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दिल्ली में निक्की यादव मर्डर केस (Nikki Yadav Murder Case) से जुड़े झूठे सांप्रदायिक दावों से लेकर पाकिस्तान (Pakistan) में ईशनिंदा के आरोपी की हत्या तक. इस हफ्ते सोशल मीडिया पर कई झूठे दावे वायरल हुए.
ऐसे तमाम झूठे दावों की पड़ताल कर क्विंट हिंदी की वेबकूफ टीम ने आपको उनका सच बतायाा. ऐसे 5 झूठे दावों का सच यहां जानिए.
दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी को साहिल गहलोत नाम के एक शख्स को अपनी लिव-इन पार्टनर निक्की यादव की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुए साहिल गहलोत की तस्वीरें शेयर कर इसे लव जिहाद का मामला बताया गया है.
पड़ताल में हमने पाया कि इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है. मामले में आरोपी का नाम साहिल गहलोत और मृतका का नाम निक्की यादव है. मृतका और आरोपी दोनों एक ही समुदाय से हैं.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर एसडी मिश्रा ने क्विंट को बताया ''मामले में गिरफ्तार आरोपी साहिल गहलोत मुस्लिम समुदाय से नहीं है.''
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पाकिस्तान के एक वीडियो में कई लोगों की एक भीड़ युवक को पीटती और फिर उसे आग लगाती दिख रही है. वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि पाकिस्तान के पंजाब में इस्लामिक भीड़ ने ननकाना साहिब पुलिस थाने पर हमला किया और ईशनिंदा करने वाले वारिस इस्सा नाम के एक ईसाई को पीटकर मार डाला.
ये वीडियो पाकिस्तान के ननकाना साहिब का है. जहां, 11 फरवरी को ईशनिंदा के एक आरोपी शख्स को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाकर उसकी हत्या कर दी गई है. लेकिन,जिस शख्स की हत्या हुई वो ईसाई नहीं, बल्कि मुस्लिम है और उसका नाम वारिस अली है.
ननकाना साहिब में संबंधित थाने के SHO जफर सईद ने भी पुष्टि की कि जिस शख्स की हत्या की गई वो मुस्लिम है. साफ है कि वायरल दावा गलत है.
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सोशल मीडिया पर एक शख्स की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें शख्स के कटे हुए जख्मी होंठ दिख रहे हैं. फोटो को सांप्रदायिक एंगल (Communal Angle) से शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मोहम्मद इसरार नाम के एक शख्स ने एक महिला का रेप करने की कोशिश करते समय उसे जबरन किस करने की कोशिश की, तो महिला ने उसका होंठ काट लिया.
फोटो में दिख रहे शख्स का नाम मोहित सैनी है, जो उत्तर प्रदेश के मेरठ का रहने वाला है. मोहित पर 4 फरवरी 2023 को यूपी के दौराला में एक महिला से रेप की कोशिश का आरोप है.
पुलिस और एफआईआर दोनों के मुताबिक, आरोपी शख्स मुस्लिम नहीं है. और मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
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सोशल मीडिया पर एक रोती हुई लड़की का वीडियो 2019 के पुलवामा हमले (Pulwama Attack) से जोड़कर शेयर किया गया. वीडियो में लड़की के आसपास आर्मी के जवान दिख रहे हैं.
ये वीडियो जनवरी 2015 का है. वीडियो में दिवंगत कर्नल एमएन राय की बेटी अल्का राय दिख रही हैं. कर्नल राय 2/9 गोरखा राइफल्स में थे.जिन्हें 26 जनवरी 2015 को युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था. इसके एक दिन बाद कश्मीर के त्राल में आतंकियों से मुठभेड़ में वो शहीद हो गए थे.
जबकि पुलवामा में हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था. यानी वायरल वीडियो पुलवामा हमले से 4 साल पहले का है. साफ है कि वायरल दावा गलत है.
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सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुई जिसमें एक मंदिर के अंदर 786 लिखी हरे रंग की चादर दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एक मंदिर की हैं. और गुंडरदेही में स्थित मां चंडी मंदिर पर वक्फ बोर्ड अपना दावा कर रहा है कि ये उनकी संपत्ति है.
मंदिर में हरा झंडा तो देखा जा सकता है लेकिन ये दावा गलत है कि वक्फ बोर्ड इस मंदिर पर अपना दावा ठोका है.
मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन ने भी इस दावे को गलत बताया है. कई न्यूज रिपोर्ट्स में भी इस मंदिर से जुड़ी जानकारी है, जिनमें बताया गया है कि यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग अपनी-अपनी झोली फैलाकर आते हैं.
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