के अनुयायियों का मानना है कि “इन कानूनों में कैद के वर्ष बहुत कम हैं और कई लोग बेअदबी के लिए सजा को बढ़ाये जाने की मांग करते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पाकिस्तान में भी IPC के सेक्शन 295 में इसी तरह दो साल की जेल होती है लेकिन सेक्शन 295A में वहां 10 साल की कैद का प्रावधान है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×