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चर्च में तोड़फोड़, प्रार्थना करते लोगों पर हमला, स्कूलों पर हमला, खुले में नमाज का विरोध...
हाल के दिनों में भारत में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की लिस्ट बनाई जाए, तो ये काफी लंबी हो जाएगी. पिछले दो महीनों में भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कारणों से मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है.
'लव जिहाद' चिल्ला-चिल्लाकर अक्सर राइट-विंग संगठन मुस्लिम समुदाय पर धर्म परिवर्तन के आरोप लगाते आए हैं. लेकिन हाल ही में देखा जा रहा है कि राइट-विंग के निशाने पर केवल मुस्लिम समुदाय ही नहीं, बल्कि चर्च और कॉन्वेंट स्कूल भी हैं. हाल के दिनों में राइट-विंग संगठनों द्वारा ईसाई धर्म को निशाना बनाने की कई खबरें सामने आई हैं.
10 दिसंबर को कर्नाटक के कोलर में राइट-विंग संगठन के कुछ लोगों ने ईसाई धर्म की धार्मिक किताबों को आग के हवाले कर दिया. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना उस समय हुई जब ईसाई समुदाय के लोग प्रचार अभियान के तहत घर-घर जा रहे थे. राइट-विंग संगठन के लोगों ने उन्हें रोका और पूछताछ की जिसके बाद उन्होंने किताबें छीन लीं और उनमें आग लगा दी.
28 नवंबर को कर्नाटक के हासन जिले में बजरंग दल के सदस्य एक प्रार्थना कक्ष में जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए घुस गए. सामने आए विजुअल्स में कर्नाटक में बजरंग दल के सदस्यों को प्रार्थना को रोकते हुए और लोगों को प्रार्थना कक्ष से बाहर निकलने के लिए मजबूर करते हुए दिखाया गया है.
28 नवंबर को दिल्ली के द्वारका में कुछ लोगों ने एक चर्च में तोड़फोड़ कर दी. एक गोदाम को चर्च में तब्दील किया गया था. एक पुलिस अफसर ने नाम ने छापने की शर्त पर क्विंट को बताया कि स्थानीय लोगों ने गोदाम को चर्च में तब्दील करने पर आपत्ति जताई थी और परिवर्तन को लेकर सवाल खड़ा किया था. चर्च में तोड़फोड़ करने वाले लोग कथित तौर पर राइट-विंग संगठन बजरंग दल से थे और जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे.
3 अक्टूबर को उत्तराखंड के रुड़की में राइट-विंग संगठन से जुड़े 200 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने एक चर्च में तोड़फोड़ की. इस हमले में कई लोग घायल हो गए. चर्च के पादरी की पत्नी FIR दर्ज करते हुए कहा कि स्थानीय विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल और बीजेपी की युवा शाखा के सदस्यों ने उपस्थित लोगों के साथ बर्बरता करते हुए प्रार्थना कक्ष में प्रवेश किया.
कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी भी इसी नफरती भीड़ का शिकार हुए हैं. हाल ही में उनके बेंगलुरू में एक शो कैंसल हो गया और गुड़गांव कॉमेडी फेस्टिवल से उन्हें हटा दिया गया. बेंगलुरू पुलिस ने शो के आयोजकों को लेटर लिखकर ऑर्गनाइजर्स से शो कैंसल करने के लिए कहा. शो कैंसल करने के लिए पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला किया. वहीं, गोवा में 500 से ज्यादा लोगों के शो होने पर आत्मदाह की धमकी देने के बाद आयोजकों ने शो कैंसल करने का फैसला किया.
वहीं, हाल ही में गुड़गांव कॉमेडी फेस्टिवल के आयोजकों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए फारूकी का नाम कार्यक्रम से हटा दिया. आयोजकों का कहना था कि फारूकी के विरोध में उन्हें लगातार कॉल और मैसेज आ रहे थे.
अपने खुद के शब्दों में, फारूकी उस गलती की सजा भुगत रहे हैं, जो उन्होंने की ही नहीं. नए साल के मौके पर, उन्हें इंदौर में एक स्टैंड-अप शो के दौरान गिरफ्तार किया गया था. आरोप था कि फारूकी ने एक शो में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की. हालांकि, रिपोर्ट्स में सामने आया था कि इंदौर पुलिस को ये दिखाने के लिए कोई वीडियो सबूत नहीं मिला था कि फारूकी ने शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया.
पिछले कुछ महीनों से गुरुग्राम के कई इलाकों में खुले में नमाज का विरोध किया जा रहा है. शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज में इस हफ्ते भी खलल डाला गया, जब राइट-विंग समबूहों के कुछ लोगों ने सेक्टर 37 में मुस्लिम विरोधी नारे लगाए. समूहों ने वैसे तो दावा किया कि वो कुन्नूर में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए CDS जनरल बिपिन रावत और अन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुए थे.
राइट-विंग संगठनों ने गुरुग्राम में होने वाली खुले में नमाज पर कई बार बवाल किया है. खुले में नमाज रोकने के लिए कहीं सड़कों पर गोबर पाथ दिए गए तो कहीं अजीब से तर्क दिए गए कि यहां वॉलीवॉल कोर्ट बनाएंगे. जब प्रशासन की तरफ से मुस्लिम समुदाय को जमीन मुहैय्या कराई गई, तो भी राइट-विंग की आपत्ति खत्म नहीं हुई. इसके बाद भी 10 दिसंबर को गुरुग्राम के सेक्टर 37 में न केवल नमाज का विरोध किया गया, बल्कि मुस्लिम विरोधी नारे भी लगाए गए.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद एक तरह से इन संगठनों का समर्थन करते नजर आए. सेक्टर 37 में हुई घटना के बाद उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा,
मुख्यमंत्री के बोल इन उत्पाती लोगों पर लगाम कसने की बजाय इन्हें बढ़ावा देते ज्यादा नजर आते हैं.
अक्टूबर में उत्तरी त्रिपुरा में दो दुकानों में आग लगाने और एक मस्जिद में तोड़फोड़ की खबर सामने आई थी. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने रैलियां निकाली थीं. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने रैली के दौरान जमकर हुड़दंग मचाया और हिंसा पर उतर आए. पहले मस्जिदों में पथराव किया गया और इसके बाद कई दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. कुछ दुकानों को आग लगाने की भी कोशिश की गई.
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