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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए बजट 2020 संसद में पेश कर दिया है. इस बजट में सरकार ने किसान और ग्राम विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा के लिए नए ऐलान किए हैं. साथ ही बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री, छोटे कारोबारी के लिए भी कई नए ऐलान किए. सरकार ने बजट 2020 में खासतौर पर न्यू इकनॉमी के लिए नए ऐलान किए हैं.
भारत में ग्रोथ 5 साल के निचले स्तरों पर है, बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है, निवेश के मोर्चे पर भी काफी दिक्कतें है और अब महंगाई भी अपने पांव पसारती जा रही है. बजट में लोगों की उम्मीदें ज्यादा है, लेकिन सरकार के पास रेवेन्यू कम है. ऐसे में सरकार के लिए मुश्किल होगी वो अपना फिस्कल डिसिप्लेन बनाकर रखें.
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि एक फरवरी, 2020 यानी शनिवार को बजट के दिन घरेलू शेयर बाजार खुला रहेगा और उसमें कारोबार होगा. कारोबार का समय सामान्य रूप से सुबह 9:15 बजे से अपराह्न् 3:30 बजे तक रहेगा. एक्सचेंज का प्री-ओपन ट्रेड सुबह नौ बजे से 9:15 बजे के बीच होगा. एक्सचेंज ने मंगलवार देर रात एक नोटिस के जरिए यह जानकारी दी. आमतौर पर शनिवार को शेयर बाजार बंद रहते हैं.
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरु हो गया. 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. देश में अब तक सबसे ज्यादा बार आम बजट पेश करने का रिकॉर्ड भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है.
क्या इस बार के बजट में रिटायर्ड बुजुर्गों के पैसे को सुरक्षित रखने के कदम उठेंगे? अपनी रकम की सुरक्षा और बेहतर रिटर्न वाले प्रोडक्ट के साथ अच्छी बैंकिंग सुविधा उनका हक है. क्या सरकार यह मांग पूरी करेगी? बुजुर्ग डिपोजिटरों को इस बार सरकार से कई उम्मीदें हैं. देखना है कि इस बार के बजट में ये पूरी होती है नहीं.
जीडीपी ग्रोथ के 11 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के सरकारी अनुमानों के बावजूद शेयर बाजार कुलांचे भर रहा है. निवेशक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को दो साल तक रोकने या पूरी तरह खत्म करने की उम्मीद लगाए बैठा है. साथ ही वह पर्सनल इनकम टैक्स में भी राहत चाहता है ताकि लोगों में हाथ में ज्यादा पैसा बचे और शेयर और फाइनेंशियल मार्केट में निवेश की ओर उनका रुझान बढ़े.
कंज्यूमर गुड्स कंपनियों की उम्मीदें अब पूरी तरह रूरल मार्केट पर टिकी है. साबुन, तेल, शैंपू, बिस्कुट,नमकीन से लेकर, फ्रिज, टीवी और वॉशिंग मशीन बनाने वाली एएफएमसीजी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनियां अपनी निगाहें बजट में ग्रामीण क्षेत्र के लिए की जाने वाली घोषणाओं पर लगाई हुई हैं.
निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही हैं. इससे पहले ये जानना जरूरी है कि वो कौन पांच लोग हैं जो इस साल का 'निर्णायक' बजट बनाने में पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं.
बजट से आम नौकरीपेशा आदमी को उम्मीद रहती है कि उसकी इनकम पर लगने वाला टैक्स कम हो. हालात भी कुछ ऐसे ही कि सरकार चाहेगी कि लोगों की जेब में पैसा आए और उसके लिए सरकार के लिए सरल उपाए होगा कि वो टैक्स का बोझ कम करे. इनकम टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ाकर सरकार ये कर सकती है.
भारत के ऑटो सेक्टर के लिए साल 2019 बेहद निराशाजनक रहा. इकनॉमिक स्लोडाउन के कारण कारों की बिक्री पर बुरा असर हुआ. क्या कार निर्माताओं को इस बजट के बाद कुछ राहत मिलेगी? क्या आम बजट के बाद कीमतों में कमी आएगी? क्या ग्राहकों का भरोसा फिर से कायम होगा और खरीददारों के पास बजट के बाद पैसे होंगे?
ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए यहां क्लिक करें
इकनॉमिक स्लोडाउन की वजह से 2020 का बजट बेहद अहम हो गया है. जीडीपी ग्रोथ में लगातार गिरावट है.निजी निवेश घट गया है और डिमांड का बुरा हाल है. लेकिन कुछ अहम ग्लोबल फैक्टर भी इस बार के बजट पर बड़ा असर डालेंगे. फिलहाल ऐसे तीन ग्लोबल फैक्टर ऐसे हैं जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट का गणित बिगाड़ सकते हैं.
कारोबारी, कंज्यूमर, युवा, निवेशक हर कोई बजट से उम्मीद लगाए हैं कि वित्त मंत्री उनके सेक्टर के लिए क्या खास ऐलान करेंगी. वहीं, नजरें इस बात पर भी रहेंगी कि निर्मला सीतारमण अपने दूसरे बजट के कागजात ब्रीफकेस में लेकर आएंगी, या पिछली बार की तरह उनके हाथ में लाल बही-खाता नजर आएगा.
बजट बैग का इतिहास यहां पढ़िए
बजट से आम नौकरीपेशा आदमी को उम्मीद रहती है कि उसकी इनकम पर लगने वाला टैक्स कम हो. हालात भी कुछ ऐसे ही हैं कि सरकार चाहेगी कि लोगों की जेब में पैसा आए और ऐसा करने के लिए सरकार के पास सरल उपाए होगा कि वो टैक्स का बोझ कम करे. इनकम टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ाकर सरकार ये कर सकती है. कई मीडिया रिपोर्ट ने बताया है कि सरकार टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ाकर आम आदमी को टैक्स में छूट दे सकती है.
देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदों के साथ आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आगामी आम बजट विकास केंद्रित रह सकता है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश करेंगी.
उम्मीद की जा रही है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण देश की आर्थिक विकास को रफ्तार देने और निवेश बढ़ाने को लेकर वित्तीय प्रोत्साहन संबंधी घोषणाएं कर सकती हैं.
आपकी पर्सनल इनकम पर टैक्स घटेगा या नहीं घटेगा. कारोबारियों को राहत मिलेगी या फिर नहीं मिलेगी. कंज्यूमर के लिए तोहफे, युवाओं को रोजगार, इन्वेस्टर्स के लिए खूब सारा रिटर्न कमाने के रास्ते जैसे कई सवालों का जवाब तब मिलेगा, जब 1 फरवरी को देश की फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगीं.
साल 2000 तक अंग्रेजी परंपरा से मुताबिक बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. साल 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार ने सुबह 11 बजे बजट पेश करने की शुरुआत की. साल 2017 से पहले बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था. साल 2017 से 1 फरवरी को बजट पेश करने की शुरुआत हुई.
भारत में जीडीपी ग्रोथ के जो हालात हैं और अर्थव्यवस्था जिस बुरे दौर में पहुंच चुकी है, उसे देखते हुए इस बार 'बिग बैंग' यानी बड़े सुधारों का बजट पेश होगा या फिर यह एक सालाना इवेंट होकर रह जाएगा. आजकल सरकारें बड़े-बडे़ आर्थिक फैसले जब बजट के बाहर लेने लगी हैं तो हो सकता है इसमें इकनॉमी को लेकर कोई बड़ा ऐलान न हो. लेकिन बजट से पहले पीएम की इकनॉमी के स्टेकहोल्डरों से सीधी मुलाकात ने ‘बिग बैंग’ बजट की संभावनाएं भी जगा दी हैं.
बेरोजगारी के चरम, मांग में भारी कमी और निवेश के अकाल की वजह से बेहद मुश्किलों से घिरी अर्थव्यवस्था के दौर में पीएम ने बजट से पहले जो अहम बैठकें की हैं. ग्लोबल एक्सपर्ट से जो मुलाकातें की हैं, उनसे बड़े ऐलानों की संभावनाएं जग गई हैं. इसलिए हो सकता है कि इस बजट में पीएम की निजी छाप हो.
चूंकि शहरी मध्यवर्ग में काफी बेचैनी है, इसलिए हो सकता है वहां पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती हो. लेकिन इसकी संभावना बहुत कम बनती दिख रही है क्योंकि टैक्स वसूली काफी कम रही है. यह पिछली वसूली से भी कम हो गई है. चूंकि सरकार के पास पैसे ही नहीं हैं. लिहाजा वह पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती कर अपना रेवेन्यू कम क्यों करना चाहेगी. दूसरी ओर, कॉरपोरेट टैक्स में कटौती पहले ही हो चुकी है इसलिए और कटौती की संभावना नहीं है.
