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टूलकिट मामले में आरोपी दिशा रवि पर किए जा रहे कई झूठे दावों से लेकर इंडियन ऑयल को अडानी को बेचे जाने के दावे तक. पिछले हफ्ते ‘वेबकूफ टीम’ ने कई फेक पोस्ट की पड़ताल की और सच आप तक पहुंचाया. पिछले हफ्ते में किन-किन फेक पोस्ट का फैक्ट चेक किया गया, यहां जानिए.
सोशल मीडिया में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के नाम और उनके धर्म को लेकर गलत दावा किया जा रहा है. फेसबुक और ट्विटर में कई यूजर्स उनके नाम को लेकर पोस्ट कर रहे हैं कि उनका नाम दिशा रवि नहीं, बल्कि दिशा रवि जोसेफ है. इसके अलावा ये गलत जानकारी भी फैलाई जा रही है कि वो 'सिंगल मदर' हैं.
दिशा रवि के ईसाई होने के दावे से संबंधित हमें The News Minute वेबसाइट की एक रिपोर्ट मिली जिसमें दिशा रवि के वकील और उनके फैमिली फ्रैंड प्रसन्ना आर को कोट करके लिखा गया है कि दिशा रवि हिंदू हैं और उनका पूरा नाम दिशा अन्नप्पा रवि है.
Times Now ने अपने एक आर्टिकल में दिशा रवि को 'सिंगल मदर' लिखा था जिसे बाद में हटा गया. इस रिपोर्ट के बाद ही ये गलत दावा सोशल मीडिया में शेयर होने लगा. हमें The Print, The Hindu और The Indian Express की रिपोर्ट मिलीं जिनमें ये लिखा था कि दिशा रवि की मां ‘सिंगल मदर’ हैं.
पड़ताल में हमने पाया कि दिशा रवि के ईसाई होने और सिंगल मदर होने के दावे गलत हैं
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दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) की समर्थक अंकिता शाह की एक फोटो इस झूठे दावे से वायरल हो रही है कि केजरीवाल निकिता जैकब के साथ खड़े दिख रहे है. दावे के साथ शेयर किए जा रहे कैप्शन में लिखा है - “निकीता जैकब जो टूलकिट मामले में फरार है.
फोटो की पड़ताल में हमने पाया कि फोटो में केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी समर्थक अंकिता शाह हैं. यह फोटो अंकिता ने 2019 में खुद अपलोड की थी. अंकिता शाह और निकिता जैकब की फोटो को मिलाने पर स्पष्ट अंतर दिख रहा है.
वायरल फोटो में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, निकिता जैकब के साथ नहीं अंकिता शाह के साथ हैं.
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सोशल मीडिया पर पेट्रोल/गैस स्टेशन की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें Indian Oil -Adani Gas लिखा दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि इंडियन ऑइल, अडानी ग्रुप को बेच दिया गया है. इस दावे के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की काफी आलोचना भी हो रही है.
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की ऑफिशियल वेबसाइट चेक करने पर हमें पता चला कि इंडियन ऑयल ने कई निजी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है. वेबसाइट पर इन कंपनियों की सूची है और इस सूची में Adani Gas Ltd.. का भी नाम है.
पड़ताल में हमने पाया कि वायरल फोटो में दिख रहा इंडियन ऑयल - अडानी गैस लिमिटेड एक जॉइंट वेंचर है. इसमें अडानी और इंडियन ऑयल की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ये पार्टनरशिप 2013 में ही हो चुकी है और ये दावा झूठा है.
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सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि मशहूर रेसलर अंडरटेकर भी भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में उतर आए हैं. दावे के साथ किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए अंडरटेकर के एक कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी वायरल हो रहा है.
वेबकूफ की पड़ताल में ये स्क्रीनशॉट फेक निकला. दावे की पुष्टि के लिए हमने अंडरटेकर का ऑफिशियल ट्विटर हैंडल चेक किया. 17 दिसंबर, 2020 के ट्वीट में हमें वही फोटो मिली, जो वायरल स्क्रीनशॉट में है. लेकिन, ये ट्वीट अंडरटेकर ने किसान आंदोलन को लेकर नहीं किया है. ये ट्वीट समाजसेवा से जुड़े एक प्रोग्राम को लेकर है.
वायरल स्क्रीनशॉट और असली ट्वीट को मिलाने पर साफ हो रहा है कि एडिटिंग के जरिए किसान आंदोलन से जुड़ा ट्वीट जोड़ा गया है. ट्वीट के फॉन्ट में दिख रहे अंतर से भी साफ हो रहा है कि वायरल स्क्रीनशॉट असली नहीं है और ये दावा झूठा है.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में लोग भगवा झंडा लेकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि इसमें दिख रहे लोग बजरंग दल के हैं और किसान आंदोलन के समर्थन में उतर आए हैं.
इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा जा रहा है - ''बजरंग दल ने किसान विरोधी काले कृषि कानून के खिलाफ विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर बोला. अब उनको सच्चाई पता चल गई है यह चौकीदार नहीं चोर है.''
क्विंट ने जब इस वीडियो की जांच की तो पाया कि ये वीडियो महाराष्ट्र के हिंगोली जिले का है. शिवसेना के विधायक संतोष बांगर ने यहां शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया था.
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अमित शाह के स्टेज से गिरने का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि कोलकाता में किसानों की रैली के दौरान अमित शाह स्टेज से गिरे.
हमने कीवर्ड कीवर्ड सर्च करके देखा. हमें The Times of India की एक रिपोर्ट मिली जिसमें यह वीडियो था. इसे नवंबर 2018 में पब्लिश किया गया था. हमें NDTV की भी एक रिपोर्ट मिली जिसमें इस घटना के बारे में लिखा गया है और कहा गया है कि ये घटना अशोकनगर के तुलसी पार्क की है.
मतलब साफ है कि अमित शाह के गिरने के एक ढाई साल पुराने वीडियो को कोलकाता का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. ये वीडियो कोलकाता का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश का है.
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सोशल मीडिया पर सचिन तेंदुलकर के नाम से एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है जिसमें पत्रकार राणा अयूब को जवाब दिया गया है.
जब हमने सचिन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल को देखा तो पाया कि उनका ट्विटर हैंडल '@sachin_rt' है जबकि राणा अयूब को ‘ ‘@Sachin_rts_’’ से जवाब दिया गया था. इसके बाद राणा अयूब के ट्वीट और उस पर आए कमेंट की जांच करने पर हमने पाया कि इस फेक अकाउंट का नाम बदलकर ‘Indian Premier League’ कर दिया गया है.
मतलब साफ है कि राणा अयूब के ट्वीट पर सचिन तेंदुलकर के फेक अकाउंट से दिए गए जवाब को 'सचिन तेंदुलकर का राणा अयूब को मुंहतोड़ जवाब' के गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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