कॉरपोरेट कटौती का लाभ निवेश के तौर पर तो नहीं हुआ है. यह हो सकता है कि कम इनकम वाले टैक्स पेयर्स यानी 5 से 15 लाख रुपये की कमाई वालों के लिए इनकम टैक्स के स्लैब में थोड़ा चेंज कर उन्हें राहत देने की कोशिश हो. लेकिन ऐसा करने के लिए सरकार अमीरों पर सरचार्ज या कोई नया टैक्स लगा सकती है. यह लगातार कहा जा रहा है कि टैक्स में कटौती की जाए ताकि लोगों के हाथ में पैसा आए और वो ज्यादा खर्च करें और इससे बाजार में फिर मांग पैदा हो.
इकनॉमी को रफ्तार देने के लिए सबसे पहले ग्रामीण इलाकों में खर्च करने की जरूरत पड़ेगी. किसानों, भूमिहीन खेत मजदूरों, सिंचाई परियोजना और नरेगा के मोर्चे पर ध्यान देना होगा. किसानों की आमदनी कैसे बढ़े इस पर ध्यान देना होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वक्त सिंचाई, किसान, छोटी और ग्रामीण सड़कों के विकास पर ध्यान देना होगा. जाने-माने स्टेस्टशियन प्रणब सेन का मानना है कि यह बजट भारत, गरीबी, गांव और किसान पर फोकस हो सकता है. बजट में भूमिहीन खेत मजदूरों पर फोकस हो सकता है.
मार्केट बड़ी उम्मीदों से बजट 2020 को देख रहा है. इकनॉमी की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ रही है. इसलिए भी बाजार में काफी उम्मीदें है कि बजट 2020 से ग्रोथ को रफ्तार मिलेगी, निवेश को सहयोग मिलेगा और सरकार माप-तौल के खर्च करेगी.
रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन, NBFC को सहारे की जरूरत है. कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट काफी अहम हैं. इस बजट में पर्सनल टैक्स में रियायत बढ़ सकती है, जिससे कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट को बढ़ावा मिले. बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को भी सरकार रियायत दे सकती है.
मिडिल क्लास को राहत देने के लिए सरकार होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी कर सकती है. मौजूदा समय में इनकम टैक्स के सेक्शन 24 के तहत ब्याज पर 2 लाख रुपये की छूट मिल रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस रकम को बढ़ाकर 3.5 लाख तक कर सकती है.
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंचीं. आज वो अपना दूसरा बजट पेश करेंगी.
संसद में बजट 2020-21 पेश होने से पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने आवास पर पूजा की.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बजट से पहले कहा, “मोदी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' पर विश्वास करती है. हमें देश भर से सुझाव मिले हैं. सरकार कोशिश कर रही है कि यह बजट सभी के लिए अच्छा हो.”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंच चुकी हैं, यहां पर एक फोटो सेशन हुआ, जिसके बाद अब वो राष्ट्रपति भवन जा रही हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बजट पेश करने की मंजूरी ली जाएगी.
जनवरी में ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू 1,10,828 करोड़ कलेक्ट किया गया है. 31 जनवरी तक दिसंबर के लिए 83 लाख लोगों ने GSTR 3B रिटर्न फाइल किया है.
बजट के दिन शेयर बाजार ने कमजोरी के साथ शुरुआत हुई है. सेंसेक्स करीब 140 प्वाइंट कमजोरी के साथ खुला है.
कैबिनेट सचिव राजीव गाबा बजट पेश होने के पहले संसद भवन पहुंचे.
यूनियन बजट 2020-21 आज संसद में पेश होगा. उसके पहले बजट की प्रिंटेड कॉपियां संसद भवन में पहुंच गईं हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बजट 2020 पेश होने के पहले संसद भवन पहुंचे.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बेटी और उनका परिवार संसद भवन पहुंचा.
कैबिनेट ने बजट 2020 को दी मंजूरी. वित्त मंत्री सीतारमण थोड़ी देर में पेश करेंगी बजट.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2020 पेश किया. बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी.
बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री ने कहा सरकार ने महंगाई पर काबू किया. री-कैप, IBC के जरिए बैंकों की स्थिति सुधरी. GST के कारण ट्रांसपोर्ट में तेजी आई.
GST में धीरे-धीरे स्थिरता आ रही है. इंस्पेक्टर राज को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. पिछले 4 साल में 60 लाख नए टैक्सपेयर जुड़े. अप्रैल 2020 में GST का सरल वर्जन आएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कश्मीरी में पढ़ी ये कविता-
"हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा,
हमारा वतन डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा,
नौजवानों के गरम खून जैसा,
मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन"
सरकार का 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प-
1. उन राज्यों को बढ़ावा जो केंद्र के मॉडल कानूनों को अपनाते हैं
2.100 जिलों में पानी किल्लत दूर करेंगे
3. 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए मदद, 15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंप के लिए मदद. बंजर भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए मदद देंगे
4.रसायनिक खाद के बैलेंस यूज को बढ़ावा देंगे, रसायनिक खाद को सब्सिडी देने की नीति में बदलाव होगा.
5. भारत में 162 मिट्रिक टन वेयर हाउसिंग की क्षमता है. नाबार्ड इन्हें मैप और जियोटैग करेगा. ब्लॉक लेवल पर स्टोरेज क्षमता बढ़ाई जाएगी.
6. गांवों में स्टोरेज स्कीम ताकि किसानों का ट्रांसपोर्ट का खर्च बच सके. धान्य लक्ष्मी महिला सहायक मंडल के द्वारा.
7. कोल्ड स्टोरेज ट्रांसपोर्ट के लिए रेलवे खास कोच बनाएगा.
8. कृषि उड़ान के जरिए देश और विदेशों के रूट पर कृषि उत्पादों के ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था होगी.
9. एक जिले के लिए एक उत्पाद पर जोर दिया जाएगा
10. इंटीग्रेडेट फॉर्मिंग सिस्टम
12.नाबार्ड री फाइनेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा- 15 लाख करोड़ का किसान क्रेडिट
13.मवेशियों में बीमारियों से निपटने के लिए वैक्सीन , 2025 तक मिल्क प्रोसेसिंग क्षमता दोगुनी करेंगे
14. ब्लू इकनॉमी - मछली उत्पादन 2 लाख टन तक बढ़ाने की योजना, युवाओं को सागर मित्र बनाया जएगा.
15.दीन दयाल अंत्योदय योजना - 58 लाख SAG बनाए जाएंगे.
सरकार का 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प
सरकार ने अगले फाइनेंशियल ईयर में शिक्षा के लिए बजट - 99,300 करोड़ तय किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि शिक्षा पर दो लाख सलाह आईं. सरकार ने फैसला किया है कि नई शिक्षा नीति जल्द आएगी. मार्च 2021 तक 150 नए डिप्लोमा संस्थान बनेंगे. एजुकेशन में FDI लाएगी सरकार. अर्बन लोकल बॉडीज में फ्रेश इंजीनियरों को एक साल की इंटर्नशिप मिलेगी. क्वालिटी शिक्षा के लिए - डिग्री लेवल ऑनलाइन एजुकेशन प्रोग्राम, टॉप 100 संस्थान प्रोग्राम चलाएंगे. नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनेगी. जहां जिला अस्पताल हैं, वहां मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना है. विदेशों में शिक्षकों, नर्सों की मांग पूरी करने के लिए सरकार स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम लाएगी.
वित्त मंत्री ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. हर लेवल पर बेटियों की भागीदारी, लड़कों से ज्यादा है. महिलाओं के पोषण और सेहत के लिए टास्क फोर्क का प्रस्ताव किया गया है. महिलाओं और बच्चों के पोषण आहार के लिए सरकार ने 35,300 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है.
बजट में एससी, पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए 85000 करोड़ खर्च किए जाएंगे. एसएसटी के लिए - 53700 करोड़ और बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए - 9500 करोड़ का ऐलान किया गया है.
सरकार ने संस्कृति मंत्रालय के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. जिसे 4 आर्कियोलॉजिकल साइट्स को विकसित किया जाएगा. नए म्यूजियम बनाने का भी ऐलान किया गया है. सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2500 करोड़ खर्च करेगी.
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया है कि सरकार की प्राथमिकताएं- सेहत, वेल्थ क्रिएटर्स को सम्मान, कृषि का विकास, इज ऑफ लिविंग, राष्ट्रीय सुरक्षा है. सरकार का कहना है कि ये पांच बातें राष्ट्र के लिए जरूरी हैं.
वित्त मंत्री ने कहा है कि बिजनेसमैन को लगना चाहिए कि कोई ज्यादती नहीं हो रही. इसके टैक्स पेयर चार्टर को कानून का हिस्सा बनाएंगे. टैक्स पेयर को हरैस नहीं किया जाएगा. सिविल नेचल वाले अपराधों को क्रिमिनल नहीं माना जाएगा. इसके लिए कंपनीज एक्ट में बदलाव करेंगे
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया है कि बैंकों में नॉन गजेडेट भर्तियों में बड़े सुधार होंगे. अब एक ही पोस्ट के लिए मल्टीपल परीक्षा नहीं होगी. भर्ती के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनेगी. साथ ही ऑनलाइन कॉमन टेस्ट होगा और हर जिले में एक परीक्षा केंद्र होगा.
कॉमर्शियल विवादों के लिए सरल हल पर जोर होगा. सटीक डेटा के लिए सरकार नई राष्ट्रीय नीति पर काम करेगी. इंडिया 2020 में G20 समिट की मेजबानी करेगा, इसके लिए सरकार ने 100 करोड़ का बजट तय किया है.
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2020 वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.8% है. वहीं फाइनेंशियल ईयर के लिए 2021 वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.5% रखा गया है. सरकार ने ये भी बताया कि वो रेवेन्यू कैसे जुटाएगी.
सरकार ने तय किया है कि वो LIC में हिस्सेदारी बेचेगी. इसके लिए LIC का IPO आएगा. चुनिंदा सरकारी सिक्योरिटीज को NRI के लिए खोला जाएगा. नए डेट ETF का प्रस्ताव किया गया है. कॉरपोरेट बॉन्डस में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाई जाएगी-9% से बढ़ाकर 15% की जाएगी. NBFC के लिए पूंजी और काम करेंगे. GIFT सिटी में इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज बनेगा. IDBI में सरकारी हिस्सा बेचेंगे.
5 लाख तक की आमदनी पर पहले की तरह अभी भी कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके बाद 5 लाख से 7.5 लाख की इनकम पर 10% टैक्स लगेगा. अगर आपकी इनकम 7.5 से 10 लाख रुपये के बीच है तो आपको उस पर 15% टैक्स लगेगा. 10-12.5 लाख तक की इनकम पर 20% टैक्स लगेगा. वहीं 12.5-15 लाख तक की इनकम पर टैक्स 25% लगेगा. वहीं 15 लाख से ऊपर की इनकम पर 30% टैक्स देना होगा.
सरकार ने कुछ उत्पादों पर छूट हटाई है. वहीं मेडिकल उपकरणों के आयात पर हेल्थ सेस लगेगा. इसको साथ ही महंगे होंगे-फुटवेयर, फर्नीचर.
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तबीयत बिगड़ती नजर आई. वो पूरा बजट भाषण नहीं पढ़ सकीं और बीच में ही बैठ गईं. वित्त मंत्री करीब 2 पेज बिना पढ़े बैठ गईं.
अपने बजट भाषण के आखिरी हिस्से में उन्होंने कई बार पानी पीया, आवाज भी लड़खड़ाती नजर आईं. हरसिमरत कौर उठकर उनके पास भी आईं और शायद उन्हें दवा दी. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें कहा कि अगर वित्त मंत्री चाहे तो बैठ जाएं. जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा, दो ही पेज बचा है, मैं पढ़ लूंगी.
मोदी सरकार के बजट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा है कि सबसे जरूरी मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन सरकार के इस बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखा जिसके युवाओं को रोजगार मिले. उन्होंने कहा कि यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण हो सकता है. लेकिन इसमें कुछ ठोस नहीं था. इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है.
बजट से बाजार में निराश नजर आ रही है. फिलहाल सेंसेक्स में 800 प्वाइंट की गिरावट नजर आ रही है. वहीं निफ्टी करीब 240 प्वाइंट टूटकर 11,722.25 के स्तर पर है. फिलहाल IT को छोड़कर के निफ्टी के सभी सेक्टर इंडेक्स लाल निशान में हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कहा, ''इस बजट में तीन बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है- उम्मीदों का भारत, इकोनॉमिक डेवलेपमेंट और केयरिंग समाज.''
अगर पूरा बजट एक रुपया है तो वो एक रुपया सरकार के पास आएगा कहां से और जाएगा कहां? इसे समझने के लिए यहां क्लिक करें.
बजट पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “बीजेपी सरकार इस बात से गुरेज करती है कि अर्थव्यवस्था को एक वैश्विक आर्थिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. मंदी और तालाबंदी इस सरकार की पहचान बन गई है. पिछली 6 तिमाहियों में विकास दर लगातार गिरकर 5 प्रतिशत से कम हो गई है.”
बजट 2020 पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को बधाई दी. बजट की सराहना करते हुए पीएम ने कहा, "किसान की आय दोगुनी हो, इसके प्रयासों के साथ ही, 16 एक्शन प्वाइंट्स बनाए गए हैं जो ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ाने का काम करेंगे."
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्रों में सुधार के लिए 16 सूत्री कार्ययोजना का ऐलान किया है, जिसका मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है. दरअसल, केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है.
इस योजना के तहत राज्यों की ओर से एक जिला एक उत्पाद की संकल्पना को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसी प्रकार, बारिश पर निर्भर करने वाले क्षेत्र में मधुमक्खी पालन जैसी एकीकृत खेती प्रणाली को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा, पशुओं में होने वाले फुट एंड माउथ डिजीज और भेड़ व बकरियों में होने वाली पीपीआर को 2025 तक खत्म करना भी इस योजना का हिस्सा है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "हमने ग्रामीण क्षेत्र में बहुत बल दिया है. पिछले एक दशक में अगर 27 करोड़ के करीब लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं, तो इसका कारण है कि सरकार ने इसपर फोकस किया है."
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने लेाकसभा में पेश आम बजट को दिशाहीन बजट बताया. बजट पर प्रतिक्रिया देने के लिए उन्होंने ट्वीट किया, "यह बजट धन उपार्जन के उपायों को लेकर बिल्कुल दिशाहीन है. इस दिशाहीन बजट में युवाओं को नौकरी देने का कोई जिक्र नहीं.अर्थव्यवस्था में और मंदी आएगी."
उन्होंने आगे लिखा, "यह सरकार रेलवे, एलआईसी, बीएसएनएल की तरह दूसरे पीएसयू को अपने प्रिय पूंजीपतियों को औने-पौने दाम पर बेचकर बीजेपी के लिए चुनावों का खर्च निकालना चाहती है."
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बजट को आंकड़ों का मायाजाल और निराशाजनक बताया. कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, "आज देश की वित्तमंत्री द्वारा पेश आम बजट का भाषण लंबा जरूर रहा, लेकिन पूरी तरह से आंकड़ों का मायाजाल होकर, देश के लिए निराशाजनक और हवाई सपने दिखाने वाला है. इसमें गांव, गरीब, किसान, युवा, रोजगार, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं है."
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने आम बजट 2020-21 को विकासोन्मुखी बजट बताया है. संसद में बजट पेश होने के बाद राम विलास पासवान ने ट्वीट के जरिए आम बजट 2020-21 को ऐतिहासिक और विकासोन्मुखी बजट बताया.
उन्होंने कहा, "यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने, आम आदमी की आय सुनिश्चित करने, उनकी क्रय शक्ति को बढ़ाने और देश की प्रगति को गति देने वाला बजट है."
बीजेपी के महासचिव डॉक्टर अनिल जैन ने आम बजट को नए भारत का बजट बताया है. जैन के अनुसार, भारत कैसा होगा, इस बजट से पता चलता है. जैन ने कहा, "हमारी सरकार में महंगाई और बेरोजगारी पर हम लगाम लगाने में सफल हुए हैं. कुछ समय के लिए महंगाई बढ़ी जरूर थी, लेकिन हम इस पर काबू पा लेंगे. पहले मुद्रास्फीति (महंगाई)10.5 प्रतिशत थी, हम इसे 2.5 तक लाने में सफल रहे थे. पूरे विश्व मे मंदी है, यह खत्म हो जाने के बाद मुद्रास्फीति काबू में आ जाएगी."
बजट पर महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा, "आज का बजट बहुत निराशाजनक रहा क्योंकि महाराष्ट्र सबसे ज्यादा टैक्स देता है लेकिन महाराष्ट्र के लिए बजट में कुछ नहीं था. इस बजट में नया कुछ नहीं है, जो पुराना है उसे नए तरीके से दिखा रहे हैं."
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बजट पर कहा, "हेल्थ रिसर्च विभाग का बजट 10 प्रतिशत बढ़ा है. स्वास्थ्य मंत्रालय का बजट 3.75 प्रतिशत बढ़ा है. हमारे
महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट हैं उनको पूरी ताकत के साथ समर्थन करने का बजट में उल्लेख है."
